बिहार बंगाल सीमावर्ती क्षेत्रों में बढ़ा बर्ड फ्लू का खतरा

नियमों को ताक पर रख मुर्गियों को लाने ले जाना है जारी

अशोक झा, सिलीगुड़ी: बिहार में बर्ड फ्लू का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। अब तक पटना, भागलपुर और जहानाबाद में इसके मामले सामने आ चुके हैं, जिससे सरकार सतर्क हो गई है। इसको देखते हुए बिहार बंगाल सीमावर्ती क्षेत्र में बर्ड फ्लू का खतरा तेजी से बढ़ने की आशंका है। प्रशासन की ओर से छात्रों को शुक्रवार को दी जाने वाली अंडे पर रोक लगा दी गई है परन्तु मुर्गों की बिक्री जारी है। केंद्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने सभी राज्यों को अलर्ट जारी किया है और प्रभावित क्षेत्रों में सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं।पशुपालन विभाग की टीमें लगातार सैंपल जांच और फार्म सेनेटाइजेशन में जुटी हैं।इंसानों के लिए भी बड़ा खतरा: बर्ड फ्लू से प्रभावित मुर्गे, मुर्गी या अन्य पक्षियों के सीधे संपर्क में आने से यह मनुष्यों के लिए भी घातक हो सकता है. संक्रमण के 3-5 दिनों बाद लक्षण उभरते हैं, जिनमें तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, खांसी, पेट दर्द और नाक-मसूड़ों से खून आना शामिल हैं।
पहली पुष्टि जहानाबाद में, पटना और भागलपुर में भी केस मिले: इस साल बिहार में बर्ड फ्लू का पहला मामला जहानाबाद में एक कौवे की मौत से सामने आया. उसके बाद पटना के आईसीएआर परिसर और भागलपुर में मुर्गियों में संक्रमण की पुष्टि हुई. इसके बाद बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में मुर्गियों को मारकर सुरक्षित दफनाया गया।

सैंपल कहां भेजे जाते हैं?बर्ड फ्लू की जांच के लिए सैंपल कोलकाता स्थित क्षेत्रीय रोग अनुसंधान लैब (आरडीडीएल) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज (एनआईएसएचएडी), भोपाल भेजे जाते हैं।लगातार बढ़ रहा खतरा, हर साल सामने आते हैं मामले: बिहार में लगभग हर साल बर्ड फ्लू के मामले दर्ज होते हैं. 2020 में कोरोना महामारी के दौरान पटना के कंकड़बाग में मुर्गियों में बर्ड फ्लू पाया गया था, जबकि मुंगेर में इस संक्रमण के कारण हजारों मुर्गियों को नष्ट किया गया था।कैसे बचें बर्ड फ्लू के खतरे से?: मुर्गी फार्म की नियमित सफाई और सेनेटाइजेशन जरूरी ,मजदूरों को मास्क, दस्ताने और जूते पहनकर ही काम करना चाहिए,
कच्चा या अधपका अंडा और चिकन न खाएं, अच्छी तरह पकाकर ही सेवन करें, 100°C तापमान पर मांस पकाने से वायरस नष्ट हो जाता है।
कहां दें सूचना?: अगर किसी इलाके में कौवे, कबूतर, मुर्गी या अन्य पक्षी अचानक मर रहे हैं, तो इसकी सूचना तुरंत स्थानीय पशु अस्पताल, जिला पशुपालन पदाधिकारी या पशु स्वास्थ्य एवं उत्पादन संस्थान, पटना को दें. आप ईमेल lrspatna@gmail.com पर भी जानकारी भेज सकते हैं. बिहार में बर्ड फ्लू का बढ़ता खतरा चिंता का विषय बन चुका है. सरकार और प्रशासन अलर्ट पर हैं, लेकिन आम लोगों को भी सतर्क रहने की जरूरत है। सावधानी ही बचाव है।

Back to top button