सिलीगुड़ी आरएसएस महानगर के पथ संचलन में दिखा अनुशासन का कदमताल

उत्तर बंग प्रांत प्रचारक ने कहा, देश में जब भी विपदा ने डाला डेरा, संघ ने बढ़ाया अपना हाथ


अशोक झा, सिलीगुड़ी : देश की सेवा में हमेशा तत्पर रहने वाला राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) महानगर सिलीगुड़ी की ओर से पानीटंकी मोड से घोष बैड के साथ पथ संचलन निकाला गया। यह पथ संचलन आने वाले संघ के शताब्दी वर्ष की एक झलकी मात्र है। इसमें विभाग सह संघ चालक सुनील शाह तथा उत्तर बंगाल प्रांत प्रचारक श्यामा प्रसाद राय मुख्य रूप से उपस्थित थे। पथ संचलन के पूर्व इसे उत्तर बंग प्रांत प्रचारक श्यामा प्रसाद राय ने संबोधित करते हुए कहा की जब भी देश में किसी प्रकार की विपदा आई है संघ के स्वयंसेवक हमेशा आगे बढ़कर सेवा में जुटे है। संघ की स्थापना सन 1925 में हुई थी। आजादी की लड़ाई हो या कश्मीर में पाकिस्तान का हमला इसमें संघ के स्वयं सेवक एक देशभक्त आर्मी की तरह काम किया। वे सभी एयर फोर्स के विमान के आने और जाने के लिए सभी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था का काम किया। यही कारण है की 1950 में गणतंत्र दिवस के मौके पर पूर्ण गणवेश में स्वयसेवकों को आमंत्रित किया था। जब चीन ने सन 1965 में देश पर आक्रमण किया तो संघ के स्वयं सेवक दिल्ली से सिक्किम तक यातायात व्यवस्था को सुचारू करने का काम किया। पथ संचलन का अर्थ ही है हम समाज को एकजुट होकर एकसाथ चलना है। समाज में एकता, समरसता और अपनत्व का भाव को सदा बढ़ावा देना है। संघ का अर्थ ही होता है एक साथ एक जुट। यह एक जुटता किसी के खिलाफ नहीं बल्कि अपने को साथ लेकर समाज राज्य और देश को प्रगति पथ पर आगे बढ़ाना है। इसके लिए हमे नाम नही चाहिए। संघ हमेशा प्राकृतिक आपदा के समय सभी वर्ग के साथ खड़ा रहा है। इसका उदाहरण कोविड 19 में देखने को मिला था। संघ आज विशाल वृक्ष का रूप ले लिया है। जिसमे प्रधानमंत्री से लेकर अनेकों राज्यों के मुख्यमंत्री सत्ता संभाले हुए है। लेकिन संघ आज भी उसी गति से लगातार आगे बढ़ रहा है। पथ संचलन के पूर्व प्रार्थना ध्वज प्रणाम संपन्न हुआ। पथ संचलन पानीटंकी से पाकुरतला मोड, भूटिया मार्केट, हासमी चौक होता हुआ विधान रोड होता हुआ पानी टंकी चौक पर संपन्न हुआ। इसमें अनुशासन और एकता एक अद्भुत झलक दिखाई दे रहा था। भारत माता की जय के साथ समाज एकता और देश को वैभव की सबसे ऊंचाई पर पहुंचाने का संकल्प लिया गया। जगह जगह पथ संचलन का स्वागत फूलों और शंख ध्वनि के साथ किया गया।

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