हिंदू स्वाभिमान यात्रा के दौरान गिरिराज सिंह का आह्वान रखें अपने घरों में ‘भाले, तलवार और त्रिशूल’


बिहार बंगाल सीमांचल से अशोक झा: केद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं. वह इस समय बिहार में हिंदू स्वाभिमान यात्रा निकाल रहे हैं लेकिन उसकी चर्चा दिल्ली तक हो रही है। जी हां, कुछ घंटे पहले उन्होंने यात्रा के दौरान लोगों से अपने घरों में ‘भाले, तलवार और त्रिशूल’ रखने का आह्वान किया, जिसका इस्तेमाल देवताओं की पूजा के साथ-साथ आत्मरक्षा के लिए भी किया जा सके। गौर करने वाली बात यह है कि सिंह ने यह टिप्पणी अपनी “हिंदू स्वाभिमान यात्रा” के दौरान बिहार के एकमात्र मुस्लिम बहुल जिले किशनगंज में की है। उन्होंने दावा किया कि हिंदू समुदाय “खतरे” में है और उन्हें “संगठित” करने की आवश्यकता है। बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले गिरिराज सिंह ने दावा किया, ‘किशनगंज आने से पहले मैंने पास के अररिया, कटिहार और पूर्णिया जिलों का दौरा किया है। हर जगह लोगों ने अपनी बहनों और बेटियों के सम्मान के बारे में अपनी चिंताएं साझा की। मुझे बताया गया है कि हर साल कई हिंदू लड़कियां ‘लव जिहाद’ का शिकार होती हैं, जिसके बाद उनका (इस्लाम में) धर्म परिवर्तन करा दिया जाता है. ऐसे अपराधियों के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया जाता है जो उन महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करते हैं जो उनके जाल में नहीं फंसती हैं।हालांकि, उन्होंने अपनी टिप्पणी के समर्थन में कोई विशेष घटना का हवाला नहीं दिया। उन्होंने दावा किया, ‘मुझे पता चला है कि जिन जगहों पर मुसलमानों की संख्या हिंदुओं से ज़्यादा है, वहां उनके मंदिरों में तोड़फोड़ की जाती है, महिलाओं द्वारा सिंदूर लगाने जैसी उनकी धार्मिक प्रथाओं में हस्तक्षेप किया जाता है।केंद्रीय मंत्री ने यह भी आरोप लगाया ईसाई मिशनरियां भी इस क्षेत्र में सक्रिय हैं, लेकिन वे केवल हिंदुओं को ही निशाना बना रहे हैं। सिंह ने हिंदुओं से एकजुट होने का आह्वान किया।मंत्री ने लोगों को यह भी याद दिलाया कि लगभग हर देवी-देवता के बारे में कहा जाता है कि वे त्रिशूल, तलवार या भाला धारण करते हैं। भाजपा नेता ने कहा, ‘इसलिए मैं आप सभी से इन वस्तुओं को अपने घरों में रखने के लिए कहता हूं। इन्हें पवित्र करने के बाद इनकी पूजा करें और जरूरत पड़ने पर आत्मरक्षा में इनका इस्तेमाल करें।
पुलिस पर क्यों भड़क गए गिरिराज सिंह? गिरिराज सिंह ने कहा कि यह कैसा कानून है. मैनें तो सिर्फ दस मिनट मांगा था। मैं यहां अनशन करने तो नहीं बैठ रहा था, लेकिन पुलिस शायद यह नहीं चाहती। इसीलिए मुझे कहना पड़ेगा कि लगता है अब मुझे यही रहना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मुझे हिन्दू होने का गर्व है और कोई मुझे यह कहने से रोकता है तो जब तक शरीर में मेरे खून है तब तक विरोध करता रहूंगा। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि जब तक यात्रा में शामिल वाहन व महिलाओं को वापस नहीं बुलाया जायेगा तब तक यहीं पर राम धुन और हनुमान चालीसा का पाठ करता रहूंगा। इसके बाद सड़क पर बैठे कार्यकर्ता और यात्रा में शामिल केंद्रीय मंत्री और आचार्य दीपांकर महाराज ने हनुमान चालीसा का पाठ शुरु कर दिया। वहीं इस दौरान उन्होंने डीएम और एसपी से भी मामले को लेकर फोन पर बात की। हनुमान चालीसा पाठ खत्म होने के कुछ देर बाद काफिले में शामिल गाड़ियां और महिलाएं वापस आ गयी। तब जाकर उन्होंने अपना वहीं से भाषण शुरु किया और यात्रा समाप्त कर चले गये। मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि मैं यह नहीं जनता की प्रशासन के लोगों ने ऐसा क्यों किया। मैंने कहा कि जब जुम्मे की नमाज पढ़ेगा तो आपकी जुबान नहीं खुलेगी, चाहे सड़क पर पढ़े या जहां पढ़े। आप मुझे रोक रहे हो हम तो वे लोग है जो दूसरों की बात चुपचाप सह लेते है लेकिन अब समय आ गया है कि हिन्दू एकत्रित हो। न हिंदू किसी से डरेगा और न किसी को डरायेगा। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि पांच जिलों की यात्रा करने के उपरांत किशनगंज पहुंचा हूं। मैं दंगा करने वाला नहीं हूं बल्कि दंगा करने वालों को रोकने वाला हूं। यह हिन्दुओं को एक करने की यात्रा है। हिन्दू कहता है कि सर्वे संतु सुखिना। जानबूझकर व्यवधान पैदा करने के कारण हमें रुकना पड़ा. लेकिन मैंने कलक्टर और एसपी को कहा। उन्होंने ठीक किया अब मैं जा रहा हूं। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने जय श्री राम और भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे। रूईधासा मैदान में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि देश नेहरू की नीति का खामियाजा भुगत रहा है। डॉ. भीमराम अंबेडकर ने देश के बंटवारे के समय जो फॉर्मूला दिया था, उसे नेहरू ने अस्वीकार कर दिया।
1947 में जब देश का बंटवारा हुआ था तो डॉ. भीमराव अंबेडकर ने कहा था कि सारे मुसलमानों को पाकिस्तान भेज दो और हिंदुओं को हिंदुस्तान ले आओ। नेहरू ने ऐसा नहीं किया।

इस सीमावर्ती इलाके में हिंदुओं के साथ काफी अत्याचार हो रहा है। इस क्षेत्र में अधिसंख्य बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठिये हैं। ऐसे घुसपैठियों से डरना नहीं है, बल्कि अपनी एकता के साथ इन्हें जवाब देना है। वे हिंदू स्वाभिमान यात्रा के पहले चरण के अंतिम दिन मंगलवार को किशनगंज में सभा को संबोधित कर रहे थे।
‘हिंदू बहन-बेटियों के साथ हो रहा अत्याचार: केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन क्षेत्रों में लव जिहाद कर हिंदू बहन-बेटियों के साथ अत्याचार किया जा रहा है। सभी हिंदुओं को एकता के साथ ऐसे मुस्लिमों से निपटना चाहिए। इस क्षेत्र के कई हिस्सों में हिंदू अल्पसंख्यक हो गए हैं। इसी कारण आपस में एकता आवश्यक है। यह हिंदू स्वाभिमान यात्रा का पहला चरण है। जबतक हिंदू संगठित नहीं होंगे, तब तक यह यात्रा चलती रहेगी।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किशनगंज में कुछ लोग कश्मीर जैसे हालात बनाना चाहते हैं, लेकिन हम किशनगंज छोड़कर कहां जाएंगे। बांग्लादेशियों-रोहिंग्याओं की संख्या जहां बढ़ जाती है, वहां हिंदुओं के मंदिर तोड़े जाते हैं। उन्हें पूजा-अर्चना करने नहीं दी जाती है। आपस में एक रहकर ही इसका प्रतिकार किया जा सकता है।बांग्लादेशियों-रोहिंग्याओं के साथ-साथ लोगों को ईसाई मिशनरियों का भी शिकार होना पड़ रहा है। गरीब हिंदुओं का जमकर मतांतरण कराया जा रहा है। यहां पर हम बांग्लादेश जैसे हालात पैदा नहीं होने देंगे। जाति-व्यवस्था से ऊपर उठकर सभी हिंदुओं को इसका विरोध करना चाहिए।

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