अब पॉलीग्राफ टेस्ट से खुल जायेगा कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर केस का सच
अशोक झा, कोलकाता: कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर केस मामले में पूछताछ और जांच जारी है. सीबीआई सच पता करने में जुटी हुई है। जांच एजेंसी ने महिला ट्रेनी डॉक्टर के रेप और फिर हत्या से पहले की रात की घटनाओं के सिलसिले को भी जोड़ा है। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस में संजय रॉय मुख्य आरोपी बताया जा रहा है। हालांकि, उसकी मां ने उस पर लगे आरोपों से इनकार किया है। उसने कहा कि उसके बेटे को फंसाया गया है और इस अपराध में कई लोग शामिल थे। साथ ही सियालदह की विशेष अदालत आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।जानकारी के अनुसार, सीबीआई की टीम आरोपी संजय रॉय को शुक्रवार को सियालदह की विशेष अदालत में पेश किया। जहां से अदालत ने आरोपी को 14 दिनों की न्यायिक हिसारत में भेज दिया। ‘विकृत प्रवृति का है आरोपी।: आरोपी संजय के मनोविश्लेषण से भी कई अहम खुलासे हुए हैं। एक सीबीआई अधिकारी ने बताया कि आरोपी की मनोविश्लेषण से संकेत मिला है कि वह विकृत व्यक्ति था। वह पॉर्न देखने और शराब पीने का भी आदी था. नई दिल्ली स्थित केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (CFSL) के डॉक्टरों का हवाला देते हुए अधिकारी ने बताया कि कोलकाता पुलिस का स्वयंसेवी रहा आरोपी संजय रॉय ‘जानवर जैसी प्रवृत्ति’ का है। इन का भी होगा पॉलीग्राफ टेस्ट: इस केस में सीबीआई अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से लगातार पूछताछ कर रही है। मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की भूमिका पर भी शक हो रहा है. आरोप लगा रहा है कि आरोपी संजय रॉय मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल का बाउंसर बनाकर कॉलेज में घूमता था।वहीं, सीबीआई इस मामले में संदीप घोष द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली SUV की जांच भी कर चुकी है, लेकिन अब CBI ने संदीप घोष के पॉलीग्राफ टेस्ट की इजाजत कोर्ट से हासिल कर ली है। साथ ही सीबीआई उन 4 डॉक्टरों का भी पॉलीग्राफ टेस्ट करेगी, जिन्होंने 8 अगस्त को महिला डॉक्टर के साथ ही डिनर किया था. दरअसल, सबका पॉलीग्राफ टेस्ट कराके सीबीआई ये जांचना चाहती है कि जो बयान इन लोगों ने दिए, वो सही हैं या नहीं। 8-9 अगस्त की रात क्या हुआ: आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का आरोपी संजय रॉय आठ और नौ की रात अलग-अलग बहानों से कुल चार बार आरजी अस्पताल के अंदर गया था। इनमें से तीन बार तो वो अस्पताल के अंदर घूमकर बाहर निकल आया, लेकिन आरोप है कि चौथी और आखिरी बार जब वो अस्पताल से बाहर निकला, तब तक उसके हाथों ट्रेनी डॉक्टर का रेप और कत्ल हो चुका था जांच में पता चला कि संजय रॉय वारदात वाली रात अस्पताल के पास ही एक रेड लाइट एरिया भी गया था और वहां लौटते हुए उसने रास्ते में एक लड़की से छेड़छाड़ की थी। सोशल मीडिया पर चल रही है फेक न्यूज: इसके इतर बंगाल के स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम ने स्वास्थ्य विभाग में प्रेस वर्ता में बोलते हुए बंगाल सरकार का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष को ओएसडी स्वास्थ्य भवन के रूप में तैनात नहीं किया गया है।।सोशल मीडिया पर फेक न्यूज चल रही है।उन्होंने आगे रेजिडेंट डॉक्टरों से दोबारा काम पर लौटने की अपील करते हुए दोहराया कि सुप्रीम कोर्ट ने कल डॉक्टरों से काम पर लौटने का अनुरोध किया था। डॉ.घोष वह इस वक्त ईओएल असाधारण अवकाश पर हैं।वो इस मामले की जांच कर रही सीबीआई को हर तरह से सहयोग देने के लिए तैयार है, ताकि असली अपराधी पकड़ा जा सके. संजय रॉय की वकील कबीता सरकार ने कहा, ”जब संजय की पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए सहमति ली गई, तब मैं वहां मौजूद थी।।उसने टेस्ट के लिए अपनी सहमति दे दी थी. मैंने उसे व्यक्तिगत रूप से समझाया कि पॉलीग्राफ टेस्ट क्या होता है. इसके बाद वो सहमत हो गया. उसके अनुसार वो इस वक्त मानसिक रूप से बहुत दबाव में है, क्योंकि आरोप उस पर लगा है. वो चाहता है कि सच्चाई सामने आए। बकौल कबीता सरकार संजय रॉय का कहना है कि वो इस अपराध में शामिल नहीं है. इसलिए किसी भी तरह के टेस्ट के लिए तैयार है. इस मामले की सभी जांच में सहयोग करेगा. लेडी डॉक्टर के साथ हैवानियत करने के आरोपी संजय रॉय का यू-टर्न हैरान कर देने वाला है. क्योंकि गिरफ्तारी के बाद उसने खुद अपना गुनाह कबूल किया था. उस वक्त पुलिस हिरासत में पूछताछ के दौरान उसने कहा था, “हां मैंने अपराध किया है, मुझे फांसी दे दो.” सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने आरोपी संजय रॉय के पॉलीग्राफी टेस्ट की मंजूरी दे दी है. इससे पहले 4 ट्रेनी डॉक्टर और कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के भी पॉलीग्राफ टेस्ट की मंजूरी मिल चुकी है. इसके साथ ही सियालदह की स्पेशल कोर्ट ने आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. आरोपी के मनोविश्लेषण से भी कई अहम खुलासे हुए हैं. एक सीबीआई अधिकारी ने बतायाकि आरोपी की मनोविश्लेषण से संकेत मिला कि वो विकृत व्यक्ति था। आरोपी संजय रॉय पॉर्न देखने और शराब पीने का भी आदी है. नई दिल्ली स्थित केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला CFSL के डॉक्टरों का हवाला देते हुए अधिकारी ने बताया कि सिविल वॉलंटियर रहा आरोपी ‘जानवर जैसी प्रवृत्ति’ का है. इस केस में सीबीआई आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से भी लगातार पूछताछ कर रही है. उनकी भूमिका पर भी शक हो रहा है. आरोपी मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल का बाउंसर बनाकर कॉलेज में घूमता था. एक CBI अधिकारी ने बताया कि तकनीकी और वैज्ञानिक दोनों तरह के सबूत इस बात को पूरी तरह से साबित करते हैं कि आरोपी संजय रॉय मौका-ए-वारदात पर मौजूद था. अस्पताल की सीसीटीवी फुटेज का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि आरोपी को 8 अगस्त को सुबह करीब 11 बजे चेस्ट मेडिसिन डिपार्टमेंट के पास देखा गया था. इसके बाद 9 अगस्त को तड़के 4 बजे फिर से उसी इमारत में प्रवेश करते हुए देखा गया।