पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस को दिखाया आईना

कहा, मेरे पिता के लिए तो शोकसभा करने की भी जरूरत नहीं समझा पार्टी नेताओं ने

अशोक झा, नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के उस प्रस्ताव की आलोचना की है, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के​ लिए दिल्ली में एक अलग स्मारक बनाने की मांग की गई है। बता दें कि खड़गे की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पूर्व प्रधानमंत्री के स्मारक के लिए दिल्ली में जमीन आवंटित करने की मांग की गई है। कांग्रेस का कहना है कि डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार वाली जगह पर ही उनका स्मारक बनना चाहिए।डॉ. मनमोहन सिंह का उम्र संबंधी बीमारियों के कारण 26 दिसंबर, 2024 की रात दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया वह 92 वर्ष के थे। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने एक्स पर एक बयान में दावा किया कि जब अगस्त 2020 में उनके पिता और पूर्व भारतीय राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मृत्यु हुई थी, तो कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस कार्य समिति (CWC) द्वारा शोक सभा बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई। शर्मिष्ठा ने उस दौरान कांग्रेस नेतृत्व पर इस मुद्दे पर उन्हें गुमराह करने का भी आरोप लगाया।उनके मुताबिक, कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने तब उनसे कहा था कि भारत के राष्ट्रपतियों के निधन पर पार्टी की कार्य समिति द्वारा शोक सभा बुलाने की परम्परा नहीं रही है।शर्मिष्ठा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस नेतृत्व ने उनके पिता के निधन के बाद कोई संवेदना बैठक तक नहीं बुलाई थी।शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि अगस्त 2020 में उनके पिता के निधन पर कांग्रेस कार्यसमिति ने कोई शोक सभा नहीं की. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने उन्हें बताया था कि भारतीय राष्ट्रपति के लिए ऐसी बैठकें आयोजित नहीं होतीं जिसे उन्होंने “बेहद बेतुका” बताया।कांग्रेस के रवैये को लेकर प्रणब मुखर्जी की बेटी ने जताई नाराजगी: शर्मिष्ठा ने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने अपने पिता की डायरी से यह जाना कि पूर्व राष्ट्रपति के.आर. नारायणन के निधन पर कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई गई थी और शोक संदेश का ड्राफ्ट भी उनके पिता प्रणब मुखर्जी ने तैयार किया था। उन्होंने कांग्रेस के इस रवैये को लेकर गहरी नाराजगी जाहिर की।शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस नेता के इस तर्क को पूरी तरह से बकवास बताते हुए यह भी दावा किया कि उन्हें अपने पिता की डायरियों से पता चला है कि एक और पूर्व भारतीय राष्ट्रपति के.आर नारायणन के निधन पर सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई गई थी और शोक संदेश का मसौदा किसी और ने नहीं बल्कि खुद उनके पिता प्रणब मुखर्जी ने तैयार किया था।शर्मिष्ठा मुखर्जी ने पूर्व कांग्रेस नेता सी.आर. केसवन की एक अन्य पोस्ट का हवाला दिया है, जिसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया था कि कैसे कांग्रेस ने पार्टी के अन्य राजनेताओं की सिर्फ इसलिए उपेक्षा की क्योंकि वे ‘गांधी’ परिवार के सदस्य नहीं थे। शर्मिष्ठा ने इस मुद्दे पर, 2004 से 2009 तक डॉ. मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार और फाइनेंशियल एक्सप्रेस के पूर्व प्रधान संपादक डॉ. संजय बारू द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ के एक अध्याय का संदर्भ दिया। बारू ने अपनी किताब में उल्लेख किया है कि कैसे कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव के लिए दिल्ली में कभी कोई स्मारक नहीं बनाया, जिनका 2004 में निधन हुआ था।संजय बारू की किताब में यह भी बताया गया है कि 2004 से 2014 तक सत्ता में रहने के बावजूद कांग्रेस ने कभी पी.वी. नरसिम्हा राव के लिए राष्ट्रीय राजधानी में स्मारक बनाने की पहल नहीं की।बारू ने अपनी किताब में यह भी दावा किया था कि कांग्रेस यह भी नहीं चाहती थी कि राव का अंतिम संस्कार उनके पैतृक स्थान हैदराबाद की जगह, नई दिल्ली में हो।

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