एशिया के दूसरे सबसे बड़े इस्कॉन मंदिर का 15 को पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन
पिछले 12 वर्षों से मुंबई में बन रहा था यह मंदिर, 200 करोड़ की है लागत
– इस मंदिर में 3 हजार भक्तो के एकसाथ बैठने की है व्यवस्था, दरवाजों पर गदा,शंख,चक्र और ध्वजा की उकेरी गई है सुनहरी प्रतिमा
अशोक झा, मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आने वाले 15 जनवरी को महाराष्ट्र में बन कर तैयार एशिया के दूसरे सबसे बड़े इस्कॉन मंदिर का लोकार्पण करने वाले हैं। नवी मुंबई के खारघर में पिछले 12 सालों से बन रहा इस्कॉन मंदिर आखिरकार बनकर पूरी तरह से तैयार हो चुका है।भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित इस भव्य मंदिर का नाम श्री श्री राधा मदन मोहन जी मंदिर रखा गया है। यह 9 एकड़ में फैला एशिया का दूसरा सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर है। इस मंदिर का उद्घाटन समारोह 9 जनवरी से ही शुरू हो चुका है जो 15 जनवरी को पीएम मोदी द्वारा लोकार्पण तक चलेगा। मंदिर के लोकार्पण से पहले 1 सप्ताह का विशेष धार्मिक कार्यक्रम और यज्ञ अनुष्ठान किया जा रहा है। मंदिर के ट्रस्टी और हेड डॉक्टर सूरदास प्रभु ने बताया कि पीएम मोदी इस मंदिर का उद्घाटन करने के साथ-साथ सांस्कृतिक सेंटर और वैदिक म्यूजियम का शिलान्यास भी करेंगे।
पहला मंदिर जहां होगा प्रभु पाद जी का मेमोरियल: महाराष्ट्र के नवी मुंबई में खारघर में सेक्टर 23 में स्थित इस मंदिर को बनाने में कुल 12 साल लगे हैं। ये भव्य मंदिर सफेद और भूरे संगमरमर के खास पत्थरों से बनाया गया है। पीएम मोदी ने इससे पहले 12 अक्टूबर 2024 को मंदिर का दौरा किया था। संगमरमर से बना इस मंदिर को 200 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है। मंदिर का दरबार भगवान श्रीकृष्ण की कई लीलाओं के 3D तस्वीरों से सजा है जिसका उद्घाटन पीएम मोदी 15 जनवरी को करेंगे। वहीं, दशावतार मंदिर के दरवाजे कई किलो चांदी से बने हैं। दरवाजों पर गदा,शंख,चक्र और ध्वजा की सुनहरी प्रतिमा उकेरी गई है। इस मंदिर का निर्माण ग्लोरी ऑफ महाराष्ट्र परियोजना के तहत किया गया है। इस्कॉन मंदिर के संस्थापक श्रील प्रभुपाद जी के 3 विग्रह, उनके देश विदेश के अनुयायियों के विग्रह,उनके फोटो, उनकी किताबों का एक मेमोरियल भी बनाया गया है। पूरी दुनिया में इस्कॉन के करीब 800 मंदिर है लेकिन नवी मुंबई का ये मंदिर इकलौता मंदिर होगा जिसमें उनके संस्थापक प्रभु पाद जी का मेमोरियल बनाया गया है।मंदिर में और क्या-क्या संरचनाएं हैं जानिए: दशावतार मंदिर के सामने विशाल बागिचा, जिसमें फव्वारे और बहुत ही सुन्दर लाइटिंग की गई है। मुख्य मंदिर और उसकी छतों पर कलाकृतियों को सफेद, सुनहरे और गुलाबी रंगों से सजाया गया है।
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आयुर्वेदिक हिलिंग सेंटर, जहां आयुर्वेद, योगाभ्यास और मंत्राभ्यास आदि करवाया जाएगा।।शुद्ध शाकाहारी रेस्तरां, जहां भगवान श्रीकृष्ण के पसंदीदा व्यंजन परोसे जाएंगे।
इस मंदिर में 3 हजार भक्तो के एकसाथ बैठने की व्यवस्था की गई है। इस ऑडिटोरियम में कल्चरल इवेंट होते रहेंगे। मंदिर के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजीत पवार भी शामिल होंगे।
सूरदास प्रभु ने क्या कुछ कहा?: मंदिर के ट्रस्टी और हेड डॉक्टर सूरदास प्रभु ने विस्तार में बताया की मंदिर नवी मुंबई क्षेत्र में अध्यात्म का नया केंद्र बनकर उभरेगा। उन्होंने बताया कि पीएम के आने से उन्हें और बल भी मिलता है जिस तरह की हाल ही में स्थिति देखी गई है। यहां लोग न सिर्फ भक्ति और भगवान की शरण में आएंगे बल्कि अपने अशांत मन को शांति करने के लिए सहारा लेंगे। सूरदास महाराज ने बताया कि बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर पर जो कायराना हमला हुआ, उसकी वो निंदा करते है। साथ ही उन्होंने बांग्लादेश को लेकर भारत सरकार की नीतियों का समर्थन भी किया।