रणक्षेत्र में तब्दील हुआ नवान्न जाने वाला मार्ग, हर तरफ आंदोलनकारी के साथ पुलिस का संघर्ष सैकड़ों घायल, पथराव का मुकाबला आंसू गैस के दागे जा रहे गोले
अशोक झा, कोलकोता: कोलकाता के आरजी कर मामले में पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए छात्रों का ‘नबान्न अभियान मार्च’ शुरू है। हाथों में तिरंगा और हर तरफ धुंआ ही धुंआ। लाठी चार्ज के साथ पथराव। पुलिस ने हावड़ा ब्रिज से प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोले छोड़े।पुलिस प्रदर्शनकारियों को राज्य सचिवालय की ओर बढ़ने से रोकने के लिए आंसूगैस के गोले और पानी की बौछारों का इस्तेमाल कर रही है। कुछ प्रदर्शनकारी पुलिस की ओर पत्थर भी फेंके हैं।विरोध मार्च के लिए कोई अनुमति नहीं थी: पुलिस ने इस विरोध मार्च के लिए कोई अनुमति नहीं दी गई थी और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने कल इस रैली के दौरान हिंसा करके अशांति पैदा करने की साजिश का आरोप लगाया था। कोलकाता पुलिस ने वस्तुतः नबन्ना को एक किले में बदल दिया और प्रदर्शनकारियों को किसी भी मार्ग से सचिवालय की ओर बढ़ने से रोकने के लिए 6,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया। प्रदर्शनकारियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया गया।प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल आरजी कर मेडिकल कॉलेज मामले को लेकर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स को खींचकर हटा दिया और ‘नबन्ना अभियान’ मार्च निकाला. पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे. वहीं, पुलिस ने हावड़ा ब्रिज से प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। पुलिस और प्रदर्शनकारी भिड़े । आरजी कर मामले में ‘नबन्ना अभियान’ मार्च निकालते हुए प्रदर्शनकारी हावड़ा के संतरागाछी में पुलिस बैरिकेड पर चढ़ गए. इतना ही नहीं, पुलिसकर्मियों के साथ भिड़ गए और बैरिकेड तोड़ दिए. इस पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े.
प्रदर्शनकारियों ने हटाई बैरिकेडिंग
नबन्ना प्रोटेस्ट के लिए निकले छात्रों ने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ दी है. इस के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया है. इस दौरान पत्थरबाजी भी हुई है. इसके साथ ही पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े हैं. पुलिस फिलहाल छात्रों को समझाने की कोशिश कर रही है कि वे यहां से हट जाएं. पुलिस उन्हें कह रही है कि उनका प्रदर्शन गैरकानूनी है.
पुलिस के पुख्ता इंतजाम: छात्रों के इस प्रदर्शन को रोकने के लिए कोलकाता पुलिस ने कई रास्तों को बंद किया है. ड्रोन से निगरानी की जा रही है। जानें किन छात्रों ने बुलाया प्रदर्शन: इस प्रदर्शन का आयोजन रवीन्द्रभारती विश्वविद्यालय के एमए छात्र प्रबीर दास, कल्याणी विश्वविद्यालय के शुभंकर हलदर और सयान लाहिड़ी नामक छात्रों द्वारा बुलाया गया है. इन छात्रों का कहना है कि उनका राजनीति से लेना-देना नहीं है लेकिन उनकी मांग है कि ममता बनर्जी सीएम पद से इस्तीफा दें।जघन्य बलात्कार और हत्या मामले में कर रहे हैं प्रदर्शन: प्रदर्शनकारियों को उन पर चढ़ने से रोकने के लिए जमीन में बैरिकेड्स वेल्ड किए गए हैं और उन पर ग्रीस लगाया गया है। आज सुबह, प्रदर्शनकारियों का एक समूह कॉलेज स्क्वायर में इकट्ठा हुआ और नबन्ना की ओर मार्च किया। उन्होंने इस जघन्य बलात्कार और हत्या मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग करते हुए नारे लगाए। कई छात्र संगठन और नागरिक मंच इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। तस्वीरों में प्रदर्शनकारियों को अपने रास्ते में लगे बैरिकेड्स को हिलाते हुए देखा गया है। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर के रेप और हत्या को अंजाम दिया गया था। जिसके बाद अस्पताल के साथ-साथ सीएम ममता बनर्जी की व्यवस्था पर भी सवाल उठे। केस में कई बार TMC कनेक्शन को उछाला गया। वहीं, अब बात ममता की कुर्सी पर बन आई है।मुख्यमंत्री ममता के इस्तीफे की मांग उठ रही है और इस मांग को लेकर छात्र संगठन ने पश्चिम बंगाल सचिवालय नबन्ना तक विरोध मार्च निकालने का फैसला किया है। ये मार्च आज ही है और इससे पहले ही ममता ने अपनी सुरक्षा इंतजाम तगड़े कर लिए है।प्रदर्शनकारियों ने राज्य सचिवालय नबन्ना तक पहुंचने के प्रयास में पुलिस बैरिकेट्स को पार करने का प्रयास किया था। सैकड़ों युवकों ने मंगलवार (27 अगस्त) को कोलकाता में ‘नबन्ना अभिजन’ मार्च निकाला। उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसूगैस के गोले छोड़े। पुलिस ने मार्च को रोकने के लिए पानी की बौछारों का भी इस्तेमाल किया। नबन्ना पश्चिम बंगाल सरकार का सचिवालय है।पुलिस ने हावड़ा ब्रिज से सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल बलात्कार-हत्या मामले को लेकर ‘नवान्न अभियान’ मार्च के तहत हावड़ा ब्रिज पर विरोध प्रदर्शन जारी है। ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के खिलाफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग को लेकर छात्र मार्च निकाल रहे हैं।छात्र संगठन ‘पश्चिम बंगा छात्र समाज’ और ‘संग्रामी जौथा मंच’ मंगलवार को अपनी ‘नबान्न अभिजन’ रैली निकाल रहे हैं। युवा आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल की एक डॉक्टर से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या के मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की और घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री बनर्जी को महिलाओं को सुरक्षा नहीं दे पाने के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उनका कहना है कि इसी कारण से आरजी कर अस्पताल की घटना घटी जिसके विरोध में देशभर में प्रदर्शन हुए। छात्र संगठन ‘छात्रसमाज’ और राज्य सरकार के कर्मचारियों के ‘संग्रामी जौथा मंच’ द्वारा आयोजित मार्च उत्तर कोलकाता के कॉलेज स्क्वायर और हावड़ा के संतरागाची से शुरू हुआ।पुलिस ने नहीं दी प्रदर्शन की इजाजत : अतिरिक्त महानिदेशक (ADG) (कानून व्यवस्था) मनोज वर्मा ने कहा था कि पुलिस को विश्वसनीय खुफिया जानकारी मिली है कि उपद्रवी रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों के बीच घुसने और बड़े पैमाने पर हिंसा एवं अराजकता फैलाने का प्रयास करेंगे। इसके मद्देनजर सरकार ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 के तहत नबन्ना (राज्य सचिवालय) के आसपास निषेधाज्ञा लागू कर दी है। इसके तहत पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध है। मार्च को देखते हुए कोलकाता के सभी इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। कोलकाता पुलिस ने मंगलवार सुबह 8 बजे से ही शहर की सड़कों पर 6,000 से अधिक कर्मियों को तैनात किया है। साथ ही पुलिस ने वाटर कैनन तैभी यार रखे हैं। कम से कम 19 बैरिकेड पॉइंट बनाए गए हैं। राज्य ने स्थिति की निगरानी के लिए 26 जिला कलेक्टरों को प्रभारी बनाया है। रैली पर नजर रखने के लिए पुलिस ड्रोन का भी इस्तेमाल करेगी। हालांकि, पुलिस ने कहा है कि रैली आयोजित करने के लिए कोई अनुमति नहीं मांगी गई थी। कई पुलिसकर्मी घायल: संतरागाछी में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर ईंट-पत्थर फेंके जिसमें कई अधिकारियों को चोट आईं। वहीं प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि पुलिस की कार्रवाई में भी कई छात्र घायल हो गए। प्रदर्शनकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक डॉक्टर से बलात्कार और उसकी हत्या के मामले को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग को लेकर राज्य सचिवालय पहुंचने का प्रयास कर रहे थे। पुलिस ने हावड़ा ब्रिज से प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोले छोड़े।एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि जब कुछ जगहों पर आंदोलनकारियों ने अवरोधकों को पार करने का प्रयास किया और सुरक्षा कर्मियों पर हमला किया तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसूगैस के गोले छोड़े।