

अशोक झा/ सिलीगुड़ी: देश के चाय के प्याले में तूफान मचाने वाला उत्तर बंगाल खुद के प्याले में दर्द का तूफान है। पश्चिम बंगाल के मिरिक और दार्जिलिंग पहाड़ियों में रविवार को लगातार बारिश के कारण हुए भारी भूस्खलन में कई बच्चों सहित कम से कम 24 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।भाजपा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भड़क गई है। बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य ने ममता पर हमला बोला है। समिक भट्टाचार्य ने कहा कि यह खुशी मनाने का मौका नहीं है। मुख्यमंत्री को इस वक्त कार्निवाल छोड़ देना चाहिए था। आज उन्हें उत्तरी बंगाल के लोगों के साथ खड़े होने की जरूरत है। समिक ने आगे कहा कि अगर कोई इस सरकार से मानवतावादी रवैये की उम्मीद करता है तो वह बेवकूफ है। भाजपा को इस सरकार से कोई उम्मीद नहीं है। गौरतलब है कि दार्जिलिंग में हुए भूस्खलन में 24 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, सैकड़ों लोग वहां पर फंसे हुए हैं। पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य आज दौरे पर आ रहे है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार किसी काम की नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने साइक्लोन से कुछ नहीं सीखा। यहां तक कि डिजास्टर मैनेजमेंट टीम की भी कोई भूमिका नहीं है। एनडीआरएफ की टीम वहां पर तैनात की गई है। गृहमंत्री, प्रधानमंत्री हर पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। इसी तरह की संवेदनशीलता की उम्मीद हमने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी की थी। लेकिन इतने बड़ी प्राकृतिक आपदा में भी वह खड़ी नजर नहीं आ रही हैं। लेकिन सीएम डांडिया करने में व्यस्त है।
दार्जिलिंग में क्या हुआ: गौरतलब है कि दार्जिलिंग की पहाड़ियों में घूमने गये सैकड़ों पर्यटकों के लिए दुर्गा पूजा के बाद की छुट्टियां बुरे सपने में बदल गईं क्योंकि रविवार को लगातार बारिश के कारण कई भूस्खलन हुए, जिससे घर बह गए, राजमार्ग अवरुद्ध हो गए और पहाड़ी जिले में बड़ी संख्या में लोग फंस गए। अधिकारियों ने बताया कि मिरिक, दार्जिलिंग और आसपास के इलाकों में भूस्खलन में कई बच्चों सहित कम से कम 24 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। भूस्खलन और सड़क मार्ग पर अवरोधों के कारण पूरे क्षेत्र में हजारों पर्यटक फंसे हुए हैं।अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन के कारण कई घर बह गए, सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं, दूरदराज के कई गांवों का संपर्क टूट गया तथा सैकड़ों पर्यटक फंस गए. एनडीआरएफ और बंगाल सरकार के दार्जिलिंग व जलपाईगुड़ी जिला प्रशासन द्वारा संकलित रिपोर्ट के अनुसार, कई स्थानों – सरसली, जसबीरगांव, मिरिक बस्ती, धार गांव (मेची), नागराकाटा और मिरिक झील क्षेत्र से लोगों के मारे जाने की खबर है. निकटवर्ती जलपाईगुड़ी जिले के नागराकाटा में एक अलग बचाव अभियान में भूस्खलन के मलबे से पांच शव बरामद किए गए.
एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने बताया, ‘अब तक मिरिक, दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी में कुल 23 लोगों की मौत हो चुकी है.’ उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा ने जान-माल के नुकसान को दुखद बताते हुए को बताया कि स्थिति ‘चिंताजनक’ है. उन्होंने शाम को कहा, ‘अभी मृतकों की संख्या 24 थी। यह संख्या बढ़ने की आशंका है.’ दार्जिलिंग क्षेत्र को नियंत्रित करने वाले गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन (जीटीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनित थापा ने कहा कि ‘पहाड़ों की रानी’ के रूप में प्रसिद्ध इस सुरम्य क्षेत्र में 35 स्थानों पर भूस्खलन की सूचना मिली है। एनडीआरएफ के बयान के अनुसार, भूस्खलन से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र मिरिक में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई है और सात घायलों को क्षेत्र से बचा लिया गया है। दार्जिलिंग में सात लोगों की मौत हो गई और पुलिस, स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रतिक्रिया टीमों की मदद से बचाव अभियान जारी है। निकटवर्ती जलपाईगुड़ी जिले के नागराकाटा में एक अलग बचाव अभियान में भूस्खलन के मलबे से पांच शव बरामद किए गए हैं। दार्जिलिंग उप-मंडल अधिकारी (एसडीओ) रिचर्ड लेप्चा ने बताया, ‘शनिवार रात से हो रही भारी बारिश के कारण दार्जिलिंग उपखंड में हुए भीषण भूस्खलन में सात लोगों की मौत हो गई है. बचाव और राहत कार्य जारी है। दुर्गा पूजा और पूजा के बाद के उत्सवों का आनंद लेने के लिए दार्जिलिंग की पहाड़ियों में आए सैकड़ों पर्यटक भारी वर्षा के कारण हुए भूस्खलन के कारण फंस गए हैं. उनमें से कई, जिनमें कोलकाता और बंगाल के अन्य हिस्सों से आए परिवार और समूह शामिल थे, मिरिक, घूम और लेपचाजगत जैसे लोकप्रिय स्थानों पर जा रहे थे. पहाड़ियों पर शनिवार से ही बारिश हो रही थी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीड़ितों के लिए मुआवजे की घोषणा की, लेकिन राशि का उल्लेख नहीं किया और कहा कि वह छह अक्टूबर को उत्तर बंगाल का दौरा करेंगी और क्षेत्र की स्थिति का आकलन करेंगी, जहां बड़ी संख्या में पर्यटक भी प्रभावित हुए हैं. उन्होंने मरने वालों का कोई आंकड़ा नहीं दिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मौतों पर शोक व्यक्त किया और कहा कि भारी बारिश और भूस्खलन के मद्देनजर दार्जिलिंग और आसपास के क्षेत्रों की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है. नागराकाटा के धार गांव में मलबे से कम से कम 40 लोगों को बचाया गया जहां भारी भूस्खलन के कारण कई घर ध्वस्त हो गए. विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि उनके पास जानकारी है कि इस आपदा में 24 लोगों की जान चली गई। भूस्खलन के कारण मिरिक-सुखियापोखरी सड़क सहित प्रमुख मार्गों पर यातायात बाधित हो गया जबकि कई पहाड़ी बस्तियों की संचार लाइनें टूट गईं। भूस्खलन और सड़क मार्ग पर अवरोधों के कारण पूरे क्षेत्र में हजारों पर्यटक फंसे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उन्हें सुरक्षित वापस लाने की व्यवस्था करेगी और पर्यटकों से अपील की कि वे घबराएं नहीं और वहां से निकलने की जल्दबाजी न करें. उन्होंने कहा, ‘कई पर्यटक फंसे हुए हैं। मैं उनसे अनुरोध करती हूं कि वे हड़बड़ी न करें. कृपया जहां हैं वहीं रहें. होटल वालों को उनसे ज्यादा पैसे नहीं लेने चाहिए। उनकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है और प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “दार्जिलिंग में पुल दुर्घटना में हुई जानमाल की हानि से बहुत दुःख हुआ है. जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी संवेदना है. घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. भारी बारिश और भूस्खलन के मद्देनजर दार्जिलिंग और आसपास के इलाकों की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है. हम प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दार्जिलिंग और कलिम्पोंग सहित उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में छह अक्टूबर तक अत्यधिक भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है. साथ ही, मिट्टी की नाजुक स्थिति के कारण और अधिक भूस्खलन और सड़कों पर अवरोध पैदा होने की चेतावनी दी है. एनडीआरएफ के अनुसार, दार्जिलिंग जिले और उत्तरी सिक्किम में सड़क संपर्क गंभीर रूप से बाधित है और सिलीगुड़ी को मिरिक-दार्जिलिंग मार्ग से जोड़ने वाला एक लोहे का पुल क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे इस क्षेत्र तक पहुंच बाधित हो गई है।
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