अपनी संस्कृति, रीति-रिवाज, भाषा और परंपराएं भावी पीढ़ी को सौपना होगा: सांसद राजू विष्ट

अशोक झा, सिलीगुड़ी: सिलीगुड़ी में आयोजित गोरखा मेला को संबोधित करते हुए दार्जिलिंग के सांसद सह भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव राजू विष्ट कहा की किसी भी जाति या समुदाय की विशिष्टता या पहचान उसकी संस्कृति, परंपरा, रहन-सहन, रीति-रिवाज और खान-पान होता है। इसी में उसका जातीय गौरव और अभिमान जीवित रहता है। आज की पीढ़ी को अपनी संस्कृति, रीति-रिवाज, भाषा और परंपराएं अपनी भावी पीढ़ी को सौंपनी होगी। उन्होंने कहा की इस पृष्ठभूमि में आज हमें गोरखाओं की विशिष्ट संस्कृति और परंपरा की एक भव्य प्रस्तुति देखने का अवसर मिला। अपनी जातीय पोशाक में गोरखाओं की उपस्थिति हृदयस्पर्शी और गर्व से भरी थी। पानीटंकी गोरखा मेला जैसी पहल हम गोरखाओं की संस्कृति, परंपरा और जीवनशैली को जीवित रखने का सराहनीय उपक्रम है। यह हमारे क्षेत्र के समृद्ध सांस्कृतिक वातावरण को अक्षुण्ण रखेगा और उत्तरोत्तर मजबूत करेगा। इस महान सोच और पहल के लिए इस भव्य गोरखा महोत्सव के आयोजक धन्यवाद के पात्र हैं। मैं आयोजकों और स्थानीय लोगों को धन्यवाद देता हूं। अपनी परंपरा चाहे वह किसी भी जाति या समुदाय की क्यों ना हो उसे ना सिर्फ बचाना है बल्कि उसे आने वाले पीढ़ी के हाथों में सौंप देना चाहिए।

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