डीआईजी के जांच में एसपी कार्यालय में बचत पंजिका में नहीं मिला करोड़ों का लेखाजोखा,जांच का आदेश
डीआईजी के जांच में एसपी कार्यालय में बचत पंजिका में नहीं मिला करोड़ों का लेखाजोखा,जांच का आदेश
उप्र बस्ती मंडल के डीआईजी आरके भारद्वाज ने पुलिस कार्यालय का दूसरे दिन भी वार्षिक निरीक्षण किया। जिसमें आंकिक शाखा के लेखाजोखा में गड़बड़ी पाई गई। विभाग के 1087 पुलिस कर्मियों से संबंधित बचत पंजिका में करीब पौने दो करोड़ रुपये का हिसाब-किताब नहीं पाया गया। जिस पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए डीआईजी ने एएसपी दीपेंद्र नाथ चौधरी से जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। डीआईजी ने बताया कि जांच के बाद पूरे मामले का खुलासा हो सकेगा।
बता दें कि पुलिस कर्मियों के गैर हाजिर या वेतन रोकने की दशा में उनका बकाया वेतन इस बचत रजिस्टर में दर्ज किया जाता है। मगर निरीक्षण के दौरान 1087 पुलिस कर्मियों के वेतन बचत का रजिस्टर में हिसाब किताब नहीं पाया गया। एसपी आशीष श्रीवास्तव के साथ निरीक्षण के दौरान एसपी के वाचक से पोस्टमार्टम जॉच रिपोर्ट के बारे में पूछे तो वह संतोषजनक जबाव नहीं दे पाए। सीओ पुलिस कार्यालय को पर्यवेक्षण करने का निर्देश दिये। तत्पश्चात प्रधान लिपिक कार्यालय के निरीक्षण के दौरान निर्देश दिए कि अभी तक जितने भी रिवार्ड स्वीकृत हुए हैं सभी का अंकन सम्बन्धित के चरित्र पंजिका में शत-प्रतिशत करा लिया जाय। आंकिक शाखा के निरीक्षण के दौरान यात्रा भत्ता एवं आहार भत्ता रजिस्टर अपूर्ण होने पर नाराजगी व्यक्त की। रिकार्ड रूम के निरीक्षण के दौरान आवश्यकता से अधिक स्टेशनरी की खरीदारी पाई गई। इस पर जवाब तलब किया गया। कहा कि यदि यह स्टेशनरी निष्प्रयोज्य है तो इसके निस्तारण की कार्यवाही क्यों अब तक अमल में नहीं लायी गयी। रिकार्ड रूम में सफाई को लेकर काफी नाराजगी व्यक्त की। लोक शिकायत कार्यालय, विशेष जॉच प्रकोष्ठ/मानीटरिेंग सेल व डीसीआरबी कार्यालय, अभिसूचना कार्यालय इत्यादि का भी वार्षिक निरीक्षण किया गया।