मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी सभी फाइलों को तत्काल सार्वजनिक करने की मांग

कहा, बोस ने देश के लिए योजना आयोग की स्थापना की थी, जिसे अब खत्म कर दिया गया

 

अशोक झा, कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को केंद्र सरकार से नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी सभी फाइलों को तत्काल सार्वजनिक करने की मांग की। उत्तर बंगाल के अलीपुरद्वार जिले के कालचीनी में एक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सीएम ममता बनर्जी ने कहा, ”नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने देश के लिए योजना आयोग की स्थापना की थी, जिसे अब खत्म कर दिया गया है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। नेताजी का जन्मदिन तो हमें पता है, लेकिन उनका निधन कब और कैसे हुआ…आज भी रहस्य है। यह सोचकर दुख होता है कि वह एक षड्यंत्र का शिकार हुए हैं। केंद्र सरकार से नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी सभी फाइलों को तत्काल सार्वजनिक करने की मांग की। जिसमें उनकी मौत हो गई। हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि वह इस हादसे में बच गए थे। आज भी उनकी मौत को लेकर अलग-अलग कॉन्सपिरेसी थ्योरी बताई जाती है। अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस एक बड़ी साजिश का शिकार हुए थे और उन्होंने दुख जताया कि इतने वर्षों के बाद भी देश महान नेता के लापता होने के पीछे के रहस्य से पर्दा नहीं उठा पाया है।बनर्जी ने कहा कि मुझे बहुत दुख होता है कि नेताजी का जन्मदिन तो हम जानते हैं, लेकिन इतने सालों बाद भी हम उनके लापता होने के बारे में अंधेरे में हैं। उनकी मौत कब और कैसे हुई। वह एक बड़ी साजिश का शिकार हुए हैं। उन्होंने देश के लिए कितनी लड़ाइयां लड़ीं, लेकिन हमें अभी भी पता नहीं है कि वे कहां खो गए।इसी बीच, कोलकाता के रेड रोड पर आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने नेताजी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।विपक्ष के नेता ने राज्य सरकार पर नेताजी की जयंती को लेकर कथित दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहले परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 की धारा 25 के तहत 23 जनवरी को 2025 के लिए सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था, लेकिन सरकारी अधिकारियों के व्हाट्सएप समूह में कहा गया कि सीएमआरओ शिकायत निवारण कार्यालय उस दिन कार्यरत रहेगा। उन्होंने इसे सार्वजनिक अवकाश के नियमों का उल्लंघन और नेताजी का अपमान बताया।

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