लखनऊ : मुख्य सचिव एस.पी.गोयल की अध्यक्षता में भारत की जनगणना 2027 के कार्यान्वयन एवं संचालन हेतु गठित राज्य स्तरीय जनगणना समन्वय समिति की प्रथम बैठक आयोजित की गई।
मुख्य सचिव ने संबंधित सभी विभागों को जनगणना कार्य में सहयोग करने एवं सफल बनाने हेतु निर्देश दिए।
इससे पूर्व, निदेशक, जनगणना कार्य, उत्तर प्रदेश श्रीमती शीतल वर्मा ने जनगणना 2027 की प्रक्रिया, समय-सीमा एवं डिजिटल रूपांतरण से संबंधित एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी, जिसमें राज्य की तैयारी और प्रस्तावित कार्ययोजना प्रस्तुत किया गया।
जनगणना 2027 की समय-सीमा पर चर्चा के दौरान दौरान मकानों की गणना एवं मकान सूचीकरण के लिए अवधि निर्धारित करने पर विचार किया गया। जनगणना में राज्य में लगभग 6 लाख कार्मिकों को ड्यूटी पर लगाया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में जनगणना 2027 पूर्णतः डिजिटल रूप में संपादित की जाएगी। सभी डेटा संग्रहण, प्रविष्टि, सत्यापन एवं निगरानी कार्य डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स के माध्यम से किए जाएंगे।
जनगणना के प्रावधानों के अंतर्गत दिनाँक 01 जनवरी, 2026 से 31 मार्च, 2027 तक राज्य में नई जनपदों, तहसीलों, नगर निकायों, ग्राम पंचायतों इत्यादि के गठन पर रोक रहेगी। आगामी जनगणना में आम जनता के लिए स्व-गणना का प्रावधान किया गया है।
राज्य स्तर पर स्टेट नोडल ऑफिस की स्थापना की जाएगी, जो राज्य स्तर पर समन्वय, डेटा मॉनिटरिंग एवं प्रगति रिपोर्टिंग के लिए आवश्यक कार्रवाई करेगा।
जनगणना 2027 का प्री टेस्ट दिनाँक 10 से 30 नवम्बर 2025 तक राज्य की दो तहसीलों अनूप शहर तथा मिहीपुरवा एवं प्रयागराज नगर निगम के 7 वार्डों में संपादित किया जाएगा।
बैठक में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री अमित कुमार घोष, सचिव नगर विकास श्री अनुज कुमार झा,विशेष सचिव सामान्य प्रशासन श्री जुहैर बिन सगीर सहित संबंधित विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।
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