अशोक झा/ सिलीगुड़ी: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल में एक साथ कई जगहों पर छापेमारी शुरू की जिसमें रेत तस्करी रैकेट में कथित रूप से संलिप्त पाए गए कई व्यक्तियों और व्यवसायों को निशाना बनाया गया है।बताया गया है कि कोलकाता के बेंटिंग स्ट्रीट, झाड़ग्राम के लालगढ़ और गोपीवल्लभपुर तथा आसनसोल के मुरगाशोल क्षेत्र में ईडी की टीमें पहुंची हैं। सूत्रों के मुताबिक यह कार्रवाई बालू तस्करी से जुड़े वित्तीय लेनदेन की जांच के तहत की जा रही है। पिछले महीने भी ईडी ने झाड़ग्राम के गोपीवल्लभपुर इलाके में शेख जहिरुल शेख नामक व्यक्ति के घर छापा मारा था। स्थानीय लोगों ने बताया था कि वह पहले ग्राम पुलिस में कार्यरत था लेकिन बाद में नौकरी छोड़ कर बालू के कारोबार में उतर गया और देखते ही देखते उसकी संपत्ति में तेजी से वृद्धि हुई।उस छापेमारी के करीब एक महीने बाद ईडी का यह नया अभियान शुरू हुआ है। माना जा रहा है कि यह कार्रवाई राज्य में जारी अवैध बालू कारोबार की गहराई तक जांच से जुड़ी है। गौरतलब है कि हाल ही में ईडी ने नगर निकायों में भर्ती घोटाले की जांच में भी सक्रियता दिखाई थी। उस समय एजेंसी ने राज्य के मंत्री सुजीत बसु के सॉल्टलेक स्थित कार्यालय सहित कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। राज्य में ईडी की लगातार होती कार्रवाइयों से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। एजेंसी का कहना है कि यह छापेमारी केवल अवैध लेनदेन और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत की जा रही है, जिसमें कई कारोबारी और प्रभावशाली लोगों की भूमिका की जांच की जा रही है। इसके पहले 10 अक्टूबर को ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत 133.09 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। यह कार्रवाई सीबीआई और बीएसएफबी, कोलकाता द्वारा दर्ज एक एफआईआर के आधार पर शुरू हुई जांच का हिस्सा है, जिसमें कंपनी और इसके निदेशकों पर बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ 6,210.72 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है।
जांच में पता चला कि संजय सुरेका ने बैंकों से लिए गए कर्ज को गलत तरीके से अपनी समूह कंपनियों में डायवर्ट किया। इसके अलावा, फर्जी स्टॉक स्टेटमेंट और बैलेंस शीट में हेरफेर कर धोखाधड़ी की गई। सुरेका ने अपने रिश्तेदारों, कर्मचारियों और शेल कंपनियों के नाम पर कई संपत्तियां खरीदीं। कर्ज की राशि को बीडीजी ग्रुप ऑफ कंपनीज के डिबेंचर में निवेश किया गया, जिसे बाद में इक्विटी शेयरों में बदल दिया गया।
इससे पहले, ईडी ने इस मामले में 612.71 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी, जिसमें कॉनकास्ट स्टील, संजय सुरेका और यूको बैंक के पूर्व सीएमडी सुबोध गोयल से जुड़ी संपत्तियां शामिल थीं। ईडी ने 15 फरवरी 2025 को पहली अभियोजन शिकायत और 11 जुलाई 2025 को पूरक शिकायत दर्ज की। संजय सुरेका और अनंत कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया है और वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
ईडी अब इस मामले में गहन जांच कर रही है ताकि धन शोधन में शामिल सभी लोगों और कंपनियों की भूमिका का पता लगाया जा सके। साथ ही, अवैध धन के अंतिम लाभार्थियों को चिह्नित करने की कोशिश की जा रही है।
बालू माफिया के कई ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापामारी
इन दिनों लगातार ईडी की टीम बंगाल में कई मामले कर रही है छापेमारी
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