भारत बंद का बंगाल में व्यापक असर, टीएमसी के विरोध के बाद भी दुख रहा असर
कई जगहों पर बंद समर्थकों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

अशोक झा/ कोलकाता: कई श्रमिक सगंठनों ने आज बुधवार को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। ऐसे में आज राष्ट्रव्यापी हड़ताल होने जा रही है। हड़ताल में 25 करोड़ से अधिक श्रमिकों के शामिल होने की उम्मीद है, जिसमें बैंकिंग, बीमा, डाक, कोयला खनन और राज्य परिवहन समेत विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के लगभग 25 करोड़ से अधिक कर्मचारी शामिल हो रहे हैं। बंगाल के सिलीगुड़ी जलपाईगुड़ी समेत उत्तर बंगाल में भारत बंद को लेकर तनावपूर्ण माहौल देखने को मिला। बंद समर्थक शहर के प्रमुख स्थानों पर जमा हो गए। बस स्टैंड, पोस्ट ऑफिस अन्य महत्वपूर्ण जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने बस सेवाओं को रोकने की कोशिश की, जिससे स्थानीय स्तर पर तनाव की स्थिति बन गई।स्थिति बिगड़ने से पहले पुलिस ने बंद समर्थकों को चारों ओर से घेर लिया सात प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर कोतवाली थाने ले जाया गया। बंद का असर कुछ समय के लिए दैनिक जनजीवन पर भी देखने के लिए मिला। एक स्थानीय महिला ने कहा, मैं स्कूल में काम करती हूं, अब वहां जा रही हूं। स्कूल बंद है, लेकिन सरकारी बस चलेगी। मैं इसी भरोसे पर घर से निकली थी।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) यानी सीपीआई (एम) की छात्र इकाई एसएफआई युवा इकाई डीवाईएफआई के कार्यकर्ता सिलीगुड़ी के विभिन्न क्षेत्रों में और
नॉर्थ बंगाल स्टेट ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन डिपो पर जुटे। यह जगह जलपाईगुड़ी से लंबी दूरी की बस सेवाओं के लिए प्रमुख केंद्र है।
बंद को लेकर सीपीआई(एम) के दार्जिलिंग जिला सच्ची समन पाठक, दिलीप सिंह और जलपाईगुड़ी जिला नेता प्रदीप डे ने कहा, हमारे कार्यकर्ता अलग-अलग जगहों पर भारत बंद के समर्थन में सड़क पर उतरे हैं। यह बंद लोगों की जायज मांगों के समर्थन में बुलाया गया है हमें जनता से सपोर्ट मिल रहा है। नेताओं ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा, राज्य सरकार बंद को विफल करने के लिए पुलिस बल का इस्तेमाल कर रही है ताकि भाजपा को खुश किया जा सके। कई जगहों पर पुलिस ने जबरन बल का प्रयोग करने की कोशिश की है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी 9 जुलाई (बुधवार) को बिहार की राजधानी पटना में महागठबंधन के चक्का जाम आंदोलन का नेतृत्व करेंगे, जो विशेष गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण यानी एसआईआर के खिलाफ है।क्या बैंकिंग सेवाएं होंगी प्रभावित?
बैंकों ने 9 जुलाई के लिए कोई आधिकारिक अवकाश घोषित नहीं किया है, लेकिन बैंक कर्मचारी यूनियनों, जैसे कि ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉइज एसोसिएशन (AIBEA), ने हड़ताल में शामिल होने की पुष्टि की है। इसके कारण, देश भर में बैंकिंग सेवाएं, जैसे नकद लेनदेन, चेक क्लीयरेंस और शाखा सहायता, प्रभावित हो सकती हैं। हिंद मजदूर सभा के हरभजन सिंह सिद्धू ने बताया कि भारत बंद के कारण देशभर में बैंकिंग सेवाएं बाधित है। बंगाल प्रोविंशियल बैंक इम्प्लॉइज एसोसिएशन, जो ऑल इंडिया बैंक इम्प्लॉइज एसोसिएशन से संबद्ध है, उसने भी इस हड़ताल में भाग लेने की पुष्टि की है। हालांकि सरकार की ओर से अभी तक बैंक अवकाश की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।हालांकि, डिजिटल बैंकिंग सेवाएं जैसे एटीएम, ऑनलाइन बैंकिंग और यूपीआई लेनदेन सामान्य रूप से काम कर सकते हैं। ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी नजदीकी बैंक शाखा से पहले संपर्क करें ताकि असुविधा से बचा जा सके। बीमा क्षेत्र के कर्मचारी भी इस हड़ताल में शामिल होंगे, जिससे बीमा सेवाएं भी प्रभावित हो सकती हैं। बीमा और डाक सेवाएं भी हड़ताल में शामिल
बैंकिंग के साथ-साथ बीमा क्षेत्र के कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल हो रहे हैं, जिससे क्लेम प्रक्रिया, पॉलिसी सेवाएं आदि प्रभावित हो सकती हैं। वहीं, डाक सेवाओं में भी बड़े पैमाने पर रुकावट की संभावना है, खासकर डिलीवरी और अन्य लॉजिस्टिक सेवाओं में।बिजली आपूर्ति पर भी असर संभव:
एक रिपोर्ट के अनुसार, 27 लाख से अधिक बिजली विभाग के कर्मचारी भी इस बंद में शामिल होंगे। इससे बिजली आपूर्ति प्रभावित हो सकती है, विशेषकर राज्यों में जहां बिजली वितरण पूरी तरह से सरकारी एजेंसियों के अंतर्गत आता है।
रेलवे सेवाओं को लेकर स्थिति अस्पष्ट: रेलवे को लेकर फिलहाल कोई आधिकारिक हड़ताल की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन प्रदर्शन और रास्ता रोको जैसे विरोध कार्यक्रमों के चलते ट्रेनों की आवाजाही में देरी या रुकावट संभव है। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे यात्रा से पहले अपने गंतव्य की स्थिति की जानकारी लें। स्कूल और कॉलेज बंद?: फिलहाल, किसी भी राज्य सरकार ने भारत बंद के कारण स्कूलों और कॉलेजों के लिए आधिकारिक अवकाश की घोषणा नहीं की है। अधिकांश राज्यों में स्कूल और कॉलेज सामान्य रूप से खुले रहने की उम्मीद है। लेकिन आज ज्यादातर स्कूल और कॉलेज बंद ही नजर आ रहे है।
भारत बंद की वजह क्या है?
इस भारत बंद का आह्वान 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के मंच ने किया है। यूनियनों का आरोप है कि सरकार पिछले 10 वर्षों से वार्षिक श्रम सम्मेलन नहीं कर रही है। इसके अलावा, वे मौजूदा आर्थिक नीतियों को बेरोजगारी, महंगाई और मजदूरी में गिरावट के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। ट्रेड यूनियनों का कहना है कि सरकार द्वारा अपनाई जा रही नीतियां युवाओं के भविष्य के लिए खतरा हैं, जबकि देश की 65% जनसंख्या 35 वर्ष से कम उम्र की है, और 20 से 25 वर्ष के आयु वर्ग में बेरोजगारी सबसे अधिक है। यूनियनों का आरोप है कि सरकार की नीतियां श्रमिकों और किसानों के हितों के खिलाफ हैं, और वे सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण, आउटसोर्सिंग और ठेके पर आधारित रोजगार नीतियों का विरोध कर रहे हैं।कहा कि “बैंकिंग, डाक, कोयला खनन, कारखाने और राज्य परिवहन सेवाएं इस हड़ताल से प्रभावित हो रहा है।