चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका बंग्लादेश के चटगांव कोर्ट ने खारिज, हाईकोर्ट में होगी अपील

 

बांग्लादेश बोर्डर से अशोक झा: चिन्मय कृष्ण दास की याचिका को खारिज कर दिया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मेट्रोपॉलिटन पब्लिक प्रॉसिक्यूटर एडवोकेट मोफिजुर हक भुइयां ने कहा कि चटगांव मेट्रोपॉलिटन सत्र न्यायाधीश मोहम्मद सैफुल इस्लाम ने लगभग 30 मिनट तक दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी।अब चिन्मय कृष्ण दास के वकील हाई कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के 11 वकील आज यानी कि 2 जनवरी को चिन्मय कृष्ण दास की जमानत की सुनवाई का प्रतिनिधित्व करने के लिए गए थे। सुनवाई के बाद चिन्मय के वकील अपूर्व कुमार भट्टाचार्य ने बताया कि वे जमानत के लिए हाईकोर्ट में अपील करने की योजना बना रहे हैं. लगभग 11:40 बजे वकील अपूर्व कुमार भट्टाचार्य के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट के 11 वकील पुलिस सुरक्षा में दो माइक्रो बसों में सवार होकर अदालत परिसर से रवाना हो गए. इससे पहले दिन में वे हाई-प्रोफाइल मामले में चिन्मय का प्रतिनिधित्व करने के लिए सुबह करीब 10:15 बजे कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत पहुंचे. उनके प्रयासों के बावजूद, अदालत का फैसला उनकी याचिका के खिलाफ गया। पहले भी खारिज की गई थी याचिका: बता दें कि इससे पहले 11 दिसंबर को एक बांग्लादेश की एक अदालत ने दास की प्रारंभिक जमानत याचिका को प्रक्रिया में खामी के कारण खारिज कर दिया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, वैध पावर ऑफ अटॉर्नी और वकील की उपस्थिति की कमी के कारण याचिका खारिज की गई थी. मामले ने तब नया मोड़ ले लिया जब दास के वकीलों में से एक सुभाशीष शर्मा सुरक्षा कारणों से 3 दिसंबर की सुनवाई में शामिल नहीं हो सके थे। बता दें सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्‍ता अपूर्व कुमार भट्टाचार्य के नेतृत्व में ग्यारह सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने चिन्मय का बचाव करने के लिए एकजुट हुए लेकिन चिन्‍मय कृष्‍ण दास को जमानत दिलाने में कामयाब नहीं हो पाए। आज आइए जानते हैं आखिर क्‍या है पूरा मामला और स्‍वामी चिन्‍मय कृष्‍ण दास क्‍यों हुई है जेल?चिन्‍मय कृष्‍ण दास को जमानत ना मिलने से भक्‍तों को लगा झटका: बता दें कोलकाता इस्कॉन के वीपी राधा रमन दास ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी कि चिन्‍मय कृष्‍स दास की जमानत याचिका आज खारित हो गई है। उन्‍होंने कहा सभी को उम्‍मीद थी कि नए साल में चिन्‍मय प्रभु को जेल से आजादी मिल जाएगी, लेकिन 42 दिन बाद भी उनकी जमानत खारिज कर दी गई। उन्‍होंने कहा बांग्लादेश सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसे न्याय मिले।
स्‍वामी चिन्मय कृष्ण दास पर क्‍या है आरोप?बता दें इस्कॉन के पूर्व पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है। स्‍वामी पर बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का अरोप है। उन पर ये आरोप तब लगाए गए थे जब उन्होंने 25 अक्टूबर को चटगांव में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज पर भगवा झंडा लगाया था।गिरफ्तारी के बाद हुईं हिंसा: इस घटना के एक महीने बाद उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया, जिसके बाद कई विरोध प्रदर्शन और हिंसक झड़पें हुईं। 27 नवंबर को चटगांव कोर्ट बिल्डिंग के बाहर टकराव चरम पर पहुंच गया, जिसमें एक वकील की दुखद मौत हो गई। इस्कॉन कोलकाता ने बताया कि उसके दो भिक्षुओं, आदिपुरुष श्याम दास और रंगनाथ दास ब्रह्मचारी को 29 नवंबर को हिरासत में लिया गया था। वे हिरासत में चिन्मय से मिलने गए थे।सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्‍ता अपूर्व कुमार भट्टाचार्य जो सुप्रीम कोर्ट और चटगांंव बार एसोसिएशन दोनों के सदस्य हैं उनकी नेतृत्व में ग्यारह वकीलों की टीम स्‍वामी चिन्‍मय कृष्‍ण दास पर लगे आरोप का बचाव किया। हालांकि अपूर्व कुमार भट्टाचार्य ने स्‍वामी चिन्मय को जमानत दिलाने का आश्वासन दिया था। स्‍वामी के वकील ने क्‍या कहा था?: बांग्लादेश की कोर्ट में स्‍वामी की जमानत याचिका पर सुनवाई से पहले डेली स्टार से बात करते हुए अपूर्व कुमार भट्टाचार्य ने कहा था कि “हम ऐनजीबी ओइक्या परिषद के बैनर तले चटगांव आए हैं, और हम चिन्मय की जमानत के लिए अदालत में पैरवी करेंगे। मुझे चिन्मय से वकालतनामा पहले ही मिल चुका है। मैं सुप्रीम कोर्ट और चटगांव बार एसोसिएशन दोनों का सदस्य हूँ, इसलिए मुझे केस चलाने के लिए किसी स्थानीय वकील से अनुमति की आवश्यकता नहीं है। 3 दिसंबर को क्‍यों नहीं हुई थी सुनवाई?गौरततलब है कि 3 दिसंबर, 2024 को कोर्ट सत्र के दौरान चिन्मय के लिए कोई कानूनी प्रतिनिधि उपलब्ध नहीं था। इसके कारण अभियोजन पक्ष द्वारा अधिक समय का अनुरोध करने के बाद, अदालत ने जमानत की सुनवाई के लिए 2 जनवरी की तारीख तय की थी।

Back to top button