
अशोक झा/ कोलकाता : बंगाल के उत्तर बंगाल में बाढ़ और भूस्खलन की तबाही के बीच एक हिंसा की घटना ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। नागराकाटा क्षेत्र में बीजेपी के मालदा उत्तर से दो बार के सांसद और आदिवासी नेता खगेन मुर्मू पर कथित तौर पर पथराव और हमले की घटना घटी, जहाँ वे बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री वितरित करने और बचाव कार्यों में मदद के लिए पहुँचे थे। भाजपा सांसद खगेन मुर्मू और विधायक शंकर घोष राज्य के उत्तरी भाग में बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित दुआर क्षेत्र के दौरे के दौरान भीड़ के हमले में घायल हो गए।इस घटना से एक नया राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। जलपाईगुड़ी जिले के नागराकाटा इलाके में हुए संघर्ष के बाद भाजपा ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर क्षेत्र में असंतोष को दबाने के लिए हमले की साजिश रचने का आरोप लगाया और इस घटना को ”टीएमसी के जंगल राज” का एक और उदाहरण बताया। वहीं, राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी ने कहा कि व्यापक पीड़ा के बीच भाजपा नेताओं के ”फोटो खिंचवाने” से लोगों के गुस्से की वजह से यह घटना हुई। मुर्मू और घोष भाजपा नेताओं की उस टीम का हिस्सा थे जो आपदा प्रभावित दुआर क्षेत्र में स्थिति का आकलन करने और राहत वितरित करने के लिए गए थे। टेलीविजन पर प्रसारित वीडियो में दिखता है कि बाढ़ प्रभावित निवासियों से बातचीत करने से पहले ही भीड़ ने भाजपा नेताओं को घेर लिया और ”दीदी, दीदी” के नारे लगाने लगी। इसके बाद नागराकाटा शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूर बामनडांगा के पास उनके काफिले पर पथराव किया गया। इसमें वाहन का शीशा टूट गया और मुर्मू के सिर से खून बहने लगा। फेसबुक लाइव वीडियो में घोष सदमे में नजर आए और उन्होंने हमले को ”भयावह” बताया। खून से लथपथ सांसद के पास कार में बैठे विधायक ने कहा, ”हम लोगों का हालचाल जानने गए थे। अचानक स्थानीय लोगों के एक समूह ने हमें घेर लिया और ‘दीदी, दीदी’ चिल्लाने लगे। उन्होंने हमें गालियाँ देनी शुरू कर दीं, फिर पीछे से हमला कर दिया। खगेन-दा के सिर पर चोट लगी, और मैं सीट के अंदर छिपकर बड़ी मुश्किल से बच पाया। अब हम इलाज के लिए सिलीगुड़ी लाए हैं।” मुर्मू को सिलीगुड़ी ले जाने से पहले एक स्थानीय अस्पताल में प्रारंभिक चिकित्सा सहायता दी गई। दोनों नेताओं की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। भाजपा ने दावा किया कि हमलावर तृणमूल कांग्रेस समर्थित गुंडे थे। इसने ममता बनर्जी सरकार पर मानवीय संकट के समय में भी विपक्षी नेताओं के खिलाफ हिंसा को हवा देने का आरोप लगाया। पार्टी ने हमले के लिए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि ”पश्चिम बंगाल में टीएमसी का जंगल राज कायम है। भाजपा के सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के राष्ट्रीय प्रभारी और पश्चिम बंगाल के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने मुर्मू पर हुए हमले के लिए राज्य सरकार पर निशाना साधा। मालवीय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”मुर्मू पर टीएमसी के गुंडों ने उस समय हमला किया, जब वह विनाशकारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के बाद राहत और बचाव कार्यों में मदद करने के लिए जलपाईगुड़ी के दुआर क्षेत्र के नागराकाटा जा रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया, ”ममता बनर्जी अपने कार्निवल में नाच रही हैं, जबकि टीएमसी और राज्य प्रशासन कार्रवाई में गायब है। जो लोग वास्तव में लोगों की मदद कर रहे हैं, भाजपा नेता और कार्यकर्ता, उन पर राहत कार्य करने की वजह से हमले किए जा रहे हैं। यह टीएमसी का बंगाल है, जहाँ क्रूरता का बोलबाला है।’ वह रविवार को आयोजित दुर्गा पूजा कार्निवल का जिक्र कर रहे थे, जिसके दौरान कोलकाता और उसके आसपास की लगभग 100 पुरस्कार विजेता पूजा समितियों ने शहर के रेड रोड पर अपनी कलात्मक रूप से तैयार की गई मूर्तियों को झांकियों में प्रदर्शित किया। रविवार को दार्जिलिंग और अन्य क्षेत्रों में हुए भूस्खलन और बाढ़ में कम से कम 28 लोगों की जान चली गई। केंद्रीय मंत्री और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी घटना की निंदा की और आरोप लगाया कि यह हमला ”ममता-पुलिस की मौजूदगी में” हुआ।
उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा कि बंगाल के लोग इस कायरता और बेशर्मी को कभी नहीं भूलेंगे। मजूमदार ने कहा कि मुख्यमंत्री को ”रेड रोड स्थित कार्निवल मंच पर जश्न मनाते देखा गया” जबकि उत्तर बंगाल के पहाड़ी और मैदानी इलाके बाढ़ तथा भूस्खलन से तबाह हो गए। इससे पहले, भाजपा की बंगाल इकाई के अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य, दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट, जलपाईगुड़ी के सांसद जयंत रॉय और आनंदमय बर्मन व दीपक बर्मन सहित कई विधायकों के साथ बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने सिलीगुड़ी पहुँचे। उन्होंने सत्तारूढ़ दल पर कई इलाकों में उनके राहत कार्यों में बाधा डालने का आरोप लगाया।
उत्तर बंगाल में लगातार बारिश के कारण कई वर्षों में आई सबसे भीषण प्राकृतिक आपदा के बाद राजनीतिक पारा बढ़ा हुआ है। आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उत्तर बंगाल विकास विभाग के प्रभारी मंत्री उदयन गुहा ने कहा, ”आज जो कुछ भी हुआ, वह भाजपा का अपना काम है।” गुहा ने कहा, ”सबसे पहले, हम किसी भी तरह की हिंसा का समर्थन नहीं करते। लेकिन आज जो कुछ भी हुआ, वह भाजपा की ही करतूत है। ऐसे समय में जब लोग परेशान हैं, भाजपा नेता बिना किसी राहत सामग्री के, सिर्फ़ फ़ोटो खिंचवाने के लिए दस से ज़्यादा गाड़ियों का काफ़िला लेकर पहुँच गए। स्थानीय लोग भड़क गए। यह भाजपा की कुनीतियों का नतीजा है। पहले लोगों को वंचित करते हो और फिर दिखावे के लिए आते हो।”
इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि पार्टी किसी भी प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं करती। उन्होंने कहा, ”आज जो कुछ हुआ, वह पूरी तरह से भाजपा की अपनी करनी का नतीजा है। जब आम लोग बुरी तरह पीड़ित हैं, भाजपा नेता बिना किसी राहत सामग्री के, सिर्फ़ फ़ोटो खिंचवाने के लिए दस से ज़्यादा कारों के काफ़िले के साथ वहाँ गए। स्वाभाविक रूप से, स्थानीय लोग भड़क गए। यह घटना भाजपा के ग़लत कामों और लोगों की ज़रूरतों की उपेक्षा के लंबे इतिहास का सीधा नतीजा है।’ घोष ने कहा कि तृणमूल कार्यकर्ता शुरू से ही जमीनी स्तर पर लोगों की अथक मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे भाजपा के योद्धाओं की तरह सोशल मीडिया पर केवल पोस्ट नहीं कर रहे हैं, बल्कि वास्तव में प्रभावित लोगों के साथ खड़े हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सोमवार दोपहर मुख्य सचिव मनोज पंत के साथ उत्तर बंगाल के लिए रवाना हुईं और मंगलवार को दार्जिलिंग के सबसे अधिक प्रभावित मिरिक इलाके का दौरा करेंगी।
ममता ने कहा किसी को चोट ना लगे:उत्तर बंगाल में भारी बाढ़ और भूस्खलन की स्थितियों के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजनीतिक भेदभाव को भूलकर प्रभावितों की मदद करने का संदेश दिया। ममता ने कहा कि लोकल सांसद और विधायक वहां मौजूद हैं, लेकिन किसी को भी इस आपदा के समय राजनीति में उलझने की जरूरत नहीं है।उनका साफ संदेश था, “किसी को भी कोई चोट न पहुंचे, जो भी हुआ, मैं नहीं चाहती कि कानून-व्यवस्था बाधित हो।”
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नागराकाटा क्षेत्र का दौरा किया, जहां भाजपा सांसद खगेन मुर्मू और भाजपा विधायक शंकर घोष पर हमला हुआ। इस हमले में शंकर घोष को धक्का दिया गया और उनकी गाड़ी तोड़ी गई, जबकि खगेन मुर्मू गंभीर रूप से घायल हो गए और उनका नाक-मुंह रक्तरंजित हो गया। सामने आए वीडियो में वे घायल अवस्था में गाड़ी में बैठे दिखाई दे रहे हैं।
इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए ममता ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 30-40 गाड़ियों के साथ जाना आम लोगों के लिए दु:खदायी है, क्योंकि उन्हें भोजन और आश्रय की आवश्यकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह राजनीति करने वहां नहीं जाएंगी और इस इलाके का निरीक्षण उनके निर्देशानुसार जिलाधिकारी करेंगे। मुख्यमंत्री ने सभी से शांति और संयम बनाए रखने की अपील की और कहा कि आपदा के समय सभी को मिलकर संकट का सामना करना चाहिए।
ममता बनर्जी ने प्रभावितों की सुरक्षा और सहायता के लिए कदम उठाने का निर्देश भी दिया। उन्होंने कहा कि जिनके घर बाढ़ और भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनकी सूची स्थानीय प्रशासन के साथ बनाकर मुख्य सचिव को भेजी जाएगी। बाढ़ का पानी उतरने के बाद सभी प्रभावितों की पूरी सहायता की जाएगी। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार के पास एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस और अन्य एजेंसियों के साथ एग्रीमेंट है, और जरूरत पड़ने पर इनसे तुरंत सहायता ली जाएगी। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया, “लोग अगर विपदा में हैं, तो किसी को इसमें अपना कोई योगदान लेने की आवश्यकता नहीं है। सभी को मिलकर प्रभावितों की मदद करनी चाहिए।







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