दिलीप बर्मन को लेकर तृणमूल कांग्रेस सिलीगुड़ी में बढ़ी गुटबाजी
पार्टी नेताओं की मांग हो रहा पार्टी का नुकसान, कोलकोता जल्द करें इसका समाधान

– गिरफ्तारी की लागतार बढ़ती मांग को लेकर पुलिस भी पशोपेश में
– पार्टी से ज्यादा चलाने वाले एनजीओ “उत्तर का अभियान” को देते है बर्मन महत्व
– रेगुलेटेड मार्केट पर करना चाहते है कब्जा, उगाही का बनता जा रहा सबसे बड़ा अड्डा
अशोक झा, सिलीगुड़ी : कहते है कि टोकरी में एक खराब आम पूरे टोकरी के आम को बर्बाद कर देता है। उसी प्रकार यह बात संगठन पर भी लागू होता है। संगठन या पार्टी के अंदर खाने कोई बागी या विभीषण निकल जाए तो उसका सर्वनाश निश्चित है। कुछ ऐसा ही इन दिनों तृणमूल कांग्रेस दार्जिलिंग जिला में देखा जा रहा है। इन दिनों पार्टी के अंदर बगावत ओर गुटबाजी चरम पर है। इसके नायक बने है वार्ड 46 के पार्षद सह नगर निगम में मेयर प्रसाद दिलीप बर्मन। वह लगातार वार्ड 46 के अंदर आने वाले पूर्वोत्तर के सबसे बड़े फल सब्जी मंडी रेगुलेटेड मार्केट में अपना वर्चस्व चाहते है। इसको लेकर 2023 में प्रधाननगर थाने में टीएमसी श्रमिक संगठन की ओर से दिलीप बर्मन और उमाशंकर यादव के खिलाफ लिखित शिकायत की गई थी कि इन दोनों का रेगुलेटेड मार्केट और संगठन के किसी झंडा बैनर पर किसी प्रकार के प्रयोग का अधिकार नहीं है। उसके बाबजूद जिस प्रकार वह नगर निगम में अपनी धमक बनाए हुए है। दिलीप बर्मन और विवाद एक सिक्का के दो पहलू बताए जाते है। लोगों के बीच अपनी लोकप्रियता के लिए वह पार्टी लाइन से हटकर उत्तर बंगाल प्रभारी अरूप विश्वास,
मेयर गौतम देव और जिलाध्यक्ष पापिया घोष के खिलाफ भी बगावती सुर अलापने से गुरेज नहीं करते है। उसके खिलाफ कोई कारवाई नहीं होने से पार्टी के अन्य नेताओं और पार्टी समर्थकों में उसके पीछे कोलकोता के किसी बड़े नेता का आशीर्वाद प्राप्त होने की बात कही जा रही है। हद तो यह है कि बर्मन का कहना है कि उनकी पहचान उनके द्वारा चलाए जाने वाले एनजीओ उत्तर का अभियान के कारण है। मेयर और जिलाध्यक्ष को उनके कारण कई बार जिला कमेटी की बैठक में सवालों के घेरे में आना पड़ा है। मीडिया के सामने सार्वजनिक अपमान सा बोध हुआ है। बर्मन इन दिनों टीएमसी के श्रमिक संगठन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वह आईएनटीयूसीसी के जिला अध्यक्ष निर्णय राय उर्फ पोचा के खिलाफ बगावत कर दिया है। श्रमिक संगठन नेताओं का समर्थन करने वाली पुलिस भी उनके निशाने पर है। पिछले दो दिनों में रेगुलेटेड मार्केट में श्रमिक नियुक्ति को लेकर आंदोलन, मारपीट और एफआईआर के बाद पार्टी नेता कोलकोता से इस गंभीर समस्या का समाधान चाहते है? लगातार गिरफ्तारी की उठती मांग को लेकर पुलिस भी पशोपेश में है। रेगुलेटेड मार्केट में श्रमिकों के नेता श्याम यादव और उमा शंकर यादव है। जो दो अलग अलग गुट के रूप में काम कर रहा है। 2023 में श्रमिक संगठन से निष्कासित किए गए उमा यादव को दिलीप बर्मन समर्थन कर बाजार का कब्जा की कोशिश में है।वह बार बार मार्केट बंद करने की बात करते है। रेगुलेटेड मार्केट में श्रमिक और व्यवसाई ज्यादातर हिंदी भाषी है। 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव में इनकी नाराजगी टीएमसी के लिए जीत के रास्ता में बड़ा रोड़ा साबित हो सकता है। दो दिनों से चल रहे विवाद को लेकर मेयर गौतम देव ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में कोलकोता को जानकारी दी है। पार्टी के निर्देश पर कोई निर्णय लिया जाएगा। दिलीप बर्मन का कहना है कि वह सभी नेताओं के पर्दे के पीछे के खेल को जानते है इसलिए वह उन्हें बदनाम कर रहे है। पुलिस की भूमिका जनता के सामने अच्छी नहीं है तो उसका विरोध जरूर होगा। दिलीप बर्मन को लेकर पार्टी नेताओं और समर्थकों में बड़ा आक्रोश है इसका निपटारा नहीं हुआ तो यह किसी दिन बड़े संघर्ष के रूप अख्तियार करेगा।