कोलकाता डॉक्टर रेप मर्डर केस के दोषी संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा
50 हजार का जुर्माना, नहीं चुकाने पर एक साल और काटनी होगी सजा
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अशोक झा,कोलकोता:
कोलकाता डॉक्टर रेप मर्डर केस के दोषी संजय रॉय ने सोमवार (20 जनवरी, 2025) को अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। 50 हजार का जुर्माना भी देना होगा। पैसा नहीं दे पाने पर एक साल और सजा काटना होगा। दोषी संजय राय ने कोर्ट के समक्ष अपनी बेगुनाही का दावा किया, जब न्यायाधीश ने पूछा कि क्या उसे सजा के बारे में कुछ कहना है। सीबीआई ने दोषी को फांसी दिए जाने की मांग की है. संजय रॉय एक बार फिर आज कोर्ट रूम में जज साहब के आगे गिड़गिड़ाया और खुद को निर्दोष बताने लगा। उसकी मां की तरफ से भी कोर्ट रूम में जज से रहम की गुहार लगाई गई. जज साहब 12:36 बजे कोर्ट रूम में पहुंचे. संजय रॉय को 12:41 पर कोर्ट रूम में लाया गया। जज साहब ने कहा कि मैंने कहा था कि तुम दोषी साबित हुए होअधिकतम सजा फांसी या आजीवन कारावास पर फैसला होना है।इसी बीच संजय रॉय फिर कहने लगा कि मुझे फंसाया गया है, मैंने कुछ नहीं किया। मैंने पहले भी कहा फिर कह रहा हूं कि अगर मैं गलत होता तो गले में ये रूद्रा़ की माला क्या टूट नहीं जाती? मुझपर अत्याचार हुआ है. आजी कर रेप एंड मर्डर केस में आज जज साहब ने संजय रॉय से पूछा कि आपके परिवार में कौन कौन है? जवाब में कहा कि मां है, जज ने पूछा आपसे मिलने परिवार के लोग आते हैं? क्यों नहीं आते? संजय ने फिर कहा – सर, मैं निर्दोष हूं. फिर जज साहब ने पूछा कि सीबीआई क्या कहना चाहती है? इसपर सीबीआई के वकील ने कहा कि ये रेयर ऑफ द रेयरेस्ट केस है. लिहाजा उसे फांसी दी जानी चाहिए.
ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव अगस्त 2024 में कोलकाता के अस्पताल परिसर में मिला था. विशेष अदालत के न्यायाधीश अनिर्बान दास ने 18 जनवरी को रॉय को दोषी ठहराया था. दोपहर लगभग 12 बजे स्पेशल कोर्ट में कार्यवाही शुरू होगी. शुरुआत में न्यायाधीश रॉय और पीड़िता के माता-पिता को मामले पर अपना अंतिम बयान देने की अनुमति देंगे. इसके बाद विशेष अदालत के न्यायाधीश मामले में सजा सुनाएंगे. इन धाराओं में सजा-ए-मौत का प्रावधान है.इस दौरान संजय रॉय जज के सामने गिड़गिड़ता रहा कि वह निर्दोष है. उसने कहा कि उसे फंसाया गया है. इस दौरान सीबीआई ने मांग की कि अदालत दोषी को सर्वाधिक सजा दे. उसे ऐसी सजा मिले जो मिसाल बने. इस सजा को देखकर भविष्य में फिर कोई ऐसी घिनौनी और जघन्य अपराधन करने से पहले सौ बार सोचे।सजा पर सुनवाई के दौरान संजय रॉय ने कहा कि सर, मैं निर्दोष हूं। इस पर जज ने सीबीआई से सवाल किया कि वह क्या कहना चाहती है. जज ने संजय रॉय से पूछा कि तुम्हारे परिवार में कौन-कौन हैं? जवाब में उसने कहा कि मां है. फिर जज ने पूछा क्या वह तुमसे मिलने आती हैं. परिवार के लोग तुमसे मिलने आते हैं? वे क्यों नहीं आते? इस पर संजय रॉय ने कहा कि मुझ पर हिरासत में अत्याचार हुआ है. संजय रॉय ने फिर कहा कि मुझे फंसाया गया है, मैंने कुछ नहीं किया. संजय रॉय ने आगे कहा कि उसने पहले भी कहा था, फिर कह रहा है कि रूद्र की माला है मेरे पास.
जेल से बाहर लाया गया
इससे पहले संजय रॉय को सुबह करीब 10 बजकर 15 मिनट पर जेल से बाहर लाया गया और उसे अदालत लाने के दौरान पुलिस की कई गाड़ियां मौजूद रहीं. एक अधिकारी ने बताया कि सियालदह अदालत में करीब 500 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है और अधिकारियों ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए हर संभव प्रयास किया है. हालांकि अत्यधिक संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती के बावजूद कई लोग अदालत परिसर में उमड़ पड़े और कुछ लोग दोषी को देखने के लिए रेलिंग पर चढ़ने की कोशिश करते देखे गए.
दीदी ने टिप्पणी से किया इनकार
उत्तर बंगाल के लिए रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि जब तक अदालत अपना फैसला नहीं सुना देती, तब तक वह इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं करेंगी. उन्होंने कहा कि मैंने पहले मृत्युदंड का अनुरोध किया था, लेकिन यह न्यायाधीश और मामले को किस तरह से पेश किया गया है, इस पर निर्भर करता है. जिस प्रशिक्षु महिला चिकित्सक की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी, उसके माता-पिता ने कहा कि उन्हें न्यायपालिका से न्याय मिलने का भरोसा है. पीड़िता के पिता ने कहा कि हमें न्यायाधीश पर भरोसा है.
हालांकि, प्रशिक्षु चिकित्सक की मां ने सीबीआई की जांच पर निराशा व्यक्त की और आरोप लगाया कि अपराध में शामिल अन्य अपराधियों को न्याय के कठघरे में नहीं लाया गया. शोकाकुल मां ने कहा कि केवल एक व्यक्ति अपराध में शामिल नहीं है, फिर भी सीबीआई अन्य को पकड़ने में विफल रही है. अगर हमें समाज में भविष्य में ऐसे अपराधों को रोकना है तो ऐसे अपराधियों को जीने का कोई अधिकार नहीं है। पिछले साल नौ अगस्त को डॉक्टर बिटिया से बलात्कार और उसकी हत्या की घटना ने देश भर में आक्रोश पैदा कर दिया था और लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन हुए थे. घटना के एक दिन बाद रॉय को गिरफ्तार कर लिया गया था और बाद में मामला सीबीआई को सौंप दिया गया था.
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पिछले साल 9 अगस्त को आरजी कर घटना के बाद जारी किए गए बलात्कार और हत्या के मामलों में पांच फैसलों में मौत की सजा सुनाई गई है. पहला फैसला पिछले साल 21 सितंबर को आया था, जब सिलीगुड़ी की एक पोक्सो अदालत ने माटीगाड़ा में 16 वर्षीय लड़की के बलात्कार और हत्या के आरोपी को मौत की सजा सुनाई थी. दोषसिद्धि हासिल करने में 13 महीने लग गए. दूसरा फैसला पांच दिन बाद 26 सितंबर को आया, जब कोलकाता की एक पोक्सो अदालत ने तिलजला में सात वर्षीय लड़की के बलात्कार और हत्या के लिए मृत्युदंड की सजा सुनाई. घटना को घटित हुए 17 महीने लग गए. तीसरा फैसला पिछले साल 6 दिसंबर को आया था, जब एक पोक्सो अदालत ने कुलतली में 9 वर्षीय लड़की के बलात्कार और हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई थी. सजा अपराध की तारीख से 62 दिन बाद सुनाई गई थी. चौथा फैसला सात दिन बाद 13 दिसंबर को आया था. पांचवां फैसला 19 जनवरी को आया जब हुगली पोक्सो कोर्ट ने पांच साल की बच्ची के बलात्कार-हत्या के मामले में एकमात्र आरोपी के खिलाफ सबूत मिलने के बाद उसे मौत की सजा सुनाई.