शोभायात्रा में योगी ने खेली फूलों की होली

 

 

-होलिका दहन शोभायात्रा में योगी को देखने-सुनने उमड़ी भीड़

गोरखपुर:
मुख्यमंत्री व गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने रविवार की शाम होलिका दहन शोभायात्रा में शामिल होकर फूलों की होली खेली। उन्होंने शोभायात्रा में भक्त प्रह्लाद की आरती उतारी और जनसमूह को संबोधित भी किया। शोभायात्रा में योगी को सुनने-देखने के लिए भारी जनसमूह उमड़ पड़ा था। अब 26 मार्च को योगी, रंगोत्सव पर भगवान नृसिंह की शोभायात्रा का नेतृत्व करते हुए होली खेलेंगे।
परंपरा के अनुसार मुख्यमंत्री व गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ पाण्डेयहाता पहुंचे। वहां होलिका दहन उत्सव समिति की ओर से आयोजित होलिका दहन शोभायात्रा में वह शरीक हुए। गोरखपुर की परंपरा है कि होलिका दहन शोभायात्रा व रंगोत्सव की शोभायात्रा गोरक्षपीठाधीश्वर ही नेतृत्व करते हैं। शोभायात्रा में पहुंचे मुख्यमंत्री ने पहले वहां सजाए गए रथ पर अवस्थित भक्त प्रहलाद की आरती उतारी। बाद में उपस्थित लोगों के साथ फूलों की होली खेली। योगी संग फूलों की होली खेलने वालों का उत्साह देखने लायक था।

अन्याय होगा तो उसका दहन भी होना तय

होलिका दहन शोभायात्रा में जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बुराई की प्रतीक होलिका के दहन से यह संदेश भी मिलता है कि जब भी अन्याय होगा, पक्षपात होगा तो उसका दहन भी होना तय है। होलिका का दहन और हिरण्यकश्यप का वध उसी परम्परा का हिस्सा है जिसमें हम प्रतिवर्ष अन्यायी रावण का पुतला भी जलाते हैं। सकल सनातनी हजारों वर्षों की अपनी इस विरासत को उत्साह और उमंग से मनाते हैं। मुख्यमंत्री ने होलिका दहन और होली को लेकर लोगों से यह अपील भी की कहीं ऐसा कोई कृत्य नहीं होना चाहिए जिससे उत्साह, उमंग बाधित हो। कहीं कोई टकराहट नहीं होनी चाहिए।

पर्व-त्योहार सौहार्द, शांति और समता के प्रतीक

गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने सभी नागरिकों को होली की मंगलमय शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारे पर्व एवं त्योहार सौहार्द, शांति और समता के प्रतीक होने चाहिए। कहीं कोई भेदभाव न हो, सभी एकजुट रहें। यही होली का भी संदेश है। शक्तिशाली समाज और समर्थ राष्ट्र के लिए आवश्यक है कि समाज में किसी भी प्रकार का भेदभाव न रहे, सबके बीच मतभेद समाप्त हो। उन्होंने कहा कि जब हम एकजुटता की भावना से देश हित के लिए सक्रिय होते हैं तो पर्व-त्योहारों के उमंग और उत्साह का लाभ अनंत काल के लिए प्राप्त होता है। मुख्यमंत्री ने होलिका दहन और होली को सत्य, न्याय व धर्म की विजय के उल्लास का पर्व बताते हुए कहा कि जहां भक्ति होती है वहां स्वतः शक्ति आ जाती है। भक्ति और शक्ति का यह समन्वय होलिका दहन के रूप में देखने को मिलता है।

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