बीएचयू में शोध कर रहे अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए नई योजना

• शोध कार्य हेतु उपकरणों के इस्तेमाल के लिए 40,000 रुपये का क्रेडिट इन्सेन्टिव
• कोई अन्य फेलोशिप नहीं पा रहे अंतरराष्ट्रीय पीएचडी शोधार्थियों को मिलेंगे 8000 रुपये प्रतिमाह तथा आकस्मिक राशि
वाराणसी: शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, द्वारा इंस्टिट्यूशन ऑफ एमिनेंस का दर्जा प्राप्त काशी हिन्दू विश्वविद्यालय दुनिया भर से विद्यार्थियों को आकर्षित करता है। बड़ी संख्या में विदेशी विद्यार्थी बीएचयू के स्नातक, परास्नातक तथा शोध पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेते हैं। विश्वविद्यालय में विदेशी विद्यार्थियों के लिए उत्तम सुविधाओं की उपलब्धता व विस्तार हेतु बीएचयू द्वारा अनेक क़दम उठाए गए हैं, जिससे वे गुणवत्तापरक अध्ययन व शोध के अपने लक्ष्य को हासिल कर सकें। इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने वाले अंतरराष्ट्रीय शोधार्थियों के लिए नई योजना आरंभ की गई है। योजना के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय शोधार्थियों को उनके शोध कार्य हेतु बीएचयू में उपकरणों के इस्तेमाल के लिए 40,000 रुपये का क्रेडिट इन्सेंटिव दिया जाएगा। साथ ही Q1 तथा Q2 शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित शोध में प्रथम लेखक होने पर वे 30,000 रुपये का अतिरिक्त क्रेडिट इन्सेन्टिव पा सकेंगे। आईओई-बीएचयू के तहत लागू इस योजना में ऐसे शोधार्थी जिनके पास कोई अन्य फेलोशिप नहीं है, मासिक 8000 रुपये पा सकेंगे। उन्हें बीएचयू-नॉन नेट पीएचडी शोधार्थियों की तरह आकस्मिक राशि भी दी जाएगी। Q1 तथा Q2 शोध पत्रिकाओं में शोध प्रकाशित होने पर वे 84,000 रुपये (एक बार मिलने वाला) का इन्सेन्टिव भी दिया जाएगा, जैसा बीएचयू में नॉन-नेट अन्य शोधार्थियों को मिलता है। इस नई योजना के तहत मासिक फेलोशिप का वर्तमान में 57 अंतरराष्ट्रीय शोधार्थी लाभ उठा सकेंगे।

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