देश की सबसे छोटी “कोंच-एट शटल” ट्रेन में 120 साल बाद लगेगा मेमू का रैक

अंग्रेजी शासन के दौरान बुन्देलखंड में वर्ष 1904 मे चलाई गयी थी यह ट्रेन

 

अंग्रेजी शासन के दौरान वर्ष 1904 में जालौन जिले के कोंच-एट के बीच सिर्फ 12.68 किलोमीटर चलने वाली देश की सबसे छोटी रेलवे लाइन कोंच- एट शटल ट्रेन एक नया इतिहास रचने जा रही है। आजादी के 76 साल बाद अब इस ट्रेन का विस्तार किया जा रहा है। इस ट्रेन में अभी तक इंजन के अलावा सिर्फ दो कोच लगते थे। अब तीन कोच की इस शटल मे मेमू का रैक लगने जा रहा है।
कोंच से एट के बीच चलने वाली देश की सबसे छोटी ट्रेन और इस रेल लाइन को वर्ष 1997 में घाटे के चलते रेल प्रशासन ने बंद करने का निर्णय लिया था।इसके स्थान पर रेल बस चलाने की बात कही थी। रेलवे ने रेल बस को एट से कोंच भेजा भी था। जैसे ही लोगों को पता चला कि शटल के स्थान पर रेल बस का संचालन किया जा रहा है,लोग भडक गये। यहां के तत्कालीन विधायक दयाशंकर वर्मा और पियाशरण नगाइच आदि हजारों क्षेत्रीय लोग विरोध पर उतर आये। हालात यह बन गए कि रेल बस को बिना यात्रियों के वापस लौटना पड़ा था। इस आंदोलन के बाद शटल और रेल बस सेवा दोनो बंद हो गई थी। इससे लोगों को खासी दिक्कत होने लगी। इस पर जालौन जिले के शेखपुर निवासी और मिर्जापुर की सांसद रही बैंडिट क्वीन के नाम से मशहूर फूलन देवी ने इस मामले को तत्कालीन रेलमंत्री रामविलास पासवान के सामने प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद इस शटल ट्रेन को फिर से शुरू कर दिया गया था।
उरई के स्टेशन अधीक्षक एस के खरे बताते है कि यह सबसे छोटी शटल सेवा है। “कौन बनेगा करोड़पति” में भी इस शटल सेवा के बारे मे एक प्रतिभागी से सवाल पूछा गया था। उन्होंने बताया कि केबीसी में इस सवाल के पूछने के बाद मुंबई से कुछ लोगों की टीम भी आई थी।उन्होंने इसका यहां का वीडियोशूट भी किया था।
उन्होने बताया कि बुधवार से कोंच-एट शटल ने “सरसोकी” स्टेशन तक जाना शुरू कर दिया है। ट्रेन से एट, भुआ, उरई,और सरसोकी आने जाने वाले यात्रियों को ही अभी इसका लाभ मिल सकेगा।
स्टेशन मास्टर आरके तिवारी ने बताया कि कोंच से उरई दस रुपये,और सरसोकी तक का किराया 15 रुपए देने होंगे। इस शटल से अब सबसे अधिक यात्री कोंच और उरई के निकलेंगे। इनके लिए सबसे बड़ा फायदा किराया का होगा। जबकि बस से कोंच से उरई जाने वाले यात्रियों को 40 रुपया किराया देना पड़ता है।

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