क्या सिर्फ वोटबैंक के कारण ही हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर मुंह नहीं खोल रहा विपक्ष
क्या सिर्फ वोटबैंक के कारण ही हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर मुंह नहीं खोल रहा विपक्ष
– कहा, इस बात को नहीं भूलना चाहिए की यह है अपने बच्चे
अशोक झा, सिलीगुड़ी : बांग्लादेश में हो रहा विरोध अब हिंदू विरोधी हो गया है। केंद्र सरकार को इसके खिलाफ तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए और हिंदू बहुल क्षेत्र का भारत में विलय करने के लिए बांग्लादेश में प्रवेश करना चाहिए। यहां के हिंदुओं को बांग्लादेश में समुदाय के सदस्यों की सुरक्षा की मांग को लेकर इसका आह्वान हिंदू सुरक्षा मंच महानगर की ओर से किया गया था। ज्यों ज्यों समय बीत रहा था त्यों त्यों वहां एकत्र भीड़ जय श्री राम, भारत माता की जय के नारे लगा रही थी। विधायक शंकर घोष, शीखा चटर्जी , शिव प्रतिक रूद्र, सुशील रामपुरिया तथा सीताराम डालमिया का
कहना है की बांग्लादेश की हिंसा पर दुख व चिंता है लेकिन दुर्भाग्य यह है भारत के विरोधी दल और उनके प्रवक्ता इसमें भी अपने वोट बैंक को खुश करने का प्रयास करते दिखाई पड़ रहे हैं। बांग्लादेश प्रकरण पर कांग्रेस अथवा इंडी गठबंधन दल के किसी भी नेता ने हिन्दुओं पर हो रही हिंसा की निंदा तक नहीं की है। कांग्रेस के सत्तालोलुप नेता तो यहाँ तक सपने देखने लगे कि “भारत में भी बांग्लादेश जैसे हालात हो सकते हैं” जैसे बयान दे रहे हैं। इनमें कांग्रेस के नेता सलमान खुर्शीद से लेकर मणिशंकर अय्यर तक शामिल हैं। स्मरणीय है कि लोकसभा चुनावों के दौरान सलमान खुर्शीद की रिश्तेदार ने चुनाव पचार के दौरान वोट जिहाद करने की अपील की थी। मणिशंकर अय्यर जो भारत में बांग्लादेश जैसे हालात पैदा होने की बात कह रहे हैं वो पाकिस्तान जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा को हराने के लिए मदद मांग रहे थे। कई इलाकों में जलाए गए हिंदू मंदिर: 5 तारीख की रात से ही बांग्लादेशी कट्टरपंथियों और उपद्रवियों ने देश के 58 राज्यों में रहने वाले अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बनाने की कोशिश की। मेहरपुर से लेकर चिटगांव या शेरपुर से कई इलाके हैं जहां पर हिंदू मंदिरों को आग के हवाले कर दिया गया या तोड़फोड़ की गई। 5 दिन बाद बांग्लादेश के हालात कैसे हैं।माहौल में अनकही अशांति
बांग्लादेश की ऐसी तस्वीर दिखी, जिसकी कल्पना भी कभी किसी ने नहीं की होगी. ढाका अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बाहर शहर की तस्वीर में भीड़ भाड़ तो है, लेकिन माहौल में एक ओर अनकही अशांति फैली हुई है। पूरे ढाका शहर में कहीं भी पुलिस मौजूद नहीं है।
स्कूल-कॉलेज के लड़के संभाल रहे ट्रैफिक: शहर में कानून व्यवस्था अब बांग्लादेश की सेना को सौंप दिया गया है। सेवा के साथ सड़कों पर स्कूल-कॉलेज जाने वाले बांग्लादेश स्काउट कैडेट कोर और दूसरे संस्थानों के बच्चे हाथों में डंडा लेकर ट्रैफिक व्यवस्था संभाल रहे हैं। एयरपोर्ट के बाहर सड़कों पर या तो मिलिट्री की चहल कदमी है या फिर बख्तर बंद गाड़ियों का दस्ता तैनात किया गया है तो कहीं सिपाही अत्याधुनिक मशीनगन लगाए बंकर बनाकर खड़ा है।भविष्य को लेकर असमंजस की स्थिति: जिस बाजार में सुबह शाम लोगों की भीड़ होती थी वहां संख्या कम हो गई है। सेना का पहरा लग गया है। शेख हसीना सरकार के खिलाफ कोटा कानून को लेकर आंदोलन की शुरुआत सबसे पहले युवाओं ने ही की थी।अब डॉक्टर यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन तो हो गया है, लेकिन बांग्लादेश का भविष्य क्या होगा इस पर अब असमंजस की स्थिति है। आंदोलन से लेकर सड़कों पर व्यवस्था देख रही युवतियों ने बताया कि बांग्लादेश का भविष्य ठीक है लेकिन इस बात की चिंता है कि कुछ लोगों ने आंदोलन को बदनाम करने के लिए हिंदुओं को और उनके मंदिरों को निशाना बनाया और हमले किए। पुराने ढाका शहर का हाल अच्छा नहीं: मोहम्मद रिजवान बताते हैं कि संभव है कि शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के युवा नेताओं ने ही अल्पसंख्यकों पर हमले किए ताकि आंदोलन को बदनाम किया जा सके, लेकिन इन युवाओं का कहना है कि अब हालात ठीक हैं और वह खुद अपने हिंदू भाई बहनों की हिफाजत के लिए गांव से लेकर शहरों तक तैनात हो गए हैं। पुराने ढाका शहर में भी हालत बहुत अच्छी नहीं है। स्कूल कॉलेज यूनिवर्सिटी ठप पड़े हुए हैं।युवा हाथों में लाठी-डंडे लेकर सड़कों पर ट्रैफिक संभाल रहे हैं। पुलिस थाने वीरान पड़े हैं। जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। शनिवार को भी युवाओं ने सुप्रीम कोर्ट में घुसकर विरोध प्रदर्शन किया और मुख्य न्यायाधीश का इस्तीफा मांगा। बार काउंसिल के मेंबर और प्रदर्शनकारी ने बताया की सुप्रीम कोर्ट के कई जज शेख हसीना सरकार के इशारे पर काम करते थे ऐसे में उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। दबाव में आकर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा भेज दिया तो प्रदर्शनकारी देर शाम तक सुप्रीम कोर्ट परिसर में ही अड़े रहे तो सुरक्षा सीधे बांग्लादेश की सेना के हवाले कर दी गई।
नई सरकार से न्याय और सुरक्षा की मांग
इस बीच बड़ी संख्या में बांग्लादेशी हिंदू भी सड़कों पर उतर आए हैं।शाम राजधानी ढाका में सैकड़ों नहीं बल्कि हजारों की संख्या में हिंदू समुदाय के लोग इकट्ठा हुए और नई सरकार से न्याय और सुरक्षा की मांग की। मंदिरों को जलाए जाने से नाराज हिंदू समाज के लोगों ने ढाका में इकट्ठा होकर जय श्री राम के नारों के साथ हिंदुओं की सुरक्षा के लिए आवाज उठाई। मीरपुर से आए सुब्रतो ने आज तक से कहा कि पूरी दुनिया हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर चुप है, लेकिन बांग्लादेश हमारा देश है और हम यहां से कहीं नहीं जाएंगे।आज भी बांग्लादेश के हिंदुओं में डर : ढाका में इस्कॉन मंदिर के महासचिव चारु चंद्र दास ने बताया कि जिस इलाकों में हिंदू परिवारों पर हमले हुए उन्होंने मदद मांगी और आज भी बांग्लादेश के हिंदुओं में डर है फिक्र है। हालांकि उन्होंने यह भी बताया की कई इलाकों में हालात सामान्य हो रहे हैं और अब स्थानीय लोग भी मदद के लिए सामने आ रहे हैं। बांग्लादेश में हालत पिछले दो दिनों के मुकाबले थोड़े सामान्य दिखाई दे रहे हैं, लेकिन एक सक्रिय सरकार की कमी, सड़कों पर नदारद पुलिस और व्यवस्था की कमी एक सवाल जरूर खड़ा कर रही है कि कहीं बांग्लादेश अराजकता की ओर तो नहीं बढ़ रहा है। बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रही हिंसा के मध्य ही पाकिस्तान ने भारत के पांच लोकसभा सांसदों के लिए आम भेजे हैं जिनमे प्रमुख है कांग्रेस नेता व सांसद राहुल गांधी जिन्होंने अभी हाल ही में लोकसभा में हिंदुओं को हिंसक कहा था और बांग्लादेश की हिंसा की निंदा तक नहीं कर पा रहे है। राहुल गाँधी पाकिस्तानी आम खाकर बांग्लादेश में हुए तख्तापलट और वहां पर हिंदुओं के साथ हो रही हिंसा का जश्न मना रहे हैं। जो लोग लोकसभा में तीसरी हार और नरेन्द्र मोदी की सीटें कम हो जाने के बाद सपना देख रहे थे कि लोकसभा अध्यक्ष चुनाव के समय मोदी सरकार गिर जाएगी नहीं गिरी, फिर सोचा कि बजट के समय गिर जाएगी तब फिर नहीं गिरी और अंत में जब वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया गया तब इन लोगों को लगा कि अब तो मोदी सरकार चली ही जाएगी तब भी मोदी सरकार नहीं गिरी। लालू प्रसाद यादव ने भविष्यवाणी कर दी थी कि अल्पमत में मोदी सरकार अगस्त में तो गिर ही जाएगी पर अब तो वह अगस्त का महीना भी पार होता दिखाई पड़ रहा है।
भारी निराशा में ये लोग सत्ता के लालच में भारत को बांग्लादेश जैसे हिंसक हालात में धकेलने के सुनियोजित षड्यंत्र के तहत ऐसे बयान दे रहे हैं । यह समय जन सामान्य के लिए भी बहुत ही सतर्कता व सावधानी बरतने वाला है क्योंकि सलमान खुर्शीद और मणि शंकर अय्यर अकेले नहीं हैं फारूख अब्दुल्ला से लेकर महबूबा मुफ़्ती और उद्धव ठाकरे सरीखे नेता भी इनका समर्थन कर रहे हैं। उद्धव ठाकरे एक समय हिंदूवादी नेता माने जाते थे किंतु बांग्लादेश में हिंदुओ के साथ जो अमानवीय अत्याचार हो रहे हैं उसकी निंदा तक नहीं कर रहे हैं अपितु इंडी गठबंधन के साथ जश्न ही मना रहे हैं। भारत में भी आज के विषम राजनीतिक वातावरण में हिंदुओं की सुरक्षा व अस्मिता ही सबसे सस्ती हो गई है क्योंकि वह जातियों में बंटा होने के कारण बड़ा वोट बैक नहीं बन सकता है। यह भी विचारणीय प्रश्न है कि क्या बांग्लादेश की घटनाओं से भारत के हिन्दू कुछ शिक्षा लेंगे ? बंगला देश में जो मारे जा रहे हैं वो केवल हिन्दू हैं कोई नहीं देख रहा कि वो दलित है, पिछड़ा है या सवर्ण है केवल यह देखा जा रहा है कि हिंदू है।
आक्रमणकारी शत्रुओं द्वारा अब तक सैकड़ों बार हिंदुओं का नरसंहार और बलात धर्म परिवर्तन कराया गया जो अनवरत आज भी चल रहा है। राहुल गांधी सरीखे लोग हिंदुओं को हिंसक बताते हैं और उनके उत्पीड़न का आम खाकर जश्न मनाते हैं। बांग्लादेश का यह सत्ता परिवर्तन आने वाले समय में भारत के लिए एक बहुत बड़ी समस्या बनने जा रहा है क्योंकि अब वहां जो सरकार बनी है या तथाकथित चुनावों के बाद बनेगी उसमें जमात -ए इस्लाम जैसे कट्टर आतंकवादी संगठन प्रभावी हो सकते हैं।पदयात्राबघायतिन पार्क से शुरू होकर कोर्ट मोड़, वीनस मोड़, सेवक मोड़, एयरव्यू मोड़ और जंक्शन होते हुए सिलीगुड़ी महकमा शासक के कार्यालय के सामने समाप्त हुआ। यहां एसडीओ सिलीगुड़ी के माध्यम से राष्ट्रपति को मांगपत्र सौप बांग्लादेश के हिंदुओ की सुरक्षा की मांग की गई।