डॉक्टरों ने दी चेतावनी अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे तेज करेंगे आंदोलन

महिलाओं ने रैली निकाल सीबीआई कार्यालय तक किया प्रदर्शन, पीएमओ को लिखा पत्र

अशोक झा, कोलकोता: कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना के विरोध में आईएमए ने प्रधानमंत्री कार्यालय पत्र भेजा। पीएमओ से आईएमए के पदाधिकारियों ने दोषियों को सख्त सजा देने और डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।बंगाल में जूनियर डॉक्टरों की बेमियादी भूख हड़ताल का गुरुवार को 13वां दिन है। वे आरजी कर अस्पताल की घटना के बाद अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर दूसरे मुद्दों के अलावा आरजी कर वारदात की पीड़ित के लिए इंसाफ और मेडिकल कर्मचारियों की बेहतर सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे अपना आंदोलन तेज करेंगे। कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त को एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ कथित तौर बलात्कार और हत्या के बाद डॉक्टर आंदोलन कर रहे हैं। वारदात की जांच सीबीआई कर रही है।प्रदर्शनकारी डॉक्टर डॉ. अरविंद ने कहा, “देखिए डिमांड तो एक तरफ से हम लोग बोल रहे हैं हमारा 10 दफा दाबी है, उसको सामने रखते हुए हमारा आंदोलन चल रहा है। इसके ऊपर सरकार का कोई रिस्पांस नहीं आ रहा है तो तब जाकर हमारा आंदोलन चल रहा है, मगर दिक्कत वही है कि हम लोगों के दोस्त जो वहां पर अनशन मंच पर बैठे हुए हैं, उन लोगों की हेल्थ खराब हो रही है। अभी भी चार-पांच बंदे हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती हैं।” उन्होंने आगे कहा, “अभी तक कोई डिसीजन नहीं हुआ है। हर रोज छोटे-छोटे करके वहां मास एग्रेशन कर रहे हैं, जैसे आज के मास एग्रेशन और सिग्नेचर कलेक्शन करने का एक प्लानिंग है। शहर के हर मोड़ पर जाकर, जितना मोड़ हो सके वहां जाकर हम लोग ओपिनियन कलेक्ट करेंगे, जनरल ओपिनियन कलेक्ट करेंगे और जो पंपलेट हमारा है, जिसमें 10 दफा मांगे लिखी हुई हैं उसको हम स्प्रेड करेंगे।”इनमें से कुछ पीड़ितों ने अपनी आंखों की रोशनी भी गंवा दी है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि मिथाइल अल्कोहल के सेवन की वजह से पीड़ित एक-एक कर दम तोड़ रहे हैं। ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल है कि आखिर मिथाइल अल्कोल क्या है, जिसकी वजह से दर्जनों घरों में मातम छा गया।छपरा के मशरक और सीवान के भगवानपुर हाट थाना इलाके में बीते मंगलवार से एक-एक कर लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी। इनमें से कुछ लोगों की मौत भी हो गई। मृतकों के परिजन ने पुलिस एवं प्रशासन को बताया कि जहरीली शराब पीने के बाद ही सभी की हालत बिगड़ी थी। बुधवार को सीवान और छपरा के बड़े पदाधिकारी प्रभावित इलाकों में पहुंचे और बड़े स्तर पर छापेमारी अभियान शुरू किया। इस दौरान सैकड़ों लीटर अवैध शराब जब्त की गई। पटना मुख्यालय से भी उत्पाद विभाग और पुलिस की स्पेशल टीमें भेजी गईं।बढ़ रहा जहरीली शराब से मौत का आंकड़ा, सीवान में 20 और छपरा में 12 ने तोड़ा दमअब तक की जांच में मिथाइल अल्कोहल की वजह से मौतों की बात कही जा रही है। सरकार का कहना है कि सभी बरामद सैंपलों की जांच की जा रही है। अभी पता चला है कि इस शराब को कहीं बाहर से लाकर यहां बेचा गया था। अभी तक इसका मूल स्रोत पता नहीं चल पाया है। उत्पाद विभाग के सचिव विनोद सिंह गुंजियाल भी जहरीली शराबकांड की स्थिति का जायजा लेने गुरुवार को सीवान पहुंचे।क्या होता है मिथाइल अल्कोहल? सीवान और छपरा में बीते 48 घंटे के भीतर मौतों का कोहराम मचाने वाला मिथाइल अल्कोहल एक तरह का रसायन है। इसे लैब में तैयार किया जाता है। इसे मेथनॉल भी कहते हैं, जिसका इस्तेमाल कल-कारखानों, बिजली उत्पादन और अन्य औद्योगिक गतिविधियों में किया जाता है। कपड़ों की रंगाई, प्रिंटिंग की स्याही और पेंट रिमूवर जैसे तरल पदार्थ बनाने में भी यह काम आता है।
मिथाइल अल्कोहल कैसे बना मौत की ड्रिंक? बिहार में साल 2016 को पूर्ण शराबबंदी कानून लागू किया गया था। जिसके बाद राज्य में अवैध शराब का धंधा बड़े पैमाने पर फल-फूल गया। शराब माफिया दूसरे राज्यों और नेपाल से तस्करी करके दारू लाते हैं और फिर यहां बेचते हैं। उत्पाद विभाग द्वारा समय-समय पर उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है, लेकिन फिर भी यह धंधा बंद होने का नाम नहीं ले रहा है। इनमें से ही कुछ माफिया ऐसे हैं जो औद्योगिक इस्तेमाल के लिए बनाई जाने वाले मिथाइल अल्कोहल का इस्तेमाल करके नकली शराब बनाकर बेच देते हैं।सारण-सीवान में लोगों तक कैसे पहुंची जहरीली शराब, पुलिस की जांच में क्या पता चलाविशेषज्ञों के मुताबिक 10 मिलीलीटर या उससे ज्यादा मेथनॉल पीने से एक स्वस्थ इंसान के आंखों की रोशनी जा सकती है। वहीं, 30 मिलीलीटर से ज्यादा मिथाइल अल्कोहल का सेवन करने पर जान भी जा सकती है। आशंका है कि इसी ‘जहर’ से बनी नकली शराब का सेवन करने से सीवान और छपरा में एक के बाद एक लोग दम तोड़ रहे हैं। वही दूसरी ओर आरजी कर अस्पताल मामले में शीघ्र न्याय की मांग को लेकर गुरुवार को सैकड़ों महिलाओं ने सीबीआई कार्यालय तक मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सीबीआई को इस मामले को जल्द सुलझाने के लिए गंभीर प्रयास करने चाहिए ताकि मुख्य दोषियों को सजा मिल सके।

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