फिर टीएमसी मंत्री के निशाने पर हिंदी भाषी , बढ़ सकता है विवाद

आशंका जताई कि रामनवमी के मौके पर बाहरी लोग बंगाल में बिगाड़ सकते है माहौल

 

अशोक झा, सिलीगुड़ी: बंगाल सरकार में मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने अप्रत्यक्ष रूप से हिंदी भाषियों को निशाना बनाकर विवादित बयान दिया है।ममता बनर्जी के विशेष आशीर्वाद और गलतियों के बाद भी कुछ नहीं सजा देने वाले मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम अक्सर जोश में होश खोकर बेलगाम कुछ भी बोल जाते हैं. कुछ ऐसा एक बार फिर हुआ है. जिसके बयान के बाद टीएमसी पार्टी उनके बयानों के बचाव में उतर आई है. वैसे भी विवादित बयानों से फिरहाद हकीम का शुरू से चोली दामन का रिश्ता रहा है। इनके बयानों को लेकर विरोध व हंगामा के अतिरिक्त इनके विरूद्ध कभी भी किसी भी तरह की अदालती, प्रशासनिक या दलीय कोई कार्रवाई हुई ही नहीं. लिहाजा इनके बिवादित बयान लगातार आते रहे है। उन्होंने आरोप लगाया कि दूसरे राज्यों से आकर बंगाल में रह रहे लोग रामनवमी के दिन अशांति फैला सकते हैं। उनके इस बयान को हिंदी भाषी समुदाय के खिलाफ भड़काऊ बयान के रूप में देखा जा रहा है। फिरहाद हकीम ने कहा कि बंगाल में विभिन्न राज्यों के लोग रहते हैं, लेकिन उनमें से कुछ लोग गड़बड़ी करने की कोशिश करते हैं। उन्होंने आशंका जताई कि रामनवमी के मौके पर बाहरी लोग बंगाल में माहौल बिगाड़ सकते हैं। उनके इस बयान से राज्य की राजनीति गरमा गई है।उल्लेखनीय है कि भाजपा इस बार रामनवमी पर पूरे राज्य में शक्ति प्रदर्शन करने की योजना बना रही है। भाजपा नेता दिलीप घोष और शुभेंदु अधिकारी पहले ही साफ कर चुके हैं कि रामनवमी पर हथियारों के साथ जुलूस निकाला जाएगा। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए हकीम ने कहा, रामनवमी पर कुछ नहीं होगा। हम बंगाल के लोग रामकृष्ण परमहंस की विचारधारा को मानते हैं। यहां सांप्रदायिक राजनीति नहीं चलती। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जब तक वे धर्म की राजनीति करेंगे, तब तक बंगाल में उनका कोई स्थान नहीं होगा। इस बीच, आरएसएस ने हथियारों के साथ रामनवमी जुलूस पर कहा कि यह परंपरा का हिस्सा है और पुलिस-प्रशासन जो भी निर्णय लेगा, वही अंतिम होगा। वहीं, शुभेंदु अधिकारी ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग कर दी है।

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