प्रयागराज महाकुंभ-2025 के लिए निमंत्रण पत्र वितरण शुरू

किसी भी शुभ अवसर पर निमंत्रण भेजना हमारी संस्कृति का हिस्सा

अशोक झा, सिलीगुड़ी: महाकुंभ-2025 के लिए निमंत्रण पत्र वितरण शुरू हो गया है। इस महाकुंभ स्नान के लिए अखाड़ों के इष्ट देव, देवता गढ़, पंच परमेश्वर, महानिर्वाणी अखाड़ा के संत, महंत, महामंडलेश्वर और मां गंगा के भक्तों को कुंभ मेला प्रवेश शोभायात्रा और कुंभ पर्व अमृत स्नान के लिए निमंत्रण पत्र भेजे जा रहे हैं। इस विशेष निमंत्रण पत्र का वितरण को लेकर सिलीगुड़ी में पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के अनंत श्री विभूषित महामंडलेश्वर 1008 स्वामी जयकिशन गिरि जी महाराज से महाकुंभ और उससे जुड़ी परम्पराओं के संबंध में बहुत महत्वपूर्ण जानकारी दी। महामंडलेश्वर महाकुंभ स्नान के लिए सिलीगुड़ी में प्रतिनियुक्त एक संयोजक विमल डालमिया के कालीनाथ रोड स्थित ऑफिस में उनके सहयोगियों को आशीर्वाद देने पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि बताया कि निमंत्रण कार्ड तो प्राचीन काल से चले आ रहे हैं, सतयुग में भी निमंत्रण कार्ड का प्रचलन था। कभी भोजपत्र पर, तो कभी कपड़ों पर लिखकर व्यवस्थित तरीके से इन्हें भेजा जाता था। पहले कागजों पर हस्तलिखित निमंत्रण भेजे जाते थे, लेकिन अब प्रिंटिंग की दुनिया ने इसे आसान बना दिया है। टाइप करने में सुविधा होती है, इसलिए अब यह टाइप किए जाते हैं। किसी भी शुभ अवसर पर निमंत्रण भेजना हमारी संस्कृति का हिस्सा है।उन्होंने आगे कहा कि आज के समय में यह परंपरा और भी विकसित हो गई है, क्योंकि आधुनिक विज्ञान ने इसे नया रूप दिया है। समय बदला है और अब व्हाट्सएप और अन्य डिजिटल माध्यमों के जरिए भी आमंत्रण निमंत्रण भेजा जाता है। हम सबसे पहले अपने आराध्य देव के मंदिर में जाते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं। इसके बाद हम श्री पंच परमेश्वर को निमंत्रण भेजते हैं और फिर महंत, मंडलेश्वर और समाज सेवा से जुड़े संस्थाओं को भी पत्राचार के माध्यम से निमंत्रण भेजते हैं।बता दें कि कुंभ में करोड़ों की तादाद में श्रद्धालु गंगा, यमुना, सरस्वती और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए पहुंचते हैं। यह आयोजन धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक समागम है, जो सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। महाकुंभ-2025 को सफल बनाने के लिए प्रदेश की योगी सरकार भी युद्धस्तर पर काम कर रही है।

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