नोएडा से 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप और लैपटॉप का लालच देकर स्टूडेंट्स से ठगी करने वाले दो अरेस्ट

पहले चेन्नई में ठगी का काम करते, चार महिने से नोएडा में शुरू किया

 

– एक हजार स्टूडेंट्स के साथ में कर चुके हैं ठगी

नोएडा

ई-कॉमर्स वेबसाइट के माध्यम से 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप के लालच में किसी कॉलेज और यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने प्लान बना रहे हैं। जिस संस्थान में एडमिशन लेना वहां की पूरी तरह से जानकारी जुटा लें। एक्सप्रेसवे थाने की पुलिस इसी तरीके से एक हजार बच्चों के साथ ठगी करने वाले दो जालसाजों को अरेस्ट किया है। ये लोग सोशल मीडिया पर ई-कॉमर्स वेबसाइट का प्रचार करते हैं। जिसमें दिए गए इंजीनियरिंग कॉलेज और यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेते हैं तो सौ प्रतिशत स्कॉलरशिप और लैपटॉप दिलवाए जाने की बात कही जाती है। जालसाज काउंसलिंग के नाम पर स्टूडेंट्स से दो से तीन हजार रुपये लेते थे और बाद में एडमिशन भी नहीं कराए। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने दोनों को पकड़ा है।

डीसीपी राम बदन सिंह ने बताया कि शिकायत मिली सेक्टर 135 एक टॉवर में दो लोग ऑफिस खोलकर स्टूडेंट्स से ठगी करने में लगे हुए हैं। टीम बनाकर जांच की गई तो मोहम्मद रिजवान आलम और चिरंजीवी पकड़े गए हैं। ये दोनों बिहार के रहने वाले हैं। इसी तरीके का काम ये पहले चेन्नई में करते थे। वहां पर पकड़े जाने के बाद नोएडा भांग कर चले आएं। फिर सेक्टर 109 में एक ऑफिस खोली वहां से ठगी करना शुरू किया। ये जानकारी पुलिस तक पहुंचने से पहले दोनों स्थान बदलकर सेक्टर 135 के एसीबी टावर में जाकर ऑफिस खोल ली। पिछले चार महीने से ठगी का काम कर रहे थे। दोनों ने पूछताछ में बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी फर्जी वेबसाइट बनाकर प्रचार करते हैं। इसके बाद छात्रों को कॉल करके नंबरों के आधार पर 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप और प्रत्येक एडमिशन पर एक लैपटॉप देने का लालच देते है। ये लोग आईटी यूनिवर्सिटी और इंजिनियरिंग कालेज से फर्जी एमओयू आदि दिखा कर उसका प्रचार प्रसार कर एडमिशन कराने के लिए झांसे में लेते थे। फिर काउंसलिंग फीस और स्कूल फीस के नाम पर उनसे पैसा ट्रान्सफर करा कर ठगी की जाती थी। पुलिस के मुताबिक ये लोग पिछले चार महिने से ठगी का जाल बिछा रखा था। अब तक 50 से 60 लाख रुपये की ठगी भी कर चुके हैं। इनके पास मिले बैंक खातों के आधार पर पुलिस ने अनुमान लगाए हैं। इन्होंने कितने लोगों के साथ में ठगी की सभी की जानकारी जुटाई जा रही है। फिलहाल दोनों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है।

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वेबसाइट से बच्चों को करते थे डाटा इकठ्ठा

ये लोग सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से 10वीं और 12वीं के छात्रों का डाटा खरीदते थे। जिसमें नाम और मोबाइल नंबर शामिल होते हैं। इसके बाद वे फर्जी एमओयू दिखाकर विभिन्न आईटी यूनिवर्सिटी और इंजीनियरिंग कॉलेजों से एडमिशन कराने का दावा कर छात्रों से काउंसलिंग और स्कूल फीस के नाम पर पैसे वसूलते थे।

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ठगी में फर्जी सिम का करते थे उपयोग

इसके लिए ठगों ने सैंकड़ों फर्जी सिम कार्ड कहीं से खरीदा था। ठगी के बाद छात्र एडमिशन का दबाव बना तो तुरंत सिम बंद कर देते थे। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की और उनसे बरामद दस्तावेजों, छात्रों की लिस्ट, और चैट के स्क्रीनशॉट से यह खुलासा हुआ कि यह गिरोह बड़े पैमाने पर इस ठगी को अंजाम दे रहा था। पुलिस अब अन्य संदिग्धों की तलाश कर रही है और मामले की जांच को आगे बढ़ा रही है।

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छात्रों से लेते थे फर्जी एंट्रेंस एग्जाम

दोनों ठग झांसे में आए स्टूडेंट्स को ऑफिस में बुलाकर और फर्जी का एंट्रेंस एग्जाम लेते थे। इसके बाद एग्जाम नंबर के आधार पर स्कॉलरशिप की बात की जाती थी। ठग जानबूझकर कमजोर बच्चों को अच्छे नंबर देकर ऑफर देते थे। बोलते तुम्हे लैपटॉप और सौ प्रतिशत स्कॉलरशिप भी मिल जाएगी। इसके झांसे में आने के बाद बच्चे ठगों को रुपये दे देते थे। जब बच्चे कॉल या मैसेज करते एमिशन के लिए कॉल करते तो ठग बहाने बनाकर टाल देते थे।

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बीटेक की पढ़ाई के बाद बन गया ठग

एडीसीपी मनीष मिश्रा ने बताया कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड मोहम्मद रिजवान आलम है जो मूल रूप से बिहार के बक्सर का रहने वाला है। गिरफ्तार आरोपी बीटेक किया हुआ है और इसने कई कंपनियों में नौकरी भी की है। पिछले कई सालों से वह इस धंधे में उतर गया और लगातार छात्रों के साथ इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला दिलाने के नाम पर ठगी कर रहा है।

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एनआईटी में एडमिशन के नाम पर एक स्टूडेंट्स से ठगे 17 लाख रुपये

गिरफ्तार मास्टरमाइंड रिजवान आलम ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसने इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला दिलाने के नाम पर एक छात्रा से 17 लाख रुपए की ठगी की है। ठगी का शिकार छात्रा महाराष्ट्र का रहने वाला है और उसने वेबसाइट पर इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला का विज्ञापन देखकर संपर्क किया था। इसके बाद छात्र इन आरोपियों के झांसे में आ गया और उस इन लोगों ने 17 लाख से अधिक की ठगी कर ली। इस छात्रा को एनआईटी में दाखिला दिलाने का विश्वास दिलाया गया था। यह जाल साज अधिकतर छात्रों से 50 हजार से 2 लाख तक की ठगी करते थे।

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ठगी में शामिल ये उपकरण बरामद हुए

5 लैपटॉप. 5 एंड्रॉइड फोन, 9 की-पैड मोबाइल, कुल 32 सिम कार्ड, एक चेक बुक, 2 मोहर, एक बंडल सूची मोबाइल नम्बर 72 वर्क, 3 यूनिवर्सिटी के प्रोस्पेक्टस, 7 पम्पलेट, एक अपोइंटमेंट लेटर

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