पुलिस पर युवती ने लगाया दुराचार का आरोप, सिलीगुड़ी महिला थाने में शिकायत कराई दर्ज

– आरोप को बताया गया निराधार, जांच में जुटी पुलिस
अशोक झा, सिलीगुड़ी: रक्षक ही भक्षक की भूमिका निभाता है। इस बार पुलिस के खिलाफ बलात्कार के आरोप लगाए गए। सिलीगुड़ी की एक युवती ने जलपाईगुड़ी के राजगंज थाने के एसआई सुब्रत गुन पर बलात्कार का आरोप लगाया है। शुक्रवार शाम सिलीगुड़ी महिला पुलिस थाने में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई गई जिसमें आरोप लगाया गया कि आरोपी एसआई ने युवती को थाने के पास अपने घर पर बुलाया और उसके साथ बलात्कार किया तथा शारीरिक शोषण किया। शिकायत दर्ज कराते समय युवती थाने में बीमार पड़ गई। वह बार-बार उल्टियाँ करता रहा। रात करीब एक बजे पुलिस ने उन्हें सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में भर्ती कराया। घटना की जानकारी होते ही पुलिस में सनसनी फैल गई। युवती की मां ने यह भी आरोप लगाया है कि घटना को छुपाने का प्रयास किया जा रहा है। रात में फोन पर की गई शिकायत के बारे में एसआई गुन का स्पष्टीकरण था, “मैंने शिकायत के बारे में सुना।” हमारा बड़ा भाई भी पुलिस स्टेशन आया। हम इसी पर चर्चा कर रहे हैं। लड़की परिचित है. ”मुझे उससे पैसे मिलते थे, शायद इसीलिए वह यह सब कर रहा है।” उस दिन लड़की की मां भी उसके साथ थाने आई थी। मां ने कहा, “मैं चाहती हूं कि मेरी बेटी को बर्बाद करने वाले को कड़ी सजा मिले।” पीड़िता के शब्दों में, “शिकायत को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।” बार-बार अनुरोध के बावजूद पुलिस मेरी शारीरिक जांच नहीं करना चाहती। “मैं आरोपी के लिए अधिकतम सजा चाहता हूं।” पुलिस सूत्रों के अनुसार पीड़िता एक निजी संस्था में काम करती है। चार्जशीट में उन्होंने लिखा है कि आरोपी एसआई ने कुछ दिन पहले उन्हें फोन कर बताया कि युवती के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है। इसीलिए तुम्हें पुलिस स्टेशन जाना होगा। फिर कुछ समय तक आरोपी विभिन्न बहानों से उससे मिलने के लिए कहता रहा। कल आरोपी ने युवती को अपने घर पर मिलने के लिए बुलाया। आरोप है कि शुक्रवार शाम युवती राजगंज थाने के सामने स्थित आरोपी एसआई के घर गई और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया गया। युवती ने बताया कि आरोपी ने उसे धमकी दी कि अगर उसने शारीरिक शोषण के बारे में किसी को बताया तो वह उसे और उसके परिवार को जान से मार देगा। रात को उन्होंने बताया, “मैं पुलिस स्टेशन गई थी, लेकिन उन्होंने शिकायत दर्ज किए बिना मुझे काफी देर तक बीमार रखा।” “एक समय तो उन्होंने मुझे राजगंज जाने को कहा।” इसके बाद पीड़िता ने थाने में ही रोना-चिल्लाना शुरू कर दिया। अंत में पुलिस ने किसी तरह मजबूरी में शिकायत स्वीकार कर ली। उस रात कोई भी पुलिस अधिकारी इस मामले पर बात नहीं करना चाहता था।