
अशोक झा/ सिलीगुड़ी: छठ पूजा सूर्य देव और छठी मैया की उपासना का सबसे पवित्र पर्व है, जिसमें व्रती पूरे विधि-विधान और शुद्धता के साथ चार दिनों तक पूजा-अर्चना करते हैं। इस पर्व के प्रसाद में सबसे विशेष स्थान ठेकुआ को प्राप्त है। महापर्व विशेष रूप से सूर्य देव और छठी मैया की पूजा के लिए समर्पित है। जैसा कि आप जानते है कि,हर साल इस महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है वहीं इसका समापन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होता है। आपको बता दें, इस महापर्व में छठी मैया को ठेकुआ का प्रसाद जरुर चढ़ाया जाता है। सिलीगुड़ी ही नहीं पूरे उत्तर बंगाल में प्रीमियम आटा छठ व्रतियों के घर पहुंच रहा है। क्योंकि इसके मालिक सीताराम डालमिया, नवीन डालमिया और अनुराग डालमिया का कहना है कि व्यापार में हमने सिर्फ ग्राहकों का विश्वास जितना ही सिखा है। मुनाफे से ज्यादा आपकी शुद्धता और स्वास्थ्य की चिंता है। यही कारण है कि आज हर घर की पसंद है प्रीमियम आटा, सूजी और मैदा। गृहणी की पहली पसंद ही नहीं प्रसाद के लिए भी यह पहली पसंद बन गया है। ऐसे में आइए जानते हैं छठ पूजा में छठी मैया को ठेकुआ का प्रसाद क्यों चढ़ाया जाता है। साथ ही, जानते हैं ठेकुआ प्रसाद का छठ पूजा में क्या महत्व।
छठी मैया को क्यों चढ़ाया जाता है ठेकुआ का प्रसाद:
हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, छठ पूजा में छठी मैया को ठेकुआ का प्रसाद इसलिए चढ़ाया जाता है, क्योंकि ये प्रसाद उनको अतिप्रिय है। ये सनातन धर्म की पारंपरिक प्रसाद है। इस प्रसाद को शुभता, समृद्धि और संतान प्राप्ति के लिए चढ़ाया जाता है। ठेकुआ के प्रसाद के बिना छठ की पूजा पूरी नहीं मानी जाती है।
बता दें, ठेकुआ छठी मैया के साथ-साथ भगवान सूर्य को भी बहुत प्रिय है। मान्यता है कि छठ पूजा के दौरान ठेकुआ चढ़ाने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
छठी मैया को ठेकुआ प्रसाद चढ़ाने का महत्व
ठेकुआ चढ़ाने से छठी मैया बहुत प्रसन्न होती हैं और अपना आशीर्वाद भक्तों पर सदैव बनाए रखती है। ठेकुआ गेहूं, गुड़, और घी आदि से मिलकर बना होता है। ये चीजें सूर्य की तरह ही तेज और उर्जावान मानी जाती हैं, जिन्हें छठ पूजा में पूजा जाता है। शास्त्रों में ये भी बताया गया है ठेकुआ का भोग लगाने से व्रती के घर में सुख और समृद्धि आती है और कोई कमी नहीं होती है। ठेकुआनियमों और साफ-सफाई के साथ मिट्टी के चूल्हे पर बनाया जाता है। ये छठ पूजा की पवित्रता और भक्ति को दर्शाता है।








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