बंगाल में पांच केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल कर्मियों समेत आठ गिरफ्तार
आयकर अधिकारी बनकर एक घर में डाला था डाका, संपति विवाद का है मामला

अशोक झा, कोलकाता: केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल यानी कि CISF ने पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए अपने 5 कर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने गरुवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आंतरिक जांच भी शुरू कर दी गई है। इनकम टैक्स ऑफिसर बनकर कोलकाता की एक महिला के घर में लूटपाट करने के आरोप में पश्चिम बंगाल पुलिस ने CISF के 5 कर्मियों और 3 अन्य को गिरफ्तार किया था। कोलकाता पुलिस के मुताबिक, 18 मार्च की सुबह एक गिरोह ने कथित रूप से आयकर अधिकारी बनकर चिनार पार्क इलाके में अपनी बेटी के साथ रहने वाली विनीता सिंह के घर पर छापा मारा था।परिवार के सदस्यों में यूं पैदा हुआ शक: रिपोर्ट्स के मुताबिक, गिरफ्तार CISF कर्मियों में एक इंस्पेक्टर, एक हेड कॉन्स्टेबल और 3 कॉन्स्टेबल शामिल हैं, जिनमें से एक महिला कर्मी है। CISF के एक अधिकारी ने बताया कि बल के एक सीनियर अफसर को घटना की आंतरिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं। विनीता की शिकायत के मुताबिक, लुटेरे 3 लाख रुपये कैश, 25 लाख रुपये के गहने और CCTV कैमरों से जुड़ा एक डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर यानी कि DVR लूट ले गए। जब उन्हें जब्ती सूची नहीं दी गई तो परिवार के सदस्यों में संदेह पैदा हो गया, जिसके बाद उन्होंने बागुइहाटी थाने में शिकायत दर्ज कराई गई। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने जांच शुरू की जिसके बाद संदिग्धों की गिरफ्तारी हुई। सामने आया संपत्ति विवाद का एंगल: इस मामले में शुरू में कोलकाता से 2 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया और फिर मुर्शिदाबाद जिले के फरक्का से CISF कर्मियों को गिरफ्तार किया गया। जांच से पता लगा कि विनीता सिंह के पिता की मृत्यु के बाद उनका अपनी सौतेली मां आरती सिंह के साथ संपत्ति विवाद था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार किए गए CISF के इंस्पेक्टर के साथ आरती के कथित तौर पर संबंध थे और उसने डकैती का प्लान बनाने के लिए उससे संपर्क किया था। चोरी की गई वस्तुओं को कथित तौर पर आरती और षड्यंत्रकारियों के बीच बांटा जाना था। अधिकारियों ने बताया कि आरती सिंह को भी अरेस्ट कर लिया गया है।