अशोक झा/ कोलकाता:
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह एक बेहद गंभीर मामला है और सरकार इसे सामान्य अपराध की तरह नहीं देखती। साथ ही उन्होंने कहा कि बंगाल में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के प्रति “जीरो टॉलरेंस” की नीति अपनाई जाती है। सीएम ममता ने लड़कियों को रात में बाहर न निकलने की सलाह: सीएम ममता ने कहा कि ऐसी घटनाओं से बचने के लिए जरूरी है कि लड़कियां रात में बाहर न निकलें। उन्होंने कहा, “मैं छात्रों से अनुरोध करती हूं कि रात में हॉस्टल से बाहर न जाएं।” उन्होंने यह भी कहा कि मेडिकल कॉलेज को भी अपनी छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। कॉलेज प्रशासन की भी जिम्मेदारी बनती है कि वह सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखें। सीएम ने बताया कि इस मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और जांच जारी है। उन्होंने कहा, “मैंने पुलिस को सख्त कार्रवाई करने को कहा है। दोषियों को किसी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।वहीं, गैंगरेप पर टिप्पणी करते हुए सीएम ममता बनर्जी द्वारा रात को लड़कियों को बाहर नहीं निकले की टिप्पणी से सियासत गरमा गई है. विपक्षी पार्टी खास पर बीजेपी ममता बनर्जी के बयान को लेकर उनपर निशाना साध रही है। हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब रेप और गैंगरेप के मुद्दे पर बंगाल सुर्खियों में रहा है। इससे पहले अगस्त 2024 को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मेडिकल की छात्रा की गैंगरेप और मर्डर के मामले में राज्य में काफी बवाल मचा था। इस मामले में डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन लंबा चला था और अस्पताल में काम करने वाले एक शख्स को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा भी दी है। इससे पहले कसबा स्थित लॉ कॉलेज परिसर में छात्रा के साथ रेप का मामला भी काफी तूल पकड़ा था और अब दुर्गापुर के निजी मेडिकल कॉलेज की छात्रा से रेप के मामले में फिर से राज्य में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल किए जा रहे हैं। इस तरह से 12 महीने में तीन रेप के बड़े केस हुए हैं।
जानें क्या घटी थी घटना: शुक्रवार को ओडिशा की रहने वाली दुर्गापुर के निजी कॉलेज की एक मेडिकल कॉलेज छात्रा के साथ अज्ञात लोगों ने कथित तौर पर बलात्कार किया। यह घटना तब हुई, जब द्वितीय वर्ष की छात्रा अपनी एक सहेली के साथ रात के खाने के लिए बाहर गई थी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि छात्रा शुक्रवार रात करीब 8-8.30 बजे अपनी सहेली के साथ कैंपस के बाहर गई थी। जब तीन अज्ञात लोग वहां पहुंचे तो उसकी सहेली उसे अकेला छोड़कर चली गई. उन लोगों ने उसका फोन छीन लिया और उसे कैंपस के बाहर जंगल में ले गए, जहां उन्होंने उसके साथ बलात्कार किया.
उसे धमकी दी गई कि अगर उसने घटना के बारे में किसी को बताया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। आरोपियों ने डॉक्टर से उसका मोबाइल फोन वापस करने के लिए पैसे भी मांगे। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
भाजपा ने कानून-व्यवस्था पर उठाए सवाल
इस गैंगरेप की घटना के बाद भाजपा नेतृत्व ने इस घटना का विरोध किया है. उनका दावा है कि आरजी कर मामले की कई जानकारियों को दबाने की कोशिश की गई थी। राज्य में महिलाओं को सुरक्षा नहीं है। राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य अर्चना मजूमदार ने इस घटना पर कड़ा रोष व्यक्त किया है. उन्होंने कहा, “यौन उत्पीड़न और बलात्कार की घटनाएं इसलिए बढ़ रही हैं क्योंकि दोषियों को ठीक से पकड़ा नहीं जाता और उन्हें तुरंत सजा नहीं दी जाती. हम पश्चिम बंगाल में किसी बलात्कारी या हत्यारे को सजा मिलते नहीं देखते. हमने किसी को फांसी पर लटकते नहीं देखा। हम कितना भी भागदौड़ करें, किसी अदृश्य हाथ की वजह से किसी अपराधी को इस तरह सजा नहीं मिल रही। न्याय मिलने में भी देर हो रही है।
ओडिशा के CM और केंद्रीय मंत्री सुकांत ने ममता को घेरा
दूसरी ओर, ओडिशा के सीएम मोहन माझी ने जघन्य अपराध की निंदा की ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन माझी ने इस घटना की कड़ी निंदा की और वरिष्ठ अधिकारियों को पश्चिम बंगाल सरकार के साथ समन्वय में आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया। उन्होंने पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता और समर्थन देने का भी वादा किया।वहीं, केंद्रीय शिक्षा और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने ममता बनर्जी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि प्रशासन के सर्वोच्च पद पर रहते हुए, जबकि वह स्वयं गृह विभाग का कार्यभार संभाल रही हैं (और पुलिस मंत्री भी हैं), और सबसे बढ़कर, एक महिला होने के नाते, उनकी यह टिप्पणी बेहद निंदनीय और शर्मनाक है.
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की पूरी तरह से ध्वस्त स्थिति की ज़िम्मेदारी से मुख्यमंत्री बच नहीं सकतीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री होने के नाते, ममता बनर्जी का यह बयान न केवल बंगाल की हर महिला का अपमान है, बल्कि गंभीर चिंता का विषय भी है। एक महिला मुख्यमंत्री की इस तरह की टिप्पणी एक बार फिर यह उजागर करती है कि कानून-व्यवस्था पूरी तरह से सरकार के नियंत्रण से बाहर हो गई है। अब ममता बनर्जी का नैतिक कर्तव्य है कि वह बिना किसी देरी के पद छोड़ दें।
बंगाल में रेप के बड़े मामले
आरजी कर रेप-मर्डर केस:अगस्त 2024 में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में मेडिकल की छात्रा के साथ रेप और मर्डर की घटना की घटी थी। इस मामले ने बड़े पैमाने पर राज्य के साथ-साथ पूरे देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए। डॉक्टरों ने भी समर्थन में हड़ताल किया था। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस मामले की सीबीआई जांच कर रही है। इस मामले में स्थानीय कोर्ट ने आरोपी संजय राय को आजीवन कैद की सजा सुनाई है।
डायमंड हार्बर गैंगरेप केस: जून 2023 में दक्षिण 24 परगना जिले के डायमंड हार्बर में एक महिला गैंगरेप किया गया. घटना के बाद स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। डायमंड हार्बर का इलाका टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी का लोकसभा केंद्र हैं। यह रेप केस भी काफी तूल पकड़ा था। संदेशखाली रेप केस:अक्टूबर 2020 में उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की के साथ स्थानीय युवकों द्वारा सामूहिक बलात्कार की घटना सामने आई थी. मामला विधासनभा चुनाव 2021 से पहले सुर्खियों में आया. विपक्षी दलों ने कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार पर तीखे सवाल उठाए, जबकि राज्य प्रशासन ने जांच का भरोसा दिलाते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही। हंसखाली रेप मर्डर केस: अप्रैल 2022 में नदिया जिले के हंसखाली में 14 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या की घटना ने पूरे राज्य को हिला दिया। आरोप है कि राजनीतिक प्रभाव के चलते पुलिस ने शुरुआती दिनों में एफआईआर दर्ज करने में देरी की, जिससे लोगों में आक्रोश फैल गया. बाद में जब मामला सार्वजनिक हुआ, तो मृतका का शव कथित रूप से जलाकर सबूत मिटाने की कोशिश की गई. इस घटना ने न केवल राज्य की कानून व्यवस्था और प्रशासनिक निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए।
कामदुनी रेप-मर्डर केस:जून 2013 में कामदुनी गांव में एक कॉलेज छात्रा की गैंगरेप कर हत्या कर दी गई। जब वो छात्रा परीक्षा देकर घर लौट रही थी, उस समय यह घटना घटी। यह मामला काफी तूल पकड़ा और विरोध प्रदर्शन हुए.यह केस अंत में सुप्रीम कोर्ट तक गया था।







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