तीस्ता नदी पर भारत-बांग्लादेश के बीच किसी भी तरह के समझौते का विरोध करेगा बंगाल: ममता
अशोक झा, कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा कि उनका राज्य तीस्ता नदी पर भारत-बांग्लादेश के बीच किसी भी तरह के समझौते का विरोध करेगा, क्योंकि तीस्ता जल बंटवारे का मतलब होगा ‘उत्तरी बंगाल को पानी से वंचित करना। विधानसभा को संबोधित करते हुए तीस्ता जल संधि का विरोध करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, ‘मेरी सरकार तीस्ता नदी के पानी के बंटवारे पर भारत और बांग्लादेश के बीच किसी भी समझौते का विरोध करेगी, क्योंकि तीस्ता के पानी को बांटने से बंगाल को पानी नहीं मिलेगा।’
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की नई दिल्ली यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रस्ताव दिया था कि भारत पड़ोसी देश को सीमा पार नदी के संरक्षण और प्रबंधन में मदद करेगा। यह प्रस्ताव बांग्लादेश के साथ भारत की जल कूटनीति का हिस्सा है, जो 2011 से तीस्ता जल बंटवारे पर समझौते का इंतजार कर रहा है, जब ममता ने इस पर अड़ंगा लगा दिया था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा, “वे बंगाल को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। हम इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे। हम इसका विरोध करेंगे, बंगाल के लोग इसका विरोध करेंगे। मैं बंगाल के लोगों द्वारा चुनी गई हूं; राज्य की देखभाल करना मेरा दायित्व है। उन्होंने आगे कहा, “यह शर्मनाक है, मैं उत्तर बंगाल विभाजन के प्रस्ताव की निंदा करती हूं। भाजपा विधायकों में वास्तव में स्थिति की वास्तविकता का सामना करने की हिम्मत नहीं है, वे हमेशा वॉकआउट करते हैं और राज्य के साथ राजनीति करते हैं। उन्हें मीडिया से मतलब है और कुछ नहीं।” यह बयान भाजपा के पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर उत्तर बंगाल को पूर्वोत्तर भारत में शामिल करने की मांग के बाद आया है।।भाजपा के निशिकांत दुबे के मालदा और मुर्शिदाबाद को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने के बयान पर निशाना साधते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि, “भाजपा बंगाल को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। जीतने के बाद वे बंगाल को बांटने की बात कर रहे हैं। कोई कह रहा है कि उत्तर बंगाल को पश्चिम बंगाल से अलग कर दो, तो कोई कह रहा है कि मालदा और मुर्शिदाबाद को केंद्र शासित प्रदेश बना दो।