2026 के विधानसभा चुनाव से पहले हिंदुओं के एकजुट होने का दिया संदेश
कहा, हिन्दू विरोधी सरकार को जनता अब बर्दास्त करने के मूड में नहीं

अशोक झा, सिलीगुड़ी: शुभेंदु अधिकारी पहले भी अल्पसंख्यकों को निशाना बना चुके थे। उन्होंने कहा था कि राज्य में यदि बीजेपी सत्ता में आती है तो तृणमूल के मुस्लिम विधायकों को उनके पद से हटाया जाएगा। यह विवादित बयान उन्होंने दिया था।इस बीच, हल्दिया से विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी ने एक के बाद एक कई बड़े वादे किए। यहां तक कि शुभेंदु बाबू ने यह घोषणा की कि अगर बीजेपी सत्ता में आई, तो वे टाटा को राज्य में वापस लाने के लिए हाथ जोड़कर भी निवेदन करेंगे। इस दिन शुभेंदु बाबू ने कहा, “बीजेपी योगी आदित्यनाथ जी जैसे अच्छे शासन और सुरक्षा प्रदान करेगी। माओं, दीदियों और बहनों को 1 हजार नहीं, बल्कि 3 हजार रुपये देगी बीजेपी। 1 लाख 20 हजार रुपये का घर नहीं, 3 लाख रुपये का घर देगी बीजेपी। सोलर लाइट लगाकर 200 यूनिट बिजली मुफ्त देगी बीजेपी। प्रधानमंत्री की पाइपलाइन से पानी, हर घर में शौचालय, हर साल SSC, जिले में प्राथमिक स्कूल, हर घर में रोजगार के नए अवसर। ममता ने 51 रोजगार केंद्रों को ताला लगवाया, जिसे बीजेपी खोलेगी। टाटा को वापस लाने के लिए हाथ जोड़कर निवेदन किया जाएगा। बंगाल में गुजरात जैसे उद्योगों का विकास होगा। और रोहिंग्या बाबू, असम की तरह बाल पकड़ो, और उन्हें बाड़े के पार फेंको।” राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, पश्चिम बंगाल में चुनाव जीतने के लिए बीजेपी ने यह पहले ही समझ लिया कि सिर्फ हिंदुत्व की राजनीति पर भरोसा नहीं किया जा सकता। इसके अलावा, ममता बनर्जी की सरकार के कल्याणकारी योजनाओं का लाभ राज्य के कई लोग उठा रहे हैं, जिनमें से एक है लक्ष्मी भंडार योजना। तृणमूल यह प्रचार कर रही है कि बीजेपी सत्ता में आई तो इस योजना की राशि बंद कर दी जाएगी। इस प्रचार को काटने के लिए शुभेंदु ने महिलाओं के भत्ते को 1 हजार से बढ़ाकर 3 हजार रुपये करने की घोषणा की है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि राज्य सरकार को इतनी राशि कहां से मिलेगी।हल्दिया की विधायक तापसी मंडल इस महीने बीजेपी से तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गईं। खासकर अपने जिले पूर्व मिदनापुर में बीजेपी विधायक के दल बदलने ने शुभेंदु अधिकारी को कुछ सवालों के घेरे में डाला था। इस मुद्दे पर राजनीतिक जानकारों की भी यही राय थी। इस दिन उसी हल्दिया में रैली और सभा के दौरान राज्य के विपक्षी दल नेता ने अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हुए हिंदुत्व का कार्ड खेला।अल्पसंख्यकों पर हमले के आरोप में शुभेंदु अधिकारी ने बार-बार आक्रामक बयान दिए। ‘चांगदोल’ मुद्दे पर पार्टी के भीतर भी उनकी आलोचना होने लगी थी। बीजेपी के राज्य अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी शुभेंदु के इस बयान का समर्थन नहीं किया था। कुछ दिन पहले राज्य विधानसभा में राज्य के पूर्व बीजेपी अध्यक्ष और पूर्व सांसद दिलीप घोष भी गए थे। उन्होंने भी अल्पसंख्यकों को लेकर थोड़ा नरम रुख दिखाया था। इसके अलावा, शुभेंदु के उस बयान का समर्थन न करने का संकेत दिलीप ने भी दिया था।क्या ऐसे माहौल में राज्य के विपक्षी दल के नेता ने अब और अधिक हिंदुत्व का प्रचार किया? सभा मंच से इस दिन अल्पसंख्यकों पर हमला करते हुए नहीं दिखे। बल्कि, 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले हिंदुओं के एकजुट होने का संदेश दिया। क्या नेतृत्व के दबाव में नंदीग्राम के विधायक अब थोड़ा बैकफुट पर आ गए हैं? इस दिन सभा मंच से उन्होंने कई बार हिंदुओं के एकजुट होने का संदेश दिया।”हिंदू अगर थोड़ी कृपा कर दें, तो हम बंगाल में पलट देंगे।” यही बात उन्होंने कही। हल्दिया के मंच से उन्होंने हिंदुओं से ‘अनुरोध’ भी किया। “2025 में दिल्ली जीतेंगे, 2026 में बंगाल।” उन्होंने यह भी कहा। उनके शब्दों में महाकुंभ के पुण्यस्नान का भी जिक्र था। शुभेंदु अधिकारी विधानसभा सत्र के दौरान निलंबित थे। उन्हें बाहर रखा गया था और राज्य सरकार ने दो बिल पास कराए। इस पर नंदीग्राम के विधायक ने आरोप लगाया।हल्दिया में आज रविवार को शुभेंदु अधिकारी ने बीजेपी के विरोध प्रदर्शन की रैली का आह्वान किया था। पुलिस ने उस रैली को अनुमति नहीं दी, ऐसा आरोप भी सामने आया। इसके बाद बीजेपी नेता कोलकाता हाई कोर्ट पहुंचे। हाई कोर्ट ने खुदीराम स्क्वायर से न्यू मार्केट तक रैली करने की अनुमति दी। रैली के बाद छोटे स्तर पर सभा करने की अनुमति भी थी। रैली में ‘हिंदू हिंदू भाई-भाई’ का नारा लिखा हुआ प्लेकार्ड भी देखा गया।