ब्रिटिश संग्रहालय में रखी जायेगी गुलाबी गैंग कमांडर संपतपाल की लाठी,पिंक साड़ी,पेटिकोट, ब्लाउज भी
बांदा । अन्याय,अत्याचार,दहेज उत्पीडन,और पारिवारिक हिंसा की शिकार बुन्देलखंड की महिलाओं को उनका अधिकार दिलाने के मामले में सुर्ख़ियों में रही गुलाबी गैंग की राष्ट्रीय कमांडर “संपत पाल” की लाठी और उनका लिबास (पिंक साड़ी, ब्लाउज, पेटीकोट, )लंदन के केनसिंगटन डिजाइन संग्रहालय में रखा जाएगा। ब्रिटिश संग्रहालय ने राष्ट्रीय कमांडर के प्रतीक के तौर पर उनसे उनका यूनिफॉर्म और लाठी मांगी है। जिसे संपत पाल ने पैक करके भेज दिया है। महिला उत्पीडकों पर बरसाई जाने वाली अपनी लाठी और यूनिफॉर्म को संग्रहालय में रखे जाने पर संपत ने प्रसन्नता जताई है। बोलीं- हमारा लाठी मांगी, हमने भेज दिया। परन्तु इंग्लैण्ड मे इस लाठी को चलायेगा कौन ?
गुलाबी गैंग की राष्ट्रीय कमांडर संपत पाल ने बताया कि संग्रहालय की क्यूरेटोरियल प्रमुख प्रिया खानचंदानी ने 2 महीने पहले हमसे संपर्क किया था। जूम मीटिंग के बाद गुलाबी गैंग के परिधान 6 माह के लिए संग्रहालय में रखे जाने की बात कही थी। इस पर मैंने खुशी जाहिर करते हुए अपना सामान भेजने की सहमति दी थी। इसी आधार पर हमने शुक्रवार को अपनी पिंक साड़ी ब्लाउज,पेटिकोट भेज दिया है।
गुलाबी गैंग से जुडी हैं करीब 10 लाख महिलायें
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बर्तमान मे पूरे देश से तकरीबन 10 लाख महिलायें गुलाबी गैंग से जुडी हैं। यह संख्या दोगुनी भी हो सकती थी। परन्तु संपत पाल की बढती ताकत और हिम्मत को देखते हुये यहां की कुछ स्थानीय सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं ने अपनी अत्यंत कुटिल चाल का इस्तेमाल किया। गैंग को कमजोर करने के लिये अपने गुट की महिलाओं को गुलाबी गैंग मे शामिल कराकर गुटबाजी पैदा करा दी। नतीजतन गैंग कई टुकडों मे बंट गया। गुलाबी गैंग के नाम पर संस्था पोषित विरोधी गुट की महिलाओं ने कुछ ऐसे कृत्य कर डाले,जिससे गुलाबी गैंग की साख को बट्टा लगने लगा। इधर संपतपाल भी कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी के प्रभाव मे आकर कांग्रेस ज्वाइन करके मऊ-मानिकपुर विधानसभा छेत्र से विधानसभा चुनाव मे कूद पडी। वोट अच्छे मिले। किन्तु चुनाव हार गयी। नतीजा यह हुआ कि लोग गुलाबी गैंग की राष्ट्रीय कमांडर संपत पाल को राजनैतिक चश्मे से देखने लगे।
वर्ष 2006 मे बनाया था गुलाबी गैंग
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“बुन्देलखंड की शेरनी” के नाम से बिख्यात संपत पाल ने महिलाओं को उनका अधिकार दिलाने के लिए 12 फरवरी 2006 में गुलाबी गैंग का गठन किया था। गैंग की हर सदस्य को गुलाबी साड़ी और हाथ में लाठी लेकर चलने की नसीहत दी थी। गैंग जब भी महिलाओं के हक की लड़ाई लड़ने के लिए धरना प्रदर्शन करता ! तब महिलाएं इसी यूनिफॉर्म का प्रयोग करती थी। जिससे गुलाबी साड़ी गुलाबी गैंग की पहचान बन गई।
यूपी और भारत की महिलाओं के संघर्ष को वैश्विक पहचान दिलाने वाली संपतपाल को जब टीवी सीरियल बिग बॉस में स्थान मिला,तब उसने महिलाओं की हक की बात करके खूब सुर्खियां बटोरी थी। धीरे-धीरे गुलाबी गैंग पूरे देश में छा गया। इस पर माधुरी दीक्षित अभिनीत गुलाब गैंग फिल्म भी बनाई गई है। इसके अलावा अन्य देशों ने इनके संगठन को लेकर कई डॉक्यूमेंट्री फिल्में भी बनाई है।