डीआरआई सिलीगुड़ी की टीम ने विदेशी सोना तस्करी के आरोपितों को भेजा जेल
– सीमांचल बिहार बन रहा सोना तस्करी का ट्रांजिट प्वाइंट
अशोक झा/ सिलीगुड़ी: डीआरआई सिलीगुड़ी की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर पकड़े गए आरोपितों में आशीष कुमार, पुत्रराम नारायण स्वर्णकार, सौभिक पान, पुत्र दुलाल चन्द्र पान, पंकज कुमार, पुत्र देवनंदन प्रसाद साह और सूरज कुमार पुत्र अजय प्रसाद साह को सिलीगुड़ी कोर्ट से जमानत नहीं मिली। आरोपितों के खिलाफ सीमा शुल्क अधिनियम 1962 की धारा 104 के तहत कारवाई की गई है। बचाव पक्ष के वेकिन अखिल विश्वास ने मांग की है कि आरोपितों के पास विदेशी सोना नहीं मिला है। इसलिए इन्हें जमानत दिया जाय। डीआरआई के सरकारी अधिवक्ता रतन बनिक ने कहा कि इन लोगों के पास से 5619.00 ग्राम और उसका अनुमानित मूल्य 6,29,32,800/- रुपए है और इसके साथ ही भारतीय मुद्रा नोटों की राशि 1,96,500/- रुपए जब्त किए है। सभी आरोपितों को सिलीगुड़ी कोर्ट में पेश किया। चारों आरोपी व्यक्ति भारी मात्रा में पीली धातु, जिसे विदेशी मूल का सोना माना जाता है, की तस्करी में सक्रिय रूप से संलिप्त पाए गए थे, इसलिए उन्हें सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन से सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 की धारा 104 के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया। प्रथम दृष्टया धारा 135 के अंतर्गत अभियोजन के लिए उत्तरदायी पाया गया। उपरोक्त के मद्देनजर, माननीय न्यायाधीश से विनम्रतापूर्वक प्रार्थना है कि न्यायाधीश कृपया आवश्यक आदेश पारित करने की कृपा करें। जांच पूरी होने तक आरोपियों को न्यायिक हिरासत में रखा जाए, क्योंकि यह मामला गंभीर प्रकृति का है और यदि आरोपियों को जमानत पर रिहा किया जाता है, तो वे जमानत की शर्तों का उल्लंघन कर सकते हैं और महत्वपूर्ण साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं, जिससे इतनी बड़ी मात्रा में सोने की तस्करी के मामले की पृष्ठभूमि में संचालित रैकेट का पता लगाने के लिए की जा रही जांच की पूरी प्रक्रिया विफल हो जाएगी, जो राष्ट्रीय हित और आम लोगों की भलाई के लिए हानिकारक है। कोई अन्य आदेश पारित करें जैसा सदस्य उचित समझें। न्यायालय ने सभी चारों आरोपितों को 8 अक्तूबर तक के लिए जेल भेज दिया है।









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