नहीं रहे अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास, राम भक्तों में शोक की लहर
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अशोक झा, अयोध्या: अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का बुधवार को लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में निधन हो गया. सत्येंद्र दास लंबे समय से बीमार चल रहे थे। आचार्य सत्येंद्र दास ने 87 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली।ब्रेन हेमरेज के बाद उनका लखनऊ के पीजीआई में इलाज चल रहा था। अस्पताल की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी श्री सतेंद्र दास जी ने आज अंतिम सांस ली। उन्हें 3 फरवरी को स्ट्रोक के कारण गंभीर हालत में न्यूरोलॉजी वार्ड के एचडीयू में भर्ती कराया गया था। एसजीपीजीआई की तरफ से जारी किए गए बयान में जानकारी दी गई है कि, श्री सत्येंद्र दास जी को स्ट्रोक हुआ है। उन्हें मधुमेह और उच्च रक्तचाप है और वे फिलहाल न्यूरोलॉजी आईसीयू में भर्ती थे पीजीआई प्रशासन के अधिकारी PRO ने बताया कि सुबह उन्होंने पीजीआई में अंतिम सांस ली। 28 साल तक रामलला की पूजा-अर्चना की: जानकारी के लिए बता दें कि सत्येंद्र दास राम मंदिर ट्रस्ट के प्रमुख सदस्य थे। बाबरी विध्वंस से लेकर रामलला के भव्य मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा तक इन सभी चीजों के सत्येंद्र दास साक्षी रहे हैं। सत्येंद्र दास ने पिछले 34 साल से राम जन्मभूमि परिसर में रामलला की सेवा कर रहे थे। उन्होंने टेंट में रहे रामलला की 28 साल तक पूजा-अर्चना की, इसके बाद करीब चार साल तक अस्थायी मंदिर में रामलला की सेवा मुख्य पुजारी के तौर पर की थी। इसके बाद जब राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा हो गई तब भी वो रामलला की सेवा मुख्य पुजारी के तौर पर कर रहे थे। संस्कृत के शिक्षक थे आचार्य सत्येंद्र दास: भक्ति के साथ-साथ आचार्य सत्येंद्र दास शिक्षा में भी काफी अच्छे रहे। साल 1975 में आचार्य सत्येंद्र दास ने संस्कृत विद्यालय से डिग्री हासिल की। इसके बाद अगले साल यानी 1976 में उन्होंने अयोध्या के संस्कृत महाविद्यालय में सहायक शिक्षक की नौकरी मिल गई। मार्च 1992 में उनको तत्कालीन रिसीवर ने पुजारी के तौर पर नियुक्ति की थी। तब उनको केवल 100 रुपये वेतन मिलता था। लेकिन बाद में इसमें बढ़ोतरी की गई थी।