यह सिर्फ अवैध बिल्डिंग ही नहीं, सरकारी जमीन पर खड़ा है अस्पताल

भू माफिया का कारनामा जमीन के कागजात कही और के जमीन दिया कोई और

– बिल्डिंग निरीक्षण नोटिस के नाम पर जमीन को वैद्य करने की कोशिश तो नहीं?

– जिस जमीन के कागजात दिखाकर हुई है खरीद वह प्लाट ही नहीं है यह

— बीएलआरओ से जांच करवाने पर खुल जायेगा रहस्य से पूरा पर्दा
– सही तरीके से जांच होने पर बेनकाब होंगे कई चर्चित भू-माफिया के चेहरे
अशोक झा, सिलीगुड़ी:
सिलीगुड़ी में भू माफिया के कारनामें को उजागर करता है वार्ड 46 दार्जिलिंग मोड स्थित फोर्ट हिल अस्पताल। यह पूरा अस्पताल का निर्माण सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से निर्माण कराया गया है। इसका मामला अब तुल पकड़ने लगा है। जानकारों की माने तो यह मामला इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और कई भू माफिया से गठजोड़ रखने वाले नेताओं के संज्ञान में आया था। मामले को रफा – दफा और अवैध को वैद्य कराने के लिए कुछ माह पहले एक डील भी हुई थी। इसमें पुलिस को भी शामिल करने की बात थी। लेकिन सीएम ममता बनर्जी के सरकारी जमीन को लेकर सख्त रवैया को देखते हुए और मामला प्रकाश में आने के बाद यह परवान नहीं चढ़ पाया। अब इस अस्पताल के भवन निर्माण को लेकर सिलीगुड़ी नगर निगम की ओर से 476/एसएमसी/एन/बिल्डिंग/2024-25 दिनांक: 16-01-2025 को एक नोटिस जारी किया गया है। इसमें फोर्ट हिल अस्पताल के मालिक, दार्जिलिंग मोड़, वार्ड नंबर 46, एस.एम.सी. सिलीगुड़ी को कहा गया है कि उपरोक्त परिसर में अनधिकृत निर्माण के आरोपों से संबंधित शिकायत के अनुसरण में, सिलीगुड़ी नगर निगम की तकनीकी टीम द्वारा 21/1/2025 को 11.30 बजे ऐसी शिकायत के संबंध में निरीक्षण किया जाएगा।इस संबंध में आपको तदनुसार निर्देशित किया जाता है कि आप भवन योजना और अन्य प्रासंगिक दस्तावेजों (यदि कोई हो) की एक प्रति के साथ उक्त तिथि और समय पर उपरोक्त परिसर में उपस्थित रहें। इस संबंध में अस्पताल के मालिक से बात करने की कोशिश की गई पर वह उपलब्ध नहीं हो पाए। कहते है कि बिल्डिंग प्लान की जांच के लिए नोटिस दी गई है जबकि बिल्डिंग से पहले जमीन की जांच करवाई जानी चाहिए। जमीन की जांच से स्पष्ट हो जाएगा कि यह जमीन सरकारी है या नहीं? इस जांच से सरकारी जमीन को अवैध तरीके से बेचने वाले भू माफिया का चेहरा भी बेनकाब हो जाएगा? अब देखना यह होगा कि नगर निगम जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही करती है या वास्तविक रूप से इस पूरे मामले में नगर निगम, बीएलआरओ और पुलिस कोइ ठोस कारवाई करती है या नहीं? चर्चा है कि मामले की लीपापोती होने से अब यह मामला जहां विपक्ष के हथियार बनेगा वहीं सीएम ममता बनर्जी के लिए सिरदर्द उत्पन्न करेगा।

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