
अशोक झा/ कोलकाता: बंगाल के दुर्गापुर में 23 वर्षीय मेडिकल छात्रा से गैंगरेप के मामले ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। गैंगरेप के इस मामले में पुलिस ने सभी पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने चार आरोपियों को रविवार हो ही पकड़ लिया था, जबकि पांचवां आरोपी सादिक आज गिरफ्तार हुआ है।उधर पीड़िता के पिता ने सरकार से बेटी की सुरक्षा की गुहार लगाई है और कहा है कि ‘उसकी जान खतरे में है, इसलिए उसे भुवनेश्वर जैसी किसी सुरक्षित जगह शिफ्ट किया जाए।’ इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान के बाद विपक्षी दलों ने उन्हें घेर लिया है।दरअसल ममता बनर्जी ने कथित रूप से कहा था कि ‘लड़की को रात 12:30 बजे कॉलेज से बाहर कैसे जाने दिया गया? संस्थान को इसकी अनुमति नहीं देनी चाहिए थी। लड़कियों को भी अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए।’ बीजेपी ने ममता बनर्जी को आड़े हाथों लेते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने जनता को गुमराह किया और घटना के तथ्यों को तोड़- मरोड़कर पेश किया। वहीं, टीएमसी चीफ ने उनके बयान को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया है। इस घटना के विरोध में भाजपा जहां धरना शुरू किया है वहीं जस्टिस फॉर अभया दुर्गापुर के नाम पर लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है। पक्ष के नेता और भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने दुर्गापुर सामूहिक बलात्कार मामले पर विरोध प्रदर्शन किया। सुवेन्दु अधिकारी ने कहा कि तृणमूल हटाओ, बेटी बचाओ। बंगाल में हर जगह यही मुख्य नारा है। धरना मंच को हटाने के लिए पुलिस पहुंची तो शुभेंदु अधिकारी पीड़िता के पिता के साथ पहुंचे।भाजपा नेता सुवेंदू अधिकारी पीड़िता के माता-पिता और अस्पताल में उसका इलाज कर रहे डॉक्टरों से मिलने दुर्गापुर पहुंचे. उन्होंने कहा, “तृणमूल कांग्रेस ने आतंक का राज कायम कर रखा है, इसलिए न्याय मिलने की कोई गुंजाइश नहीं है. मैंने पीड़िता के माता-पिता से बात की. उसकी हालत स्थिर है. पीड़िता की मां और पिता उसे एम्स भुवनेश्वर ले जाना चाहते हैं.” अधिकारी ने टीएमसी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले का एक आरोपी सत्तापक्ष से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि धरना मंच को हटाना ही तो ममता बनर्जी हटाए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस कांड में पकड़ा गया एक आरोपी टीएमसी से सीधा जुड़ा हुआ है। हम इस मामले में चुप बैठने वाले नहीं है। दुर्गापुर के एक निजी मेडिकल कॉलेज की सेकंड ईयर की छात्रा के साथ गैंगरेप हुआ. पीड़िता ओडिशा की रहने वाली है और डॉक्टर बनने का सपना लेकर बंगाल आई थी. वह अपने एक पुरुष मित्र के साथ रात करीब 8 बजे हॉस्टल से खाना खाने बाहर निकली थी। इस मामले में पुलिस ने सभी पांच आरोपियों
शेख रियाजउद्दीन उर्फ मंटू,अपु बाउरी, फिरदौस शेख, शेख रियाजुद्दीन और सादिक को गिरफ्तार किया है। लड़की के पिता के अनुसार, कुछ लोगों ने रास्ते में दोनों का पीछा किया और हमला कर दिया।।आरोप है कि उस समय साथ गया दोस्त मौके से भाग गया, जबकि पीड़िता को अपराधियों ने अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म किया. पिता ने शक जताया कि वही दोस्त अपराध में शामिल हो सकता है। पुलिस पीड़िता के इस दोस्त को भी हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है और उससे लड़की को छोड़कर भागने की वजह जानने में जुटी है। पीड़िता के पिता ने भावुक होकर कहा कि उनकी बेटी बार-बार कह रही है कि वह जीना नहीं चाहती. उन्होंने कहा, ‘वह बोलती रहती है कि उसे मर जाना चाहिए. मैं डरता हूं कि वह खुद को नुकसान पहुंचा न ले. मैं चाहता हूं कि उसे यहां से तुरंत भुवनेश्वर या किसी सुरक्षित जगह ले जाया जाए। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने कहा है कि पीड़िता के पुरुष मित्र की भूमिका भी संदिग्ध है. आयोग की सदस्य अर्चना मजूमदार ने कहा, ‘जिस लड़के ने उसे बाहर बुलाया था, वही उसे खतरे में छोड़कर भाग गया. पुलिस को उसकी भूमिका की भी जांच करनी चाहिए। उधर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘लड़कियों को देर रात कॉलेज से बाहर नहीं जाने देना चाहिए. उन्हें खुद भी सावधानी रखनी चाहिए.’ उन्होंने यह भी कहा कि यह घटना रात 12:30 बजे हुई, जबकि पुलिस के मुताबिक यह शाम 8 बजे के आसपास की है। भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा कि ‘ममता बनर्जी झूठ बोल रही हैं. घटना 12:30 बजे नहीं बल्कि 8 बजे हुई. वह जिम्मेदारी टालने के लिए कॉलेज पर ठीकरा फोड़ रही हैं.’ उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अपराधियों को बचाने की कोशिश कर रही हैं और महिलाओं की सुरक्षा से ज्यादा राजनीति को तवज्जो दे रही हैं।
भाजपा नेता प्रदीप भंडारी ने लिखा, ‘ममता का झूठ पकड़ में आ गया. जब बंगाल की बेटियां सुरक्षित नहीं हैं, तब मुख्यमंत्री को गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.’ विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी सोमवार को दुर्गापुर का दौरा करेंगे।
इस बढ़ते विवाद के बीच ममता बनर्जी ने कहा कि उनके बयान को ‘गलत तरीके से पेश’ किया गया. उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए सख्त है. पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई की है. दोषियों को सख्त सजा मिलेगी। यह मामला अब पूरी तरह राजनीतिक रंग ले चुका है. भाजपा और विपक्ष सरकार की ‘विफलता’ बता रहे हैं, जबकि तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि विपक्ष इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति कर रहा है. लेकिन इस सबके बीच पीड़िता और उसका परिवार इस उम्मीद में है कि उसे इंसाफ और सुरक्षा जल्द मिलेगी। दुर्गापुर की यह घटना न केवल बंगाल की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है बल्कि समाज की संवेदनहीनता भी उजागर करती है. जहां एक ओर लड़की की जिंदगी खतरे में है, वहीं दूसरी ओर इस मुद्दे पर सियासत गर्म है. अब सबकी निगाहें पुलिस जांच और सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं।






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