अशोक झा/ कोलकाता: पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में 23 साल की एक मेडिकल छात्रा से हुए रेप मामले में जांच ने अब नया मोड़ ले लिया है। इसके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के कार्यकर्ताओं ने राज्य में कानून-व्यवस्था बिगड़ने का आरोप लगाया और महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए लाल मिर्च पाउडर बांटे।आदिवासी सांसद के हमले को लेकर भी व्यापक प्रदर्शन किया जा रहा है। आंदोलन हाल ही में दुर्गापुर में मेडिकल छात्रा के साथ हुई सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद उठाया गया है। भाजपा का यह अभियान साल्ट लेक के मेट्रो स्टेशन के पास शुरू हुआ, जिसे ऑपरेशन लाल मिर्च का नाम दिया गया है। पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं ने महिला यात्रियों को लाल मिर्च पाउडर से भरे पैकेट बांटे और बताया कि ये आत्मरक्षा के लिए हैं।
महिला भाजपा कार्यकर्ता ने कहा, ‘हम ये पैकेट माताओं और बहनों को वितरित कर रहे हैं ताकि वे अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें। संदेश सरल है – हमें अपनी सुरक्षा स्वयं करनी है। अगर आवश्यक हो तो लाल मिर्च पाउडर और पेप्पर स्प्रे का उपयोग करना चाहिए।’ प्रदर्शनकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री की वह टिप्पणी, जिसमें उन्होंने महिलाओं से देर रात बाहर न निकलने को कहा था, राज्य सरकार की महिला सुरक्षा में नाकामी को दिखाती है। हालांकि, बनर्जी ने स्पष्ट किया है कि उनकी टिप्पणियों को जानबूझकर तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। पुलिस ने पीड़िता के क्लासमेट और दोस्त को गिरफ्तार कर लिया है।पीड़िता के बयान के बाद हुई कार्रवाई: अधिकारियों के अनुसार, पीड़िता के धारा 164 के बयान से पता चला है कि आरोपी के साथ बाहर जाने के बाद उसने पीड़िता के साथ बलात्कार किया। इसी आधार पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया। उसे मंगलवार सुबह अदालत में पेश किया गया। इस मामले में अब तक 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। पीड़िता के दोस्त की गिरफ्तारी के बाद यह संख्या 6 हो गई है जांच में यह सामने आया है कि घटना के दौरान सभी पांचों मौजूद थे। पीड़िता के विस्तृत बयान ने पुलिस को घटनाक्रम को जोड़ने में अहम सुराग दिए। पुलिस कमिश्नर ने दी जानकारी:
आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस आयुक्त सुनील कुमार चौधरी ने प्रेस वार्ता में बताया कि जांच तेजी से चल रही है. उन्होंने कहा, ‘पीड़िता का मोबाइल फोन बरामद कर लिया गया है। आरोपी दोस्त के कपड़े और शारीरिक बनावट से जुड़ी जानकारी एकत्र की गई है. हमारी टीम ने आरोपी दोस्त को साथ लेकर घटनास्थल पर जाकर घटनाक्रम का रिकंस्ट्रक्शन भी किया है। गैंगरेप की धाराएं नहीं लगेंगी: पुलिस कमिश्नर ने बताया कि शुरुआती जांच में गैंगरेप की संभावना से इनकार किया गया है. उन्होंने कहा कि पीड़िता के बयान और शुरुआती साक्ष्यों के आधार पर यह स्थापित हुआ है कि दुष्कर्म एक ही व्यक्ति ने किया. फॉरेंसिक और मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार है. पीड़िता के दोस्त की भूमिका संदिग्ध है और वह जांच के दायरे में बना हुआ है। फॉरेंसिक रिपोर्ट के बाद होगी आगे की कार्रवाई: पुलिस ने एक आरोपी के कपड़े फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिए हैं. अधिकारियों ने कहा कि आगे की कार्रवाई फॉरेंसिक और मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद की जाएगी. फिलहाल सभी गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है और जांच आगे बढ़ रही है। पुलिस जांच में अब सामने आया है कि यह घटना गैंगरेप नहीं, बल्कि एक ही आरोपी द्वारा किया गया रेप हो सकता है। पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार छात्र पश्चिम बंगाल के मालदा जिले का रहने वाला है। उसे 11 अक्टूबर को हिरासत में लिया गया था और मंगलवार को गिरफ्तार किया गया। जांच टीम को उसके बयान में कई “स्पष्ट विरोधाभास” मिले।
असांसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नर सुनील कुमार चौधरी ने बताया कि “अब तक की जांच और मेडिकल रिपोर्ट से संकेत मिले हैं कि घटना में केवल एक व्यक्ति शामिल था। बाकी संदिग्धों की भूमिका की जांच जारी है। पीड़िता का दोस्त भी शक के दायरे में है।”CCTV फुटेज ने बढ़ाया सस्पेंस
कॉलेज के CCTV कैमरे की रिकॉर्डिंग ने पुलिस को कई नए सुराग दिए हैं। फुटेज में 10 अक्टूबर की रात 7:54 बजे पीड़िता और उसका दोस्त कॉलेज कैंपस से बाहर निकलते दिखाई दिए। करीब 8:42 बजे दोस्त अकेला वापस लौटा, थोड़ी देर कैंपस में टहला, फिर 8:48 बजे दोबारा बाहर चला गया। इसके बाद 9:29 बजे वह फिर पीड़िता के साथ कॉलेज लौटता दिखा।
पुलिस के अनुसार, इस पूरे घटनाक्रम के दौरान दोस्त ने किसी को कुछ नहीं बताया। बाद में पीड़िता ने पुलिस को बताया कि रेप के बाद आरोपी ने उसके फोन से उसके दोस्त को कॉल किया और कहा कि फोन वापस चाहिए तो ₹3,000 दो। पुलिस ने वह फोन एक आरोपी के पास से बरामद किया है।
पीड़िता के पिता ने जताया शक
पीड़िता के पिता ने 11 अक्टूबर को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने अपनी शिकायत में बेटी के सहपाठी पर भी संदेह जताया। उन्होंने कहा, मेरी बेटी के साथ उसका दोस्त ही बाहर गया था। मुझे पूरा भरोसा है कि वह किसी न किसी रूप में इसमें शामिल है। यह सब पहले से सोचा-समझा हो सकता है। पहले पकड़े गए पांच आरोपी अब संदेह के घेरे में हैं। पुलिस ने फोन कॉल रिकॉर्ड और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर पांच स्थानीय युवकों को गिरफ्तार किया था -शेख सफीकुल (30)शेख नसीरुद्दीन (23)अपू बाउरी (21)फिरदौस शेख (23)
शेख रियाजुद्दीन (31)ये सभी पास के गांवों के दिहाड़ी मजदूर हैं। लेकिन जांच के दौरान पुलिस को पीड़िता के बयानों, मेडिकल रिपोर्ट और गवाहों के बयान में कई विरोधाभास मिले।
पीड़िता ने अपने बयान में क्या कहा?पीड़िता ओडिशा के जलेश्वर की रहने वाली है और दुर्गापुर के IQ सिटी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई करती है। वह फिलहाल उसी अस्पताल में भर्ती है। मंगलवार को मजिस्ट्रेट ने उसका बयान दर्ज किया। पुलिस ने बताया कि उसके और संदिग्धों के कपड़े फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं।
पुलिस के मुताबिक, डॉक्टर को दिए पहले बयान में पीड़िता ने कहा था कि तीन लोग थे, जिनमें से एक ने रेप किया। लेकिन पुलिस को दिए बयान में उसने कहा कि पांच लोगों ने उसे जंगल में खींचकर गैंगरेप किया। हालांकि, सबूत गैंगरेप की पुष्टि नहीं करते।हाईकोर्ट ने दी सख्त हिदायत: मामले में राजनीति बढ़ने के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को आदेश दिया कि अब किसी भी राजनीतिक नेता या बाहरी व्यक्ति को दुर्गापुर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। कोर्ट ने कहा कि इससे पढ़ाई और मरीजों की देखभाल में बाधा आ रही थी। साथ ही पुलिस को अस्पताल के बाहर सुरक्षा पिकेट लगाने का आदेश दिया गया।
जांच जारी, रिपोर्ट का इंतजार: पुलिस कमिश्नर सुनील चौधरी ने कहा, तकनीकी सबूत और पीड़िता के बयान के अनुसार, रेप एक ही व्यक्ति ने किया है। बाकी संदिग्धों की भूमिका की जांच चल रही है। फिलहाल पीड़िता अस्पताल में भर्ती है और उसके परिवार ने उसे ओडिशा वापस ले जाने की अनुमति मांगी है। पीड़िता के पिता ने कहा अब हमें यहां सुरक्षा का भरोसा नहीं रहा। मुझे अपनी बेटी की जान का डर है।
घटना की टाइमलाइन10 अक्टूबर: शाम 7:54 बजे पीड़िता और उसका दोस्त कॉलेज से बाहर निकले।8:42 बजे: दोस्त अकेला लौटता दिखा।8:48 बजे: दोबारा बाहर गया।
9:29 बजे: पीड़िता के साथ लौटा।11 अक्टूबर: पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।12-13 अक्टूबर: पांच स्थानीय युवकों की गिरफ्तारी।15 अक्टूबर: पुलिस ने बताया कि घटना में केवल एक व्यक्ति शामिल था। 15 अक्टूबर: हाईकोर्ट ने अस्पताल में नेताओं के प्रवेश पर रोक लगाई।







Hits Today : 4793
Who's Online : 26