Basti News: मुण्डेरवा शहीद किसान मेले में गरजे किसान नेता ,गलत नीतियों के कारण कृषि से उठता जा रहा किसान का विश्वास
Basti News: मुण्डेरवा शहीद किसान मेले में गरजे किसान नेता ,गलत नीतियों के कारण कृषि से उठता जा रहा किसान का विश्वास
उप्र बस्ती जिले में बुद्धवार को मुण्डेरवा में शहीद किसान मेला को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि लागत के अनुसार फसलों का मूल्य किसानों को नहीं दिया जा रहा है, जिसके कारण किसानों का विश्वास कृषि से उठता जा रहा है।
सरकार की गलत नीतियों के कारण आज पूरे हिन्दुस्तान का किसान परेशान है। एक तरफ सरकार ने घोषणा किया था कि फसलों की लागत में 50 फीसदी वृद्धि करके फसलों का मूल्य निर्धारण किया जाएगा, लेकिन वृद्धि को कौन कहे लागत के बराबर भी फसलों का मूल निर्धारित नहीं किया गया है। केंद्र व प्रदेश सरकार किसान समस्याओं को गम्भीरता से नहीं ले रही है। जिसके कारण आज किसानों के सामने आंदोलन के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।
सरकार की गलत नीतियों के कारण आज पूरे हिन्दुस्तान का किसान परेशान है। एक तरफ सरकार ने घोषणा किया था कि फसलों की लागत में 50 फीसदी वृद्धि करके फसलों का मूल्य निर्धारण किया जाएगा, लेकिन वृद्धि को कौन कहे लागत के बराबर भी फसलों का मूल निर्धारित नहीं किया गया है। केंद्र व प्रदेश सरकार किसान समस्याओं को गम्भीरता से नहीं ले रही है। जिसके कारण आज किसानों के सामने आंदोलन के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।
यह सरकार उद्योगपतियों के इशारे पर कार्य कर रही है और जब सरकार को उद्योगपति चलाएंगे तो किसानों और मजदूर परेशान रहेंगे।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बलराम सिंह लम्बरदार ने कहा कि सरकार किसान विरोधी है क्योंकि सरकार ने अपने घोषणा पत्र के मुताबिक किसानों के हित में कार्य नहीं किया। कहा कि मुन्डेरवा चीनी मिल के राख कैप्चर मशीन न चलाएं जाने के कारण पूरे क्षेत्र में राख उड़ रही है जिससे आम लोग परेशान हैं।
इस पर तत्काल प्रशासन रोक लगाये अन्यथा परिणाम गंभीर होगा। सरकार कंपनी के माध्यम से किसानों की खेती कराना चाहती है। कहा कि मुनाफाखोरी के लिए तीन काले कानूनों किसानों के विरोध में लाए गए थे किंतु किसानों की एकता के कारण ही सरकार को तीन काले कानूनों को वापस लेना पड़ा।
उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान हर घर से एक किसान निकले तभी उनकी मांगें मानी जाएंगी।
राष्ट्रीय महासचिव राजवीर सिंह जालौन ने कहा कि सरकार ने किसान उत्पादित फसलों का मूल्य लागत के अनुसार निर्धारित नहीं कर रही है जिसके कारण किसान परेशान है। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बेतहाशा वृद्धि की गई है। जबकि वही दूसरी तरफ किसानों की फसलों का वाजिब मूल्य नहीं दिया जा रहा। किसान अपने घरों में मीटर न लगाए और इसका पुरजोर विरोध करें।
महात्मा महेंद्र सिंह टिकैत व चौधरी दीवान चंद चौधरी के मूर्ति स्थापना के लिए प्रशासन तत्काल जगह दे अन्यथा परिणाम गंभीर होगा।
बस्ती सदर विधायक महेंद्र यादव ने कहा कि किसानो की खुशहाली से देश तरक्की करेगा तो वर्तमान समय में स्थितियां विपरीत है।उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के कारण ही मुन्डेरवा चीनी मिल चली। वही वाल्टरगंज चीनी मिल मार्च 18 में बंद हुई फिर भी प्रदेश सरकार ने अपने घोषणा के मुताबिक किसानों का बकाया गन्ना मूल्य भुगतान नहीं किया ।
इस मौके पर वरिष्ठ उपाध्याक्ष शोभाराम ठाकुर, विद्यायक दूध राम, भाकियू के उपाध्यक्ष राम किशोर पटेल,सुभाष चंद्र किसान, प्रदेश सचिव राम सिंह जगराम चौधरी जयराम वर्मा, गौरीशंकर चौधरी, महेंद्र कुमार चौधरी, रामसागर चौधरी, जनार्दन मिश्रा परमात्मा चौधरी, चंद्रप्रकाश, सूर्य प्रकाश सिंह ने संबोधित किया।
कार्यक्रम के समापन पर महामहिम राष्ट्रपति को सम्बोधित 18 सूत्री मांग पत्र एसडीएम भानपुर आशुतोष मिश्रा को सौपा।