जब 50 से ज्यादा इस्लामिक देश हो सकते हैं, मिशनरियों के देश हो सकते हैं, तो भारत क्या एक हिंदू राष्ट्र नहीं बन सकता: सीताराम डालमिया

अशोक झा, सिलीगुड़ी: शहर के उत्तरबंग मारवाड़ी पैलेस में सर्व हिन्दी विकास मंच द्वारा ” सनातन की चुनौतियां और भारत का भविष्य”हम जागेगें, देश जागेगा विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कार्यक्रम संयोजक सीताराम डालमिया ने अपने स्वागत भाषण में
कहा कि आज हमारे बीच प्रखर प्रवक्ता गौतम खट्टर जी उपस्थित है। उन्हें सुनेंगे। हमारा तो बस इतना कहना है कि आज हमारे पड़ोसी राष्ट्र बांग्लादेश में हिंसा का तांडव नया नहीं है। अगस्त 1946 में जिन्ना के आदेश पर ‘प्रत्यक्ष कार्रवाई’ हुई थी। बंगाल में हजारों हिंदू मौत के घाट उतार दिए गए। वही सब जो तब हुआ, वह अब हो रहा है। इस्लामिक कट्टरपंथियों का मन और बुद्धि वहीं ठहर गई है। पर उन्हें दोष देकर बाकी लोगों को अपराध मुक्त नहीं कर सकते हैं। आखिर बाकी इस्लामिक समाज क्यों नहीं अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पड़ोसियों के लिए सुरक्षा कवच बनता है? इधर भारत में फिलीस्तीन के प्रति चिंतित समाज बंग्लादेशी हिंदुओं प्रति तटस्थता क्यों दिखा रहा है? इन प्रश्नों को बौद्धिक साहस और पंथनिरपेक्षता के प्रति निष्ठा के साथ व्यापक रूप से उठाने की जरूरत है। पाकिस्तान और बांग्लादेश भले अलग राष्ट्र हैं, पर उनकी आंतरिक समस्याओं को बिलकुल अलग कर नहीं देख सकते। भारत ने पंथनिरपेक्षता का प्रतिमान दिया है। इस वैचारिक प्रतिमान को बंग्लादेश ले जाने की आवश्यकता है। नेहरू-लियाकत समझौते की ऐतिहासिक गलती और इंदिरा गांधी की ऐतिहासिक चूक से आगे कदम बढ़ाना ही समय की मांग है। जिहादी मानसिकता के विरुद्ध लड़ना एक सकारात्मक विचारधारा मानी जाएगी। अन्यथा कल अफसोस के सिवा कुछ नहीं बचेगा। इसलिए जब 50 से ज्यादा इस्लामिक देश हो सकते हैं, मिशनरियों के देश हो सकते हैं, तो क्या एक हिंदू राष्ट्र नहीं हो सकता है। सबकी मांग होगी तो हम सबके साथ हैं।उन्होंने कहा कि हम धर्मनिरपेक्ष हैं, संविधान को मानते हैं, संविधान से कोई दिक्कत नहीं है, हमारे पूर्वजों ने संविधान स्वीकार किया है। हम इसके खिलाफ नहीं हैं। हम निर्णय नहीं ले रहे कि हम हिंदू राष्ट्र कर देंगे। हम ये नहीं कह रहे कि हम हिंदू राष्ट्र बना देंगे। हम कह रहे हैं कि हम सब मिलकर हिंदू राष्ट्र देंगे। उन्होंने कहा कि आज सवाल उठता है कि क्या हिंदू राष्ट्र में मुस्लिम भी रहेंगे। उनकी बड़ी जनसंख्या है तो उन्होंने कहा कि कहां जाएंगे।भारत में उन्हें रहना है तो साथ में रहेंगे। उनके पूर्वज तो सनातनी ही हैं।