नरेंद्र मोदी के मुरीद माइक्रो आर्टिस्ट रमेश साह ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन पर नाखून पर चित्र बना दिया श्रद्धांजलि
कहा उनकी इच्छा है पीएम मोदी को भेंट करूं अपने अनोखे कार्य की फेरहिस्त
– एक पोस्ट कार्ड पर 2 लाख 58 हजार 378 अक्षर पेंसिल से ‘राम राम’ लिखे
अशोक झा, सिलीगुड़ी: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर कृतज्ञ राष्ट्र उन्हें अपने अपने तरीके से श्रद्धांजलि दे रहा है। ऐसे में सिलीगुड़ी के ख्याति प्राप्त माइक्रो आर्टिस्ट रमेश साह ने अपने नाखून पर उनका चित्र बनाकर उन्हें भाव भीनी श्रद्धांजलि दी है। बताया की डॉ. मनमोहन सिंह की यात्रा और राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा सच्ची बुद्धिमत्ता और गरिमा को दर्शाती है। उनके नेतृत्व ने यह साबित किया कि शांत संकल्प भी बड़े बदलाव ला सकता है। जरा अब हम इस माइक्रो आर्टिस्ट रमेश साह के संबंध में बता दे वह गागर में सागर भरने वाली कहावत को चरितार्थ करते आ रहे है। सिलीगुड़ी के माइक्रो आर्ट के कलाकार रमेश साह ने बड़े हैरत अंग्रेज ढंग से चावल के छोटे-छोटे दानों पर कारगिल युद्ध के दृश्यों को उतार दिया है। सम सामयिक विषयों पर वह अलग-अलग छोटे-छोटे चावल के दानों पर आप चाहें तो द्रास और सटालिक सेक्टर के दृश्य, टाइगर हिल पर भारतीय सेना द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फुहराने के नजारे, हेलीकाप्टर से सेना के जवानों को पैराशूट से उतरने के दृश्य, मरकोह घाटी में सेना की गश्त, घाटी में तोप से गोला दागने, बोफोर्स तोप की तैनाती के दृश्यों को देख सकते हैं। किन्तु यह कलाकारी इतना सूक्ष्म है कि आप आंखों पर बिना लैंस लगाये बिना नहीं देख सकते।इसके अलावा रमेश साह ने एक चावल के दाने पर अमर जवान, प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी और राष्ट्रपति के. आर. नारायणन की तस्वीरें भी बना दी हैं। रमेश साह ने एक भेंट में बताया कि वह अपनी इन तमाम कलाकृतियों को प्रधानमंत्री को एक सुन्दर से बक्से में सजाकर भेंट करना चाहता है। इसके लिए वह राज्य के कई भाजपा नेताओं से संपर्क भी बनाया पर वह सार्थक नहीं हो पाया। 40वर्षीय हायर सेकेण्डरी की शिक्षा प्राप्त रमेश साह की कलाकारी की यहीं समाप्ति नहीं है। वह पहले ही एक सरसों के दाने पर विश्व का नक्शा और उसमे तीन महासागरों को उतार चुका है। एक चावल के दाने पर संपूर्ण राष्ट्र गीत लिख डालना भी अपने आप में हैरत की बात है। लेकिन यह रमेश साह के लिए बाएं हाथ का काम है। वह कुछ ही मिनटों में बायें हाथ से आपके सामने माइक्रो आर्ट की इस कलाकारी को दिखा सकता है। एक सरसों के दाने पर पच्चीस भारत के नक्शे, एक छोटे से बाल पर भी रमेश साह बहुत कुछ लिखने में माहिर है। एक पोस्ट कार्ड पर 2 लाख 58 हजार 378 अक्षर पेंसिल से ‘राम राम’ लिखे हैं। सरकार से उन्हें है शिकायत : सिलीगुड़ी के प्रधाननगर
थाना अन्तर्गत समर नगर में रहने वाले इस कलाकार को इस बात का दुःख है कि उसको इस आर्ट को किसी ने अहमियत नहीं दी। राज्य या जिला स्तर पर उन्हें सम्मान नहीं मिला। एक सवाल के जवाब में उसने बताया कि वह अब माइक्रो मूर्तियां बनाएंगे।1994 में पहली जनवरी को रमेश ने सिलीगुड़ी में आने पर तत्कालीन विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी को एक सूक्ष्म नववर्ष का कार्ड भेंट किया था। सोनिया ‘गांधी को भी यह अपनी कलाकारी का नमूना भेज चुका है। रमेश साह का कहना है कि बचपन में कलकत्ता गया था। रास्ते में बैठकर एक आदमी एक चावल के दाने पर लोगों का नाम लिखकर दो- दो रुपये ले रहा था। वहीं से प्रेरणा हासिल कर वह भी बचपन से यह प्रयास करते-करते आज इस कला में दक्ष हुआ।