गोपाल खेमका हत्याकांड: 100 करोड़ के उद्योगपति की 10 लाख की सुपारी देकर कराई गई हत्या
बिहार के उद्योगपति और कारोबारी चाहते है यूपी के तर्ज पर हो अपराधियों का इनकाउंटर

अशोक झा/ पटना: बिहार की राजधानी पटना में 4 जुलाई की रात एक सनसनीखेज घटना ने पूरे बिहार बंगाल प्रदेश को हिलाकर रख दिया। क्योंकि यहां बिजनेसमैन गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या कर दी गई। रात 11:38 बजे जैसे ही वो अपनी गाड़ी से नीचे उतरे। वैसे ही घात लगाए बैठे शूटर ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। बिहार की राजधानी पटना के चर्चित व्यवसायी गोपाल खेमका हत्याकांड को लेकर विपक्ष सरकार को ही घेरने की तैयारी कर ली थी। लेकिन एक का इनकाउंटर और दूसरे की गिरफ्तारी ने विपक्ष के पूरे मंसूबे पर पानी फेर दिया है। हालांकि कुछ भी है जिस प्रकार इतने बड़े उद्योग पति की हत्या की है उससे बिहार में कुछ भय का माहौल तो है। अब देखना है कि डीजीपी और मुख्यमंत्री क्या योगी के तर्ज पर अपराधियों को जहन्नुम का टिकट कटाते रहेंगे या फिर यह सिलसिला यूं ही कुछ दिनों बाद बंद हो जाएगा। इस हत्या मामले में पुलिस ने खुलासा किया है कि प्लानिंग डेढ़ महीने पहले की गई थी। पुलिस ने दावा किया है कि ये जमीन विवाद से जुड़ा मामला है। दोनों पक्षों में जमीन को लेकर पहले से झगड़ा चल रहा था। मंगलवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पुलिस ने एक ऑडियो क्लिप भी सुनाई, जिसमें गोपाल खेमका और अशोक साव के बीच तेज बहस और गाली-गलौज होती सुनी गई। हालांकि अभी यह जांच जारी है कि किस जमीन को लेकर विवाद हुआ था। इसके अलावा पुलिस ने बताया कि अशोक साव का नाम पहले भी कई आपराधिक मामलों में आ चुका है। बिहार शरीफ में भी उनके खिलाफ कई केस दर्ज हैं और वह मनोज कमलिया और संतोष हत्याकांड में भी संदेह के घेरे में रहे हैं। पुलिस मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर डीजीपी विनय कुमार ने घटनाक्रम के बारे में विस्तार से बताया कि जमीन विवाद को लेकर अशोक साव से उनकी लंबे समय से अनबन चल रही थी। दो महीने पहले ही हत्या की साजिश रची गई थी। सीसीटीवी फुटेज से पुलिस को अहम सुराग मिले, जिसमें शूटर और बाइक की पहचान हुई। इसके बाद आरोपी की गिरफ्तारी हुई। विनय कुमार ने बताया कि पूछताछ में खुलासा हुआ कि अशोक साव ने ही शूटर को सुपारी दी थी और इसके पुख्ता सबूत मिले हैं। अशोक साव के घर से जमीन से जुड़े भारी मात्रा में जमीन के दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। पिस्टल और मैगजीन भी जब्त की गई है। उसे जानकारी थी कि गोपाल खेमका रोज रात 8 बजे बांकीपुर क्लब जाते और 11 बजे लौटते हैं। डीजीपी ने बताया कि घटनास्थल से जो सूत्र प्राप्त हुए थे, कैमरे से जो तस्वीर आई थी, शूटर था जो हुलिया मिला था, इन सभी के आधार पर पूरे शहर के सीसीटीवी कैमरे चेक किए गए। साक्ष्य संग्रह किया गया, मोटरसाइकिल की पहचान की गई। उसके धारक की पहचान की गई। इसके बाद बाईक मालिक की गिरफ्तारी की गई।बाइक मालिक से पूछताछ के बाद पुलिस की जांच आगे बढ़ी। विनय कुमार ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मुख्य शूटर उमेश यादव को गिरफ्तार किया गया है। उमेश साव ने पूछताछ में अपना जुर्म कबूल कर लिया है। पुलिस ने उमेश यादव के घर से 59 जिंदा कारतूस (गोलियां) भी बरामद किए हैं। उसे अग्रिम में 50,000 रुपये दिए गए थे और पूरी डील 4 लाख रुपये में तय हुई थी। उमेश को इस बात की पूरी जानकारी थी कि गोपाल खेमका हर दिन अकेले बांकीपुर क्लब जाते हैं और फिर घर लौटते हैं। इसी रूटीन के मुताबिक उसने हमला किया। आरोपी अशोक साव के घर से पुलिस को कई जमीन के कागजात, हथियार और करीब 6 लाख रुपये नकद मिले हैं। हत्या के बाद वह आम नागरिक की तरह व्यवहार कर रहा था, ताकि शक की कोई गुंजाइश न बचे। गिरफ्तारी के बाद पुलिस पूछताछ में उमेश ने बताया कि हत्या के बाद ही उसने अपने बच्चों के स्कूल में फीस जमा कराई। सुपारी के पैसे का इस्तेमाल घरेलू खर्चों में: हत्या की सुपारी के तौर पर उमेश को 50 हजार रुपये एडवांस और बाद में कुल 4 लाख रुपये देने की डील हुई थी। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि मिले हुए पैसों का एक हिस्सा बच्चों की फीस, घर के खर्च और बाइक की मरम्मत में खर्च किया गया। पुलिस को उसके घर से कुछ रकम नकद और हथियार बरामद हुए। CCTV से आरोपी तक पहुंची पुलिस: DGP ने बताया कि घटना के बाद पूरे शहर के CCTV फुटेज को खंगाला गया। आरोपी की पहचान कपड़ों और बाइक के जरिए की गई। जिस इलाके में आरोपी आखिरी बार कैमरे में दिखा, वहां से उसके घर तक का पूरा रूट ट्रेस किया गया। पुलिस जब उमेश यादव के घर पहुंची तो घटना के समय पहने गए कपड़े, जूते और हत्या में इस्तेमाल किया गया हथियार वहीं से बरामद हुआ। उमेश को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया।राजा ने किया हत्या करने इनकार तो खुद कर दिया मर्डर: पूछताछ के दौरान शूटर उमेश यादव ने खुलासा किया कि बिल्डर अशोक साव ने गोपाल खेमका की हत्या के लिए उसे सुपारी दी थी। दोनों की मुलाकात नालंदा में एक शादी समारोह में हुई थी, जहां से संबंध शुरू हुआ। उमेश ने अपने ही इलाके के शूटर विकास उर्फ राजा को हत्या करने को कहा। लेकिन उसने ज्यादा पैसों की डिमांड कर दी। जिसके बाद उमेश ने ही हत्या कर दी।
अब सख्त कार्रवाई की तैयारी:अब पुलिस इस केस को कोर्ट में मजबूत तरीके से पेश करने की तैयारी में है।उमेश की गिरफ्तारी और उससे जुड़ी आर्थिक गतिविधियों की पूरी पड़ताल की जा रही है। इस बात की भी जांच हो रही है कि क्या हत्या के पैसे से सिर्फ स्कूल फीस ही भरी गई या और भी लेन-देन हुए है। उद्योगपति गोपाल खेमका मर्डर केस का बिहार पुलिस ने उद्भेदन कर दिया है। बिहार पुलिस की ओर से बताया गया कि जमीन विवाद के कारण गोपाल खेमका की हत्या की गई। इस केस का मास्टरमाइंड अशोक साव था।बिहार की राजधानी पटना में कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए हथियार सप्लायर विकास उर्फ राजा को मुठभेड़ में मार गिराया। मंगलवार, 8 जुलाई तड़के मालसलामी थाना क्षेत्र के दमरिया घाट के पास हुई इस मुठभेड़ में विकास ने पुलिस पर गोली चलाई, जिसके जवाब में पुलिस ने उसे ढेर कर दिया। घटनास्थल से एक पिस्तौल और कारतूस बरामद किए गए। विकास के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए नालंदा मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। इस बीच, विकास की मां ने रोते हुए सवाल उठाया, ‘मेरा बेटा चेन्नई में काम करता था, उसने क्या गलत किया?’विकास का क्या था कनेक्शन? पुलिस के अनुसार, विकास उर्फ राजा ने गोपाल खेमका की हत्या में इस्तेमाल हथियार शूटर उमेश यादव को मुहैया कराया था। उमेश की निशानदेही पर पुलिस ने विकास को पकड़ने के लिए मालसलामी इलाके में छापेमारी की थी। विकास पहले भी हत्या, डकैती और अवैध हथियार सप्लाई जैसे मामलों में शामिल रहा था।
हत्याकांड का मास्टरमाइंड और शूटर गिरफ्तार: पटना पुलिस ने इस हत्याकांड में मुख्य शूटर उमेश यादव उर्फ विजय और मास्टरमाइंड अशोक साह को भी गिरफ्तार कर लिया है। अशोक साह, जो पहले सरिया का कारोबार करता था और अब बिल्डर है, ने 10 लाख रुपये की सुपारी देकर गोपाल खेमका की हत्या कराई थी। उमेश को इसमें से 1 लाख रुपये एडवांस में मिले थे। पुलिस ने उमेश के पास से हत्या में इस्तेमाल बाइक, पिस्तौल, 80 कारतूस, दो मोबाइल और 3 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं। कैसे हुई गोपाल खेमका की हत्या?4 जुलाई 2025 की रात 11:40 बजे गोपाल खेमका की उनके गांधी मैदान स्थित अपार्टमेंट के गेट पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सीसीटीवी फुटेज में दिखा कि हेलमेट पहने शूटर ने महज 6 सेकंड में वारदात को अंजाम देकर स्कूटी से फरार हो गया। हत्या के पीछे जमीन विवाद और कारोबारी रंजिश को मुख्य कारण माना जा रहा है, जो हाजीपुर की 14 बीघा जमीन से जुड़ा है। पटना पुलिस द्वारा दी जानकारी के अनुसार बीती रात पटना पुलिस ने विकास नाम के एक व्यक्ति का एनकाउंटर कर दिया। जानकारी के मुताबिक इस कांड में इसी व्यक्ति ने आरोपियों को हथियार मुहैया कराया था। वहीं पुलिस ने इस जानकारी भी दी उन्होंने लिखा कि “वांटेड अपराधी विकास उर्फ राजा को दमैया घाट के पास रात करीब 2.45 बजे पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया। घटनास्थल से एक पिस्तौल, एक गोली और एक कारतूस बरामद किया गया है।
शव को पोस्टमार्टम के लिए नालंदा मेडिकल कॉलेज, पटना भेज दिया गया है। सूचना पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी पटना सिटी 02 द्वारा 5:00 बजे, पुलिस अधिक्षक, नगर द्वारा 5:05 बजे एवं वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना द्वारा 5:20 बजे घटनास्थल पर पहुंच कर मामले की जांच की गई। विधि व्यवस्था की स्थिति सामान्य बताई गई है”। इस एनकाउंटर के बाद सबसे बड़ा सवाल जो लोगों के बीच चर्चा की विषय बना है, वह है कि क्या बिहार में भी योगी मॉडल लागू होने जा रहा है। गौरतलब है कि गंभीर आरोपों में शामिल पुलिस सीधा एनकाउंटर करती है। जिसके बाद ऐसे सवाल उठ रहे है। वहीं इस मामले में पुलिस अन्य आरोपियों की भी तलाश की जा रही है। गोपाल खेमका बिहार के टॉप 10 कारोबारियों में शुमार थे। उन्होंने अशोक राजपथ पर ‘औषधि मेडिको’ दवा दुकान से अपने कारोबार की शुरुआत की थी, जिसके अब पटना में कई ब्रांच हैं। इसके अलावा, वे पेट्रोल पंप, हाजीपुर में जीके कॉटन और कार्टन फैक्ट्री जैसे व्यवसायों से जुड़े थे। उनका बिजनेस साम्राज्य 100 करोड़ रुपये से अधिक का था। खेमका बांकीपुर क्लब के पूर्व सचिव और रोटरी इंटरनेशनल के डीजी भी रह चुके थे।
पुलिस की कार्रवाई और जांच कहां तक पहुंची?
पटना पुलिस और एसटीएफ ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई की। उमेश की गिरफ्तारी के बाद उदयगिरी अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 601 में छापेमारी कर अशोक साह समेत तीन लोगों को हिरासत में लिया गया। फ्लैट से जमीन से जुड़े दस्तावेज भी मिले हैं। बेऊर जेल में छापेमारी के दौरान पुलिस को मोबाइल, सिम कार्ड और संदिग्ध नंबरों की पर्ची मिली, जिससे गैंगस्टर अजय वर्मा के कनेक्शन का शक गहराया है।
पहले बेटे की हत्या, 7 साल बाद पिता गोपाल की
गोपाल खेमका की हत्या ने उनके परिवार को गहरा सदमा दिया है। सात साल पहले 2018 में उनके बेटे गुंजन खेमका की भी हाजीपुर में गोली मारकर हत्या हुई थी। गोपाल की मां ने रोते हुए कहा, ‘पहले मेरा पोता, फिर बेटा चला गया। मेरा परिवार उजड़ गया। मारवाड़ी भाइयों की सुरक्षा के लिए कुछ कीजिए।’
पुलिस पर उठे सवाल: हत्याकांड के बाद पुलिस की देरी से पहुंचने पर सवाल उठे हैं। परिजनों का आरोप है कि पुलिस घटनास्थल पर दो घंटे बाद पहुंची। जेडीयू नेता नीरज कुमार ने इसे कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती बताया, जबकि उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। पटना पुलिस ने दावा किया है कि हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली गई है और सभी आरोपियों को जल्द सलाखों के पीछे लाया जाएगा।