आईपीएस सिंघम शिवदीप लांडे ने अचानक दिया इस्तीफा, राजनीति में जाने की चर्चा

बिहार बंगाल सीमांत से अशोक झा: आईपीएस शिवदीप लांडे को हाल ही में पूर्णिया कमिश्नरी का नया आईजी बनाया गया था।आईपीएस शिवदीप लांडे ने पूर्णिया कमिश्नरी का नया आईजी बनते ही वहां का चार्ज भी संभाल लिया था। अधिकारी शिवदीप लांडे ने नशे के खिलाफ चार जिलों में तेजी से कार्यवाई की थी। अब अचानक उनके इस्तीफे ने चौंका दिया है।
लोगों के बीच ‘सिंघम’ के नाम से हैं मशहूर: बता दें कि आईपीएस अफसर शिवदीप लांडे की पहचान लोगों के बीच ‘सिंघम’ के नाम से भी मशहूर है। वह मूलत: महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। हालांकि, उनका अधिकांश समय बिहार में गुजरा है। साल 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे बिहार के कई जिलों में अपनी सेवा दे चुके हैं। वह पटना, अररिया, मुंगेर के एसपी भी रहे हैं। अधिकारी शिवदीप लांडे ने अपने इस्तीफे का ऐलान ऑफिशियल फेसबुक पेज पर किया है। आईपीएस शिवदीप लांडे ने इस्तीफे के बाद उनका बयान सामने आया हैं। अधिकारी ने मीडिया से बात करते हुए बताया है कि उन्होंने नौकरी कुछ निजी कारणों के चलते छोड़ी है लेकिन वो बिहार की सेवा करते रहेंगे। बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे मूल रूप से महाराष्ट्र के अकोला के रहने वाले हैं। आईपीएस शिवदीप लांडे ने फेसबुक पेज पर लिखा था कि ‘मेरे प्रिय बिहार, पिछले 18 वर्षो से सरकारी पद पर अपनी सेवा प्रदान करने के बाद आज मैंने इस पद से इस्तीफा दे दिया है. इन सभी वर्षो में मैंने बिहार को ख़ुद से और अपने परिवार से भी ऊपर माना है. अगर मेरे बतौर सरकारी सेवक के कार्यकाल में कोई त्रुटि हुई हो तो मैं उसके लिए क्षमाप्रार्थी हूं. मैंने आज भारतीय पुलिस सर्विस (IPS) से त्यागपत्र दिया है परन्तु मैं बिहार में ही रहूंगा और आगे भी बिहार मेरी कर्मभूमि रहेगी।उनकी गिनती तेज-तर्रार और दबंग अफसर के रूप में होती है। वे अभी पूर्णिया के आईजी पद पर तैनात हैं। उन्होंने आईपीएस से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया है। आईपीएस शिवदीप लांडे के पुलिस की नौकरी छोड़कर राजनीति में जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। शिवदीप लांडे का जन्म 29 अगस्त 1976 में हुआ था। वह एक किसान परिवार से आते हैं। पिता खेती करके अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। शिवदीप दो भाइयों में बड़े हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई अकोला में ही हुई। इसके बाद शेगांव के श्री संत गजानन महाराज इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स में बीटेक की। इसके बाद यूपीएससी की तैयारी के लिए मुंबई चले गए। शिवदीप लांडे ने शुरुआती प्रयास में यूपीएससी पास कर भारतीय राजस्व सेवा में नौकरी हासिल कर ली। हालांकि, उन्होंने दोबारा यूपीएससी की परीक्षा दी और 2006 में आईपीएस चुने गए। शिवदीप को बिहार कैडर मिला और उनकी पहली जॉइनिंग नक्सल प्रभावित मुंगेर जिले के जमालपुर में हुई। इसके बाद उन्हें पटना, अररिया, पूर्णिया, रोहतास समेत कई जिलों में पोस्टिंग मिली। शिवदीप लांडे ने अपनी पोस्टिंग के दौरान अपराधियों की नाक में दम कर दिया। खनन माफिया की कमर तोड़ दी। रोहतास का एसपी रहते हुए वे खनन माफिया से लड़ने के लिए जेसीबी लेकर चले गए। इस कार्रवाई में खनन से जुड़े सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
लड़कियों के फोन में रहता था शिवदीप लांडे का नंबर
शिवदीप लांडे का सबसे चर्चित कार्यकाल पटना में सेंट्रल एसपी का रहा। सिटी एसपी रहते हुए उन्होंने राह चलते लड़कियां छेड़ने वाले मनचलों को खूब सबक सिखाया। इससे पटना की छात्राओं और महिलाओं ने खुद को सुरक्षित महसूस करना शुरू कर दिया। यहां तक कि लड़कियों के मोबाइल फोन में आईपीएस शिवदीप लांडे का नंबर भी सेव रहता था। उनका जब अररिया ट्रांसफर हुआ था तो लोगों ने कैंडल मार्च निकालकर विरोध जताया था।रोहतास में खनन माफिया पर बुलडोजर चलाए जाने के बाद उन्हें डेप्युटेशन पर महाराष्ट्र भेजा गया। महाराष्ट्र में उन्होंने एटीएस में कई बड़े पदों पर काम किया और ड्रग एवं अंडरवर्ल्ड माफिया के मंसूबों को नाकाम किया। साल 2021 में शिवदीप लांडे अपने मूल कैडर बिहार वापस लौटे।

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