रामज्योति लाने के लिए काशी से मुस्लिम महिलाएं अयोध्या रवाना

रामज्योति लाने के लिए काशी से मुस्लिम महिलाएं अयोध्या रवाना
*सुभाष भवन से निकली रामपंथ की रामज्योति यात्रा अयोध्या के लिए रवाना*
*मुस्लिमों के घरों पर भी जगमगाएगी रामज्योति*
• रामज्योति का वितरण सुभाष भवन और पातालपुरी मठ से किया जाएगा।
• रामभक्त नाजनीन अंसारी के नेतृत्व में रामज्योति यात्रा निकली।
• महंत बालक दास ने यात्रा दल की नेता नाजनीन अंसारी को रामध्वजा देकर एवं हरी झंडी दिखाकर अयोध्या के लिये विदा किया।
• रामपंथ की रामज्योति यात्रा का नेतृत्व कर रही रामभक्त नाजनीन।
• आतंकियों की धमकी के आगे भी नहीं झुकी, राम के लिए कोई समझौता नहीं।
*वाराणसी, 6 जनवरी।* 1528 ई० में मुगल हमलावर बाबर द्वारा विध्वंश किये गए श्रीराम जन्मभूमि के मंदिर को फिर से बनने और रामलला के विराजमान होने का सपना सभी भारतीयों ने देखा था उसी में से एक नाज़नीन अंसारी भी थीं। नाजनीन अंसारी पिछले 17 वर्षों से रामभक्ति करती आ रही हैं। रामनवमी पर विशेष कार्यक्रम आयोजित करती हैं जिसमें सैकड़ों मुस्लिम महिलाएं शामिल होती हैं। नाजनीन जब वर्ष 2014 में अयोध्या गयी थीं तो उन्होंने सरयू में स्नान करके हनुमान गढ़ी और श्रीराम जन्मभूमि का दर्शन किया था। तब उन्होंने रामलला को टेंट में देखकर बहुत आहत हुई थीं। अयोध्या से लौटने के बाद उन्होंने श्रीराम मंदिर निर्माण के समर्थन के लिए देशभर के मुसलमानों से बात की। हजारों की संख्या में मुस्लिम महिलाओं ने नाज़नीन के कहने पर राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा भी दिया।
आज सभी भारतीयों का सपना पूरा हो रहा है। रामपंथ से जुड़कर मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी और विशाल भारत संस्थान की राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ० नजमा परवीन राम परिवार भक्ति आन्दोलन चला रही हैं ताकि परिवार और समाज को बचाया जा सके। दोनों सामाजिक कार्यकर्त्ता हैं और रामसेतु अभियान के माध्यम से हिन्दू और मुसलमानों के दिलों को जोड़ने का प्रयास कर रही है।
नाज़नीन अंसारी और डॉ० नजमा परवीन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान के बाद कि सभी लोग 22 जनवरी को रामज्योति जलाए तो अयोध्या से रामज्योति लाने का फैसला किया। इसके लिये रामपंथ की ओर से रामज्योति यात्रा का आयोजन किया गया। रामज्योति यात्रा लमही के सुभाष भवन से अयोध्या के लिए निकली।
यात्रा को मुख्य अतिथि पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर महंत बालक दास जी महाराज ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यात्रा दल में नाजनीन अंसारी, डॉ० नजमा परवीन, ताजीम भारतवंशी, रोजा भारतवंशी, अफरोज खान शामिल हैं। नाजनीन अंसारी के नेतृत्व में निकली रामज्योति यात्रा जौनपुर, अकबरपुर होते हुए अयोध्या पहुंचेगी, जहाँ साकेत भूषण श्रीराम मंदिर के पीठाधीश्वर महंत शम्भू देवाचार्य रामज्योति सौपेंगे। श्रीराम मंदिर और हनुमान गढ़ी में दर्शन के बाद नाजनीन अंसारी रामज्योति लेकर रविवार को वापस सुभाष भवन पहुचेंगी, जहाँ पूर्वांचल के सैकड़ों मुसलमान उनके स्वागत के लिए जुटेंगे। रामज्योति यात्रा की अगवानी विशाल भारत संस्थान के जौनपुर जिला चेयरमैन नौशाद अहमद दूबे ने चन्दवक से किया। यात्रा का स्वागत जगह–जगह पर किया गया और मुसलमानों ने जय सियाराम के नारे भी लगाए।
इस अवसर पर मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी ने कहा कि भगवान श्रीराम सबके पूर्वज हैं। 500 सालों बाद उनका मन्दिर बन रहा है तो हम सबको खुशी है और हम खुलकर खुशी जाहिर करेंगे। नफरत के अंधकार ने हमारे पूर्वजों का चेहरा ढक दिया था। अब रामज्योति में सबका चेहरा साफ दिख रहा है। दिख रहा है कि हम भारतीय भूखण्ड के रहने वाले हैं और हमारे पूर्वज भगवान श्रीराम हैं। धर्म बदल सकते हैं लेकिन अपनी संस्कृति, अपनी परम्पराएं और अपने पूर्वज कभी नहीं बदल सकते। हिंसा, नफरत और आतंकवाद पर रामज्योति भारी है। आज भारतीयों की खुशी में हर मुसलमान को शामिल होना चाहिए। बाबर हिन्दुस्तान का दुश्मन था और दुश्मनों से हमारी रिश्तेदारी नहीं हो सकती। दुनियां के देश यदि भगवान राम के रास्ते पर चलें तो शांति और मानवीय संवेदना के साथ त्याग की भावना उनके देश में आएगी और विश्व शांति की ओर बढ़ेगा। यह राम मंदिर नहीं दुनियां के लिए निराशा में आशा की किरण और एक उम्मीद है। दुनियां को समाज और परिवार बचाने के लिए एक रास्ता मिलेगा।
रामपंथ के पंथाचार्य डॉ० राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि मुस्लिम बहनों का यह प्रयास हिन्दुओं और मुसलमानों के बीच एक भावनात्मक रिश्ते को जन्म देगी, जिससे मुसलमानों को अपने पूर्वजों और परम्पराओं से जुड़ने का मौका मिलेगा। रामज्योति केवल घरों को प्रकाशित नहीं करेगी बल्कि आत्मा को भी प्रकाशमान बनाएगी और रिश्तों की नई परम्परा शुरू होगी। मुस्लिम समाज के इस खुशी में शामिल होने से एकता और भाईचारे को बल मिलेगा।
महंत बालक दास जी महाराज ने कहा कि रामज्योति यात्रा हिन्दू और मुसलमानों के बीच सामंजस्य स्थापित करने वाली है। राम पूरे ब्रह्माण्ड के हैं। उनके नाम पर कोई भेद नहीं हो सकता। मुसलमान इस खुशी में शामिल हो रहे हैं, इससे भाईचारा और मजबूत होगा। अगर तुलसी के राम हैं तो कबीर के भी राम हैं। रामभक्ति के लिये मुस्लिम बेटियों का यह प्रयास इतिहास रचने वाला है।
मोदी पर शोध करने वाली डॉ० नजमा परवीन ने कहा कि भगवान राम के रास्ते पर चलना अब जरूरी हो गया है। हम अपने पूर्वजों और उनके दिए गए संस्कारों को न भूले नहीं तो जड़ से अलग हो जाएंगे और हमारी पहचान पर संकट आ जायेगा। हमारी रामभक्ति स्वाभाविक है। हम तो अपने पूर्वज के मंदिर बनने से खुश है और रामज्योति मुसलमानों को देंगे ताकि वो भी दीप जलाकर खुशी में शामिल हो सके।
यात्रा रवाना करने वालों में डॉ० अर्चना भारतवंशी, आभा भारतवंशी, डॉ० मृदुला जायसवाल, ज्ञान प्रकाश जी, सौरभ पाण्डेय, आत्म प्रकाश सिंह, खुशी रमन भारतवंशी, उजाला भारतवंशी, इली भारतवंशी, दक्षिता भारतवंशी ने सहयोग किया।