पीएम,राष्ट्रीय अध्यक्ष के बाद संघ प्रमुख की बिहार में हो रही इंट्री

6 मार्च को सुपौल के वीरपुर में स्थित सरस्वती विद्या मंदिर के नए भवन का करेंगे उद्घाटन

 

अशोक झा, पटना: बिहार में इसी साल (2025) विधानसभा का चुनाव है। इसको लेकर हलचल पूरी तरह से तेज हो गई है। अलग-अलग पार्टियां तैयारियां कर रही हैं। रैलियां कर रही हैं।चुनाव में भले कई महीनों का वक्त है लेकिन माहौल तैयार होने लगा है। अब खबर है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत बिहार दौरे पर आने वाले हैं। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। चुनावी साल के चलते अहम माना जा रहा यह दौरा: जानकारी के अनुसार मोहन भागवत 6 मार्च को बिहार आ रहे हैं। वे सुपौल जाएंगे। 6 मार्च को सुपौल के वीरपुर में स्थित सरस्वती विद्या मंदिर के नए भवन का उद्घाटन करेंगे। विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों, स्वयंसेवकों और आम नागरिकों से मुलाकात भी करेंगे। चुनावी साल में मोहन भागवत का ये दौरा काफी अहम माना जा रहा है। मोहन भागवत के इस दौरे को लेकर बिहार के सुपौल में संघ और प्रशासनिक स्तर पर तैयारी चल रही है। संघ के कार्यकर्ता और पदाधिकारी इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए तैयारियों में जुटे हुए हैं. इस दौरे के दौरान भागवत अलग-अलग संगठनों के पदाधिकारियों, स्वयंसेवकों और आम नागरिकों से समाज व राष्ट्र निर्माण से जुड़े मुद्दों पर संवाद करेंगे। संघ कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवकों, शिक्षकों, छात्रों और स्थानीय नागरिकों में इस दौरे को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है। स्वागत की तैयारियों के लिए स्थानीय प्रशासन और संघ पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक आयोजित की गई, जिसमें कार्यक्रम की रूपरेखा तय की गई। सुरक्षा व्यवस्था को भी ध्यान में रखते हुए विशेष इंतजाम किए गए हैं। संघ के क्षेत्र संगठन मंत्री ख्यालीराम ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े संगठन के प्रमुख का वीरपुर आना गौरव की बात है और संघ इस कार्यक्रम को पूरी तत्परता के साथ आयोजित कर रहा है।।चार साल बाद हो रहा बहुप्रतीक्षित दौरा: मोहन भागवत का ये दौरा पहले 2020 में तय हुआ था, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसे स्थगित करना पड़ा। ऐसे में चार साल बाद उनके आगमन को लेकर लोगों में खासा उत्साह है। सरस्वती विद्या मंदिर का नया भवन आधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा जिससे छात्रों को बेहतर शैक्षिक माहौल मिलेगा। संघ के सीनियर पदाधिकारियों का मानना है कि इस दौरे से विद्यालय को नई पहचान मिलेगी और शिक्षा और संस्कारों के प्रचार-प्रसार को और ज्यादा गति मिलेगी।इस कार्यक्रम में संघ के कई सीनियर पदाधिकारी, शिक्षाविद, स्थानीय नेता और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेंगे। मौके पर क्षेत्र प्रचार प्रमुख विद्या भारती बिहार एवं झारखंड नवीन सिंह परमार, लोक शिक्षा समिति कोसी विभाग प्रमुख रमेश चंद्र शुक्ला, क्रीड़ा भारती प्रांतीय सदस्य मुकुल कुमार दास, रामवतार मेहता, उत्तर बिहार प्रांतीय उपाध्यक्ष सुमन चंद्र, सुरेश चंद्र और सुबोध कुमार शर्मा समेत कई अन्य प्रमुख लोग भी मौजूद रहेंगे। पूरे क्षेत्र में इस दौरे को लेकर उत्सव जैसा माहौल बना हुआ है।
24 फरवरी को बिहार आए थे पीएम मोदी: बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 फरवरी को बिहार के भागलपुर आए थे। यहां से देश के किसानों को उन्होंने बड़ी सौगात दी थी। प्रधानमंत्री मोदी ने किसान सम्मान निधि योजना की 19वीं किस्त जारी की थी। इसके तहत 9.80 करोड़ से अधिक किसानों को 22,000 करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक मदद दी गई थी।दूसरी ओर जेपी नड्डा भी अभी हाल ही में बिहार दौरे पर आए थे। चुनाव से पहले इस तरह बड़े नेताओं का दौरा अहम माना जा रहा है। बिहार दौरे पर जेपी नड्डा आए थे तो 25 फरवरी को उन्होंने सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। पटना के राजकीय अतिथिगृह में हुई मुलाकात के दौरान बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के अलावा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल भी मौजूद थे। अब एक बार आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत बिहार आ रहे हैं तो देखना होगा कि वह यहां क्या कुछ कहकर जाते हैं।
क्या है आरएसएस का पंच परिवर्तन?

अपने भाषण के दौरान मोहन भागवत ने सामाजिक सद्भाव, पारिवारिक मूल्यों, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी प्रथाओं और नागरिक कर्तव्यों को परिवर्तन के मूलभूत स्तंभों के रूप में रेखांकित करते आ रहे है। उनकी इस स्पीच का सीधा मतलब समाज में एक पॉजिटिव बदलाव लाना था।
सामाजिक सद्भाव पर क्या बोल रहे भागवत?
मोहन भागवत ने समाज के निर्माण के लिए सामाजिक सद्भाव को काफी अहम बताते रहे है । उन्होंने इस दौरान कहा कि अलग-अलग समुदायों, धर्मों, क्षेत्रों और भाषाओं के बीच दोस्ती और एकता को भी महत्व दिया।
पारिवारिक मूल्य समाज के लिए अहम
आरएसएस चीफ ने का कहना है कि अपने घर में पारिवारिक मूल्यों को बढ़ावा देने से समाज को सही डायरेक्शन मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने पर्यावरण सरंक्षण का जिक्र करते हुए कहा कि यह समाज की सामूहिक जिम्मेदारी होनी चाहिए कि हम प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल करें और ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं।
स्वदेशी चीजों का इस्तेमाल: मोहन भागवत ने अपनी स्पीच के दौरान हमेशा स्वदेशी अपनाने का भी जिक्र करते आ रहे है। उनका कहना है कि हर एक भारतीय परिवार को अपनी भाषा, पहनावे, खाने, घर और सफर में स्वदेशी प्रथाओं को अपनाना चाहिए। इसके साथ ही विदेशी भाषा को कम इस्तेमाल करना चाहिए और अपनी मूल भाषा को ज्यादा बोलना चाहिए।
नागरिक कर्तव्यों पर अहम संदेश: भागवत का कहना है कि जहां तक हमारे नागरिक कर्तव्यों का सवाल है, हमें राज्य के सभी नियमों का पालन करना चाहिए। साथ ही, हर एक नागरिक को समाज की भलाई के लिए पारंपरिक सामाजिक नैतिक मानदंडों का भी पालन करना होगा, जिनका उल्लेख किसी भी सिटिजन रूल्स बुक में नहीं है।

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