बांदा के 40 से 50 छुट्टा गोवंश केन नदी के टापू पर फंसे

 

बांदा । विश्व हिंदू महासंघ गोरक्षा समिति के अध्यक्ष ने बताया कि केन नदी के एक टापू में 40 से 50 गोवंश फंसे हुए हैं। यदि केन नदी मे दोबारा बाढ आई तो इन गोवंशो को बचाना मुश्किल हो जायेगा। समिति के अध्यक्ष के मुताबिक यह गोवंश जब केन नदी मे पहली बाढ़ आई थी,तभी से यह कनवारा गांव के पास केन के टापू मे फंसे हुए हैं। चारो तरफ नदी का पानी होने से यह टापू से निकल नहीं पा रहे। नदी के गहरे पानी से घिरे टापू मे हरे चारे से अपना पेट भरकर फिलहाल किसी तरह जिन्दा हैं।
गौ रक्षा समिति के अध्यक्ष महेश कुमार प्रजापति ने बताया कि यह छुट्टा गोवंश आसपास के गांवों के किसी गोशाला के जानवर हो सकते हैं। जो नदी मे बाढ के समय इस टापू मे पहुंच गये। फिर निकल नहीं पाये।उन्होने खुद नाव से टापू मे पहुंचकर देखा है कि गोवंश फिलहाल सुरक्षित हैं। लेकिन उनकी हालत ठीक नहीं है। नदी मे दोबारा बाढ़ आने पर बहुत बड़ा खतरा हो सकता है। बरसते पानी मे यह गोवंश पेडों के नीचे खडे होकर अपनी जान बचा रहे हैं। टापू मे पानी से बचने का कोई अन्य उपाय नहीं है।
जिलाअध्यक्ष प्रजापति ने कहा कि जिले के जिम्मेदार अधिकारियों को टापू मे फंसे गोवंशों को बचाने के समुचित प्रबंध करना चाहिये। अगर इन गोवंशो की मौतें होती हैं तो इसके जिम्मेदार जिले के अधिकारी होंगे।

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