अशोक झा
:देशभर में रूपनगर रेंज के डीआईजी (DIG) हरचरण सिंह भुल्लर चर्चाओं में है, उन्हें सीबीआई ने रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किया है। इस पूरे घटना के बाद पूरे देश के खासकर बंगाल में भी आईपीएस महकमा में हड़कंप मचा हुआ है। कारण है बंगाल में सीबीआई की बढ़ती सक्रियता। सीबीआई ने रिश्वतखोरी और अवैध संपत्ति के मामले में पंजाब पुलिस के डीआईजीहरचरण सिंह भुल्लर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की है। अब तक की तलाशी में जांच एजेंसी को 7.5 करोड़ रुपये नकद, 2.5 किलो सोने के गहने, 26 लग्जरी घड़ियां और दर्जनों प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले हैं.
उनकी गिरफ्तारी के बाद उनसे जुड़े हुए ठिकानों पर भी छापेमारी की। जब सीबाआई की टीम DIG के चंडीगढ़ स्थित आवास पर पहुंची तो वहां इतनी रकम मिली की टीम के होश उड़ गए। उनसे जुड़े हुए 15 ठिकानों पर छापेमारी की गई. इस दौरान ऑडी, मर्सिडीज, लग्जरी गाड़ियां इसके अलावा बहुत
कुछ बरामद हुआ, जानिए हरचरण सिंह भुल्लर तक CBI कैसे पहुंची?भुल्लर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
CBI ने DIG के खिलाफ 16 अक्टूबर को केस दर्ज किया था, जिसमें उन पर आरोप है कि उन्होंने एक कारोबारी से उसके खिलाफ दर्ज FIR को ‘सेटल’ करने और आगे कोई कार्रवाई न करने के बदले 8 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी.
परिवार के नाम पर 50 प्रॉपर्टी के दस्तावेज बरामद
इतना ही नहीं, वे हर महीने पैसों की डिमांड भी कर रहे थे. इसी मामले में कार्रवाई करते हुए CBI ने चंडीगढ़ के सेक्टर-21 में जाल बिछाकर DIG के मिडिलमैन को रंगे हाथ 8 लाख रुपये लेते हुए गिरफ्तार किया. मिडिलमैन की गिरफ्तारी के बाद CBI ने भुल्लर के चंडीगढ़, जालंधर और समराला स्थित ठिकानों पर छापा मारा.
अब तक की तलाशी में 7.5 करोड़ नकद, 2.5 किलो सोने के गहने और Rolex, Rado जैसी ब्रांडेड 26 महंगी घड़ियां बरामद की गई हैं. इसके अलावा DIG और उनके परिवार के नाम पर करीब 50 प्रॉपर्टी के दस्तावेज भी मिले हैं.
मिडिलमैन के घर पर जांच के दौरान मिला नकद
CBI को कई बैंकों में खाता जानकारी, लॉकर की चाबियां, चार लाइसेंसी हथियार और 100 से ज्यादा जिंदा कारतूस भी मिले हैं. समराला स्थित उनके फार्महाउस से भी छापेमारी के दौरान 5.7 लाख रुपये नकद, 108 शराब की बोतलें और 17 जिंदा कारतूस बरामद हुए. CBI ने मिडिलमैन के घर पर भी छापा मारा, जहां से 21 लाख रुपये नकद और कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए गए हैं.
जांच में रिश्वत वसूलने के रैकेट का पर्दाफाश
एजेंसी अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह अवैध संपत्ति किस-किस स्रोत से जुटाई गई और किन अन्य लोगों की इसमें भूमिका रही. शुरुआती जांच में सामने आया है कि भुल्लर एक रैकेट की तरह रिश्वत वसूलने की प्रणाली चला रहे थे, जिसमें कई और लोग शामिल हो सकते हैं। CBI अधिकारियों के मुताबिक, जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में कई और खुलासे हो सकते हैं
सख्त अधिकारियों में गिनती: हरचरण सिंह भुल्लर की गिनती पंजाब के सख्त अधिकारियों में की जाती है। उन्होंने कई बड़े-बड़े मामलों को सुलझाया हुआ है। पंजाब को नशामुक्त बनाने के लिए उन्होंने ‘युद्ध नशेआं विरुद्ध’ का अभियान चलाया, जिसकी काफी ज्यादा चर्चा हुई, साल 2024 नवंबर में रोपड़ रेंज का डीआईजी बनाया गया, यहां पर अवैध कार के बारे में उन्हें जानकारी मिली जिसपर लगाम लगाने की उन्होंने कोशिश की। उन्होंने अपने सख्त रवैये से हड़कंप मचा दिया और इसकी आंच स्क्रैप कारोबारियों तक पहुंच गई।
की थी ये मांग: स्क्रैप कारोबारी आकाश बत्ता को डीआईजी ने अपने रडार में ले लिया और उसके खिलाफ फर्जी मुकदमा लिखवा दिया. इसके बाद उन्हें सेटलमेंट के लिए बुलाया और बताया जाता है कि 8 लाख रुपये की डिमांड की। इस रिश्वत के अलावा हर महीने 5 लाख रुपए भी पहुंचाने की मांग की, उनकी इस मांग से कारोबारी तंग आकर CBI के पास चला गया और डीआईजी सहित कई और पुलिस वालों का नाम लिखवा दिया।
CBI ने बनाया प्लान: CBI ने DIG को अरेस्ट करने के लिए एक शातिर प्लान बनाया, पहले DIG के बिचौलिए ने चंडीगढ़ के सेक्टर 21 में स्क्रैप कारोबारी आकाश बत्ता से रिश्वत ली तो CBI ने उससे डीआईजी को कॉल कराई, फिर बिचौलिए ने कहा कि रिश्वत के पैसे मिल गए हैं, इसके बाद उनसे रकम सहित मोहाली ऑफिस आने को कहा, इसी दौरान CBI भी दोनों के साथ ऑफिस पहुंच गई और वहां पर जैसे ही डीआईजी ने रिश्वत की रकम ली तो CBI ने उसे पकड़ लिया, इसके बाद उन्हें एक सीक्रेट स्थान पर ले जाया गया।







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