सर्वोच्च बलिदान देने वाले युवा गोरखा नायक शहीद थापा का आज किया जाएगा अंतिम संस्कार
अशोक झा, सिलीगुड़ी: जम्मू-कश्मीर के डोडा में आतंकवादियों के साथ लड़ते हुए शहीद हुए कैप्टन बृजेश थापा का पार्थिव शरीर बृहस्पतिवार को दार्जिलिंग जिले के लेबोंग में स्थित उनके गृहनगर ले जाया गया।
सिलीगुड़ी से लेबोंग तक सड़कों के दोनों ओर लोग एकत्रित हुए और देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले युवा गोरखा नायक को नम आंखों से विदाई दी। सेना के कर्मियों, राज्य सरकार के अधिकारियों और कई अन्य लोगों के साथ, फूलों से सजे वाहन से कैप्टन थापा का पार्थिव शरीर लेबोंग के जिंग टी एस्टेट स्थित उनके पैतृक घर ले जाया गया। एकत्र भीड़ ने लगाए ‘बृजेश थापा अमर रहे’ के नारे दार्जिलिंग की जिलाधिकारी प्रीति गोयल ने पुष्टि की कि अंतिम संस्कार शुक्रवार सुबह किया जाएगा। जब लेबोंग के रास्ते में कुर्सियांग, सोनादा, घूम और दार्जिलिंग जैसे शहरों में शहीद सैनिक को श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी भीड़ एकत्र हुई तब ‘बृजेश थापा अमर रहे’ के नारे हवा में गूंज रहे थे। पार्थिव शरीर बृहस्पतिवार शाम को लेबोंग स्थित थापा के घर ले जाया गया, जहां पड़ोसियों और आसपास के इलाकों से लोग उनके घर पर उमड़ पड़े। दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट, पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और अन्य लोगों ने बुधवार को बेंगडुबी सैन्य स्टेशन पर शहीद अधिकारी को श्रद्धांजलि दी। मार्च में छुट्टी पर आए थे घर जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में घायल होने के बाद कैप्टन समेत चार सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। अपने परिवार से तीसरी पीढ़ी के सेना के अधिकारी कैप्टन थापा 27 वर्ष के थे और पांच साल पहले भारतीय सेना में शामिल हुए थे। शहीद अधिकारी की मां नीलिमा ने बताया कि वह सेना की 145 एयर डिफेंस रेजिमेंट से थे और 10 राष्ट्रीय राइफल्स में प्रतिनियुक्ति पर थे। उन्होंने बताया कि वह मार्च में छुट्टी पर घर आए थे।