
अशोक झा/ मुंबई: भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर पहली बार ODI वर्ल्ड कप जीत लिया है. नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बना। 2005 और 2017 के बाद यह भारतीय टीम तीसरा वर्ल्ड कप फाइनल खेल रही थी, आखिरकार हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में टीम इंडिया ने कप जीत ही लिया।टीम इंडिया की जीत पर देश भर में दर्शक झूम उठे।
पहले बैटिंग करते हुए भारतीय टीम ने 7 विकेट पर 298 रन का स्कोर खड़ा किया। शेफाली वर्मा का बल्ला जमकर चला, वह 87 रन बनाकर आउट हुईं। उनके अलावा दीप्ति शर्मा ने भी धमाकेदार अंदाज में खेलते हुए अपना बल्ला चलाया और फिफ्टी जड़ी।
जवाब में खेलते हुए दक्षिण अफ्रीकी टीम 246 रनों के स्कोर पर आउट हो गई। भारत के लिए दीप्ति शर्मा ने एक बार फिर से धमाका करते हुए गेंदबाजी में 5 विकेट हासिल कर दक्षिण अफ्रीका की कमर ही तोड़ डाली। दीप्ति शर्मा को प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट चुना गया, शेफाली वर्मा को प्लेयर ऑफ़ द मैच चुना गया। भारत को जीत के लिए बड़ी रकम मिली। प्राइज मनी के बारे में यहां जान सकते हैं। करेंसी के हिसाब से लगभग राशि बताई गई है, इसमें थोड़ा ऊपर-नीचे हो सकता है। महिला वर्ल्ड कप इतिहास में यह अब तक की सबसे बड़ी प्राइज मनी है।कप्तान हरमनप्रीत कौर की अगुआई में भारत ने शेफाली वर्मा और दीप्ती शर्मा के ऑलराउंड प्रदर्शन के दम पर फाइनल में साउथ अफ्रीका को 52 रन से हरा दिया और इतिहास रच दिया।
भारत ने जीता पहला महिला वनडे वर्ल्ड कप टाइटल
साउथ अफ्रीका के खिलाफ फाइनल मुकाबले में भारतीय महिला क्रिकेट टीम का प्रदर्शन दमदार रहा। इस मैच में साउथ अफ्रीका ने टॉस जीता था और भारत को पहले बैटिंग करने को कहा था। इसके बाद भारत ने 50 ओवर में 7 विकेट पर 298 रन बनाए और प्रोटियाज को जीत के लिए 299 रन का टारगेट दिया। इसके जबाव में साउथ अफ्रीका की टीम 45.3 ओवर में 246 रन पर आउट हो गईं।
साउथ अफ्रीका महिला क्रिकेट टीम ने फाइनल में भारत के खिलाफ जमकर संघर्ष किया, लेकिन जीत का स्वाद ये टीम चख नहीं पाई और इस टीम को उप-विजेता रहते हुए संतोष करना पड़ा। इसके अलावा महिला वनडे वर्ल्ड कप के इतिहास में 25 साल के बाद दुनिया को भारत के रूप में नया चैंपियन मिल गया।
हरमनप्रीत कौर ने भारत को बनाया चैंपियन
हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारतीय महिला टीम ने पहली बार वनडे वर्ल्ड कप खिताब जीता। वैसे भारतीय वनडे क्रिकेट इतिहास में वो ओवरऑल वनडे वर्ल्ड कप टाइटल जीतने वाली तीसरी खिलाड़ी बन गईं। इससे पहले भारत ने कपिल देव और एमएस धोनी की कप्तानी में वनडे वर्ल्ड कर खिताब जीता था और अब हरमनप्रीत कौर भी इन दोनों दिग्गजों की खास लिस्ट में शामिल हो गईं।
भारतीय टीम तीसरी बार वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची थी। साल 2005 और साल 2017 में इस टीम का चैंपियन बनने का सपना टूट गया था, लेकिन साल 2025 में भारतीय महिला टीम ने अपने घर में कमाल की कर दिया और इस मौके को हाथ से नहीं जाने दिया और चैंपियन बनकर ही दम लिया।
लॉरा वुल्वार्ट का शतक काम नहीं आया
साउथ अफ्रीका को जीत के लिए इस मैच में 299 रन का टारगेट मिला था और इस टीम की कप्तान लॉरा वुल्वार्ट ने फाइनल में कप्तानी पारी खेलते हुए शतक भी लगाया, लेकिन उनकी ये पारी टीम के काम नहीं आई और अंत में इस टीम को हार का मुंह देखना पड़ा। वैसे जब तक लॉरा क्रीज पर थीं तब तक सबकी सांसें अटकी हुई थी, लेकिन उनके आउट होने के बाद सबने राहत की सांस ली।
शेफाली और दीप्ती का ऑलराउंड प्रदर्शन
भारत की तरफ से फाइनल में शेफाली वर्मा और दीप्ती शर्मा ने शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन किया। शेफाली ने भारत के लिए 78 गेंदों पर 87 रन की जोरदार पारी खेली जबकि दीप्ती ने 58 गेंदों पर 58 रन बनाकर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। स्मृति मंधाना ने 45 रन जबकि जेमिमा रोड्रिग्स ने 24 रन बनाए। कप्तान हरमनप्रीत कौर ने 20 रन की पारी खेली जबकि ऋचा घोष ने 34 रन का योगदान दिया। वहीं भारत की तरफ से दूसरी पारी में दीप्ती शर्मा ने सबसे ज्यादा 5 विकेट लिए जबकि शेफाली वर्मा ने 2 जबकि श्री चरणी ने एक विकेट लिया।
पीएम मोदी ने टीम को दी शुभकामनाएं
पीएम मोदी ने टीम को बधाई देते हुए एक्स पर लिखा कि आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 के फ़ाइनल में भारतीय टीम की शानदार जीत। फाइनल में उनका प्रदर्शन अद्भुत कौशल और आत्मविश्वास से भरा रहा। टीम ने पूरे टूर्नामेंट में असाधारण टीम वर्क और दृढ़ता दिखाई। हमारी खिलाड़ियों को बधाई। यह ऐतिहासिक जीत भविष्य की चैंपियन खिलाड़ियों को खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित करेगी।
महिला वर्ल्ड कप प्राइज़ मनी:
भारत – ₹41.77 करोड़दक्षिण अफ्रीका – ₹21.88 करोड़,ऑस्ट्रेलिया – ₹11.95 करोड़, इंग्लैंड – ₹11.95 करोड़
श्रीलंका – ₹7.8 करोड़,न्यूजीलैंड – ₹7.8 करोड़, बांग्लादेश – ₹4.5 करोड़,पाकिस्तान – ₹4.5 करोड़।
यह भारतीय महिला क्रिकेट टीम का 50 ओवर के फॉरमेट में पहला विश्व कप खिताब है, जो भारत के क्रिकेट इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ेगा। चूंकि टूर्नामेंट भारत में आयोजित हुआ है, इसलिए घरेलू दर्शकों के सामने विश्व कप उठाना, इस जीत के महत्व को कई गुना बढ़ा देता है। 2017 के फाइनल में लॉर्ड्स में इंग्लैंड से मिली दिल तोड़ने वाली हार का दर्द इस जीत से हमेशा के लिए मिट गया है। यह मिताली राज और झूलन गोस्वामी जैसे दिग्गजों द्वारा रखी गई नींव पर एक भव्य शिखर है। यह पहला महिला विश्व कप फाइनल था जिसमें न तो ऑस्ट्रेलिया और न ही इंग्लैंड शामिल हुए, जिसका अर्थ है कि दुनिया को एक नया विश्व चैंपियन मिल गया है।
2. रोलर-कोस्टर सफर का शानदार अंत
लीग स्टेज में स्मृति मंधाना का उत्कृष्ट प्रदर्शन (एक संस्करण में सर्वाधिक भारतीय रन)। टीम का लचीलापन, खासकर तीन लगातार हार के बाद वापसी करना। टूर्नामेंट में भारतीय टीम का सफर मिला-जुला रहा, जो यह दर्शाता है कि टीम ने दबाव में कैसी प्रतिक्रिया दी। भारत ने श्रीलंका और पाकिस्तान जैसी टीमों के खिलाफ जीत के साथ अपने अभियान की शुरुआत शानदार तरीके से की। शुरुआती जीत ने टीम को आत्मविश्वास दिया। हालांकि, टीम को बीच में तीन लगातार हार का सामना करना पड़ा, जिसमें लीग स्टेज में दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से मिली हार शामिल थी। इन हारों ने टीम के अभियान को एक गंभीर मोड़ पर ला खड़ा किया। इंग्लैंड के खिलाफ, भारत एक समय जीत की मजबूत स्थिति में था लेकिन मध्यक्रम के ढहने से मैच गंवा बैठा।
मुश्किल दौर से गुजरने के बाद, भारत ने न्यूजीलैंड को बड़े अंतर से हराकर वापसी की, जहां स्मृति मंधाना और प्रतीका रावल ने शतक जड़े और टीम को सेमीफाइनल में पहुंचाया। स्मृति मंधाना ने इस टूर्नामेंट में एक भारतीय द्वारा एक ही विश्व कप एडिशन में सर्वाधिक रन (434 रन) बनाने का रिकॉर्ड भी बनाया।
सेमीफाइनल में 339 रन का रिकॉर्ड-ब्रेकिंग चेज बनाम ऑस्ट्रेलिया। जेमिमा रोड्रिग्स (127*) और हरमनप्रीत कौर (89)। महिला वनडे क्रिकेट इतिहास का सबसे बड़ा सफल रन चेज। इसने साबित किया कि टीम किसी भी लक्ष्य का पीछा कर सकती है। इस जीत को सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया पर मिली रिकॉर्ड-ब्रेकिंग जीत के कारण हमेशा याद रखा जाएगा।
टूर्नामेंट का सबसे बड़ा और ऐतिहासिक पल सेमीफाइनल में आया, जहां भारत का सामना एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया से हुआ। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 338 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। यह लक्ष्य नॉकआउट मुकाबले में लगभग असंभव माना जा रहा था। भारतीय बल्लेबाजों ने अविश्वसनीय दृढ़ता दिखाई और 339 रनों के लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा करते हुए इतिहास रच दिया। यह न केवल महिला विश्व कप के नॉकआउट मैच में, बल्कि महिला वनडे क्रिकेट इतिहास का सबसे बड़ा सफल रन चेज था।
इस ऐतिहासिक जीत की नायक थीं जेमिमा रोड्रिग्स, जिन्होंने 127 रनों की नाबाद पारी खेली, और कप्तान हरमनप्रीत कौर, जिन्होंने 89 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेलकर उनका बखूबी साथ दिया। हरमनप्रीत इस दौरान विश्व कप नॉकआउट मैचों में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी (331 रन) भी बन गईं।
ऑस्ट्रेलिया को हराकर भारत ने तीसरी बार विश्व कप फाइनल में प्रवेश किया, जहां उनका सामना पहली बार फाइनल में पहुंचे दक्षिण अफ्रीका से हुआ। डीवाई पाटिल स्टेडियम, नवी मुंबई में खेले गए फाइनल में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 298 रन बनाए। सलामी बल्लेबाज शैफाली वर्मा (87 रन) और दीप्ति शर्मा (58 रन) ने शानदार प्रदर्शन किया। फाइनल में शेफाली वर्मा और दीप्ति शर्मा की निर्णायक पारियां, गेंदबाजों का एकजुट प्रदर्शन। दबाव में प्रदर्शन किया और ‘चोकर्स’ के टैग को हमेशा के लिए हटा दिया है।
3. महिला क्रिकेट पर दूरगामी प्रभाव
यह जीत भारतीय महिला क्रिकेट के परिदृश्य को स्थायी रूप से बदल देगी। वीमेन प्रीमियर लीग (WPL) के आने के बाद, विश्व कप जीत इस लीग को और अधिक विश्वसनीयता और स्टार पावर देगी, जिससे अधिक निवेश और प्रायोजन आकर्षित होंगे। हरमनप्रीत कौर, स्मृति मंधाना, जेमिमा रोड्रिग्स और दीप्ति शर्मा जैसी खिलाड़ी रातोंरात राष्ट्रीय आइकॉन बन गई हैं, जो देश भर की लाखों युवा लड़कियों को क्रिकेट को एक करियर के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित करेंगी।
यह जीत बीसीसीआई पर महिला खिलाड़ियों के लिए पुरुष खिलाड़ियों के बराबर पुरस्कार राशि और अनुबंध सुनिश्चित करने का दबाव बढ़ाएगी, जैसा कि पहले ही कुछ पहलों में देखा जा चुका है। महिला क्रिकेट के लिए बेहतर कोचिंग, प्रशिक्षण सुविधाएं और ग्रासरूट स्तर पर प्रतिभा की पहचान कार्यक्रमों में सरकारी और कॉर्पोरेट निवेश बढ़ेगा।
4. राष्ट्रीय गौरव और पहचान
पुरुषों के 1983 या 2011 विश्व कप की जीत की तरह ही, यह जीत पूरे देश में खुशी, एकता और गर्व का एक बड़ा उत्सव बनेगी। यह जीत समाज में इस पुरानी रूढ़िवादिता को तोड़ेगी कि क्रिकेट केवल पुरुषों का खेल है, और यह साबित करेगी कि भारतीय महिलाएं भी विश्व मंच पर शीर्ष पर पहुंचने की क्षमता रखती हैं।







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