असमाजिक तत्वों ने समर नगर गीता देवी छठ घाट को पहुंचाया नुकसान घाट बना असामाजिक तत्वों का अड्डा
पुलिस आयुक्त से शिकायत कर कारवाई की मांग, कहा आस्था के साथ खिलवाड़ ठीक नहीं
अशोक झा, सिलीगुड़ी: स्वच्छता का प्रतीक है लोक महापर्व छठ। एक ओर जहां इसकी तैयारी अंतिम चरण में है वही समर नगर स्थित गीता घाट को असामाजिक तत्वों ने क्षति पहुंचाया है। शराब की बोतल सूर्य मंदिर में फेक दिया है जो आस्था के साथ खिलवाड़ है। इसको लेकर समर नगर गीता देवी घाट छठ पूजा वेलफेयर सोसायटी की ओर से सिलीगुड़ी पुलिस आयुक्त तक शिकायत की गई है। अध्यक्ष रमेश साह ने बताया कि 01/11/2024 को दीपावली के रात में अज्ञात असमाजिक तत्वों ने समर नगर गीता देवी छठ घाट को काफी नुकसान पहुंचाया है।,रेलिंग के पिलर टाइल्स को तोड़ दिया है। ऐसी घटना पहली बार नहीं हुआ है, इससे पहले भी कई बार हो चुका है। इस घाट का निर्माण सिलीगुड़ी जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण के द्वारा सन् 2015 में हुआ था। और इस घाट का उद्घाटन पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री सुश्री ममता बनर्जी ने की थी। इस घाट में दो मंदिर भी है। एक सूर्य देव मंदिर और दुसरी गंगा मंदिर। लेकिन दु:ख की बात यह है कि ये घाट समाज विरोधियो का अड्डा बन चुका है। इस घाट पर पूरी रात जुआ, शराब का खेल चलता है। दुसरी ओर प्रेम-प्रसंग करने वाले जोड़ी खुलेआम अश्लील हरकतें करते नजर आते हैं। घाट के स्थानीय लोगों के द्वारा विरोध करने पर समाज विरोधी उल्टा उन्ही लोगों को धमकाने का काम करते हैं। सूर्य देव के पवित्र मंदिर में शराब का खाली बोतल, मछली के कांटे फेंककर मंदिर को अपवित्र कर देते हैं। जब यह पूछा गया कि इस संबंध में प्रधाननगर थाना में शिकायत क्यों नहीं की गई? साह बताते है कि इस विषय को लेकर प्रधान नगर थाने में कई बार एफआईआर दर्ज किया जा चुका है। लेकिन प्रधान नगर थाना के द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इससे समाज विरोधियों का मनोबल बढ़ा है। यहां की सोसायटी निराश है। विगत दो साल पहले सूर्य देव मंदिर में चोरी हुई थी। प्रधान नगर थाना ने एफआईआर नहीं लिया। सिर्फ आश्वासन दिया था कि घाट की सुरक्षा के लिए पुलिस तत्पर रहेगी। लेकिन अफसोस थाने के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं हुई। छठ घाट पर जुआ, मांस मछली का सेवन और मंदिर में शराब के खाली बोतल, मछली का कांटा फेंककर अपवित्र करना सनातन धर्म पर कुठाराघात है। पुलिस प्रशासन के द्वारा इस विषय पर कारवाई करे अन्यथा छठ पूजा के बाद इसको लेकर व्यापक आंदोलन को बाध्य होना होगा।